नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर आज सुबह साल 1999 के इस युद्ध में सैनिकों के बलिदान का स्मरण किया। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, ” आज कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर हम उन बहादुर सैनिकों की अदम्य भावना और साहस को याद करते हैं जो 1999 के युद्ध में बहादुरी से लड़े थे। उनकी अटूट प्रतिबद्धता, वीरता और देशभक्ति ने सुनिश्चित किया कि हमारा देश सुरक्षित रहे। उनकी सेवा और बलिदान हर भारतीय और हमारी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।”
उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना ने कारगिल की लड़ाई में पाकिस्तान के छक्के छुड़ाते हुए 26 जुलाई 1999 को विजय प्राप्त की थी। यह युद्ध करीब दो माह लड़ा गया । प्रारम्भ में इसे पाकिस्तान की घुसपैठ माना गया, लेकिन नियंत्रण रेखा में खोज अभियान के बाद पाकिस्तान की नियोजित रणनीति का खुलासा हुआ। भारतीय सेना को अहसास हुआ कि हमले की योजना बड़े पैमाने पर की गई है।
इसके बाद भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन विजय’ का आगाज करते हुए सैनिकों को कारगिल क्षेत्र मे भेजा। इस युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों के अटूट दृढ़ संकल्प और अदम्य भावना को प्रदर्शन हुआ। कारगिल युद्ध पाकिस्तान के गलत इरादों का सुबूत है। भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान को सबक सिखाते हुए भारत के शौर्य और सामर्थ्य का अहसास पूरी दुनिया को कराया। वहीं पाकिस्तान के साथ हमदर्दी दिखानेवाली महाशक्तियों को भी दो-टूक लहजे में ऐसा करार जवाब दिया कि बोलती बंद हो गई। इस युद्ध में भारत ने भी अपने कई वीर योद्धाओं को खोया और उनका सर्वोच्च बलिदान देश के लिए एक मिसाल बन गया।