दवाइयों पर जीएसटी के मुद्दे को लेकर टीएमसी, डीएमके सांसदों ने लोकसभा से किया वॉकआउट

नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने शुक्रवार को लोकसभा में जीवन बीमा प्रीमियम और कुछ दवाइयों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने का कड़ा विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग की।

शुक्रवार को सुबह 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में भारतीय निशानेबाज स्वप्निल कुसाले को पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने पर बधाई दी।

इसके बाद टीएमसी सांसद जीवन बीमा प्रीमियम और कुछ दवाइयों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने के फैसले को वापस लेने की मांग करते हुए वेल में आकर नारेबाजी करने लगे।

लोकसभा स्पीकर ने प्रश्नकाल की कार्यवाही चलने देने का आग्रह करते हुए टीएमसी सांसदों को शून्यकाल में बोलने देने की अनुमति देने का आश्वासन दिया।

प्रश्नकाल की कार्यवाही समाप्त हो जाने और आवश्यक दस्तावेजों को सदन के पटल पर पेश करवाने के बाद स्पीकर ने लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय को बोलने का मौका दिया।

बंदोपाध्याय ने जीवन बीमा प्रीमियम और कुछ दवाइयों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने पर कहा कि यह देश के लोगों को प्रभावित कर रहा है और इसलिए वे इसे तुरंत वापस लेने का प्रस्ताव रखते हैं।

डीएमके सहित कई अन्य विपक्षी राजनीतिक दलों के सांसदों ने भी उनकी मांग का समर्थन किया। अपनी मांग पर कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलने पर विरोध जताते हुए टीएमसी सांसदों ने कुछ समय तक सदन में नारेबाजी करने के बाद सदन से वॉकआउट कर दिया। डीएमके सांसदों ने भी टीएमसी का साथ देते हुए लोकसभा से वॉकआउट कर दिया।

वहीं कांग्रेस सांसदों ने भी सदन में जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का मुद्दा उठाने का प्रयास किया। लोकसभा में कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने राजनीतिक उत्पीड़न के लिए ईडी, सीबीआई और आयकर जैसी जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का मुद्दा उठाने के लिए सदन में स्थगन प्रस्ताव भी दिया था लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ने किसी भी स्थगन प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी।

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