लखनऊ/मेरठ, 17 जुलाई। उत्तर प्रदेश में यात्री सुविधाओं के विकास के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार लगातार प्रदेश में परिवहन क्षेत्र की आधारभूत संचनाओं का विकास कर रही है। प्रदेश के विभिन्न शहरों में यात्री यातायात को लेकर विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं पर लगातार काम हो रहा है। ऐसे में, अब सीएम योगी की मंशा अनुसार मेरठ शहर के विभिन्न मार्गों पर स्थित 10 बस स्टॉप्स व यात्री शेल्टर्स का मेकओवर कर उन्हें आधुनिक बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इससे न केवल यात्री सुविधाओं में विकास की प्रक्रिया को गति मिलेगी बल्कि शहर के सौंदर्यीकरण का मार्ग भी प्रशस्त होगा। मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) ने अवस्थापना निधि के जरिए इन सभी कार्यों को पूर्ण करने की तैयारी शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि इस प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए एमडीए द्वारा सिंगल बिड प्रक्रिया के अंतर्गत आवेदन मांगे गए हैं जिससे एजेंसी निर्धारण की प्रक्रिया को पूरा कर उसे कार्य आवंटित किया जाएगा। इस विकास कार्य को पूर्ण करने के लिए 1.70 करोड़ रुपए का व्यय होगा।
मेडिकल कॉलेज, यूनिवर्सिटी समेत विभिन्न बस स्टॉप्स का होगा कायाकल्प
एमडीए की कार्ययोजना के अनुसार, जिन 10 बस स्टॉप्स व यात्री शेल्टर्स के कायाकल्प की प्रक्रिया को पूरा किया जाना है उसमें यूनिवर्सिटी के 2 बस स्टॉप्स, तेजगढ़ी बस स्टॉप, हापुड़ बस अड्डा बस स्टॉप, मेरठ मेडिकल कॉलेज में 2 बस स्टॉप, बच्चा पार्क बस स्टॉप तथा जीआईसी बस स्टॉप शामिल हैं। इन सभी बस स्टॉप्स में यात्री शेल्टर्स में विभिन्न प्रकार के विकास कार्य किए जाएंगे। इन्हें सोलर सेटअप से युक्त किया जाएगा तथा मुख्यतः 6 प्रकार के विकास कार्यों को यहां पूर्ण किया जाएगा। बस शेल्टर्स 6 मीटर लंबे व 2.5 मीटर चौड़े होंगे। इन्हें टफेन बैक सपोर्ट ग्लास युक्त किया जाएगा तथा कर्व ट्यूब स्ट्रक्चर के तौर पर बनाया जाएगा।
एफआरपी सिटिंग सपोर्ट सिस्टम युक्त बेंचों की होगी स्थापना
सभी 10 यात्री शेल्टर्स को एफआरपी सिटिंग सपोर्ट सिस्टम युक्त बेंचों की स्थापना की जाएगी। यह हेवी ड्यूरिबिलिटी और लॉन्ग ऑपरेशन पीरियड युक्त होंगी और 1750 मिलीमीटर लंबी एसएस 304 ग्रेड बेंचें होंगी। शेल्टर्स की छत 8 मिलिमीटर मल्टी वॉल पॉली कार्बोनेट शीट युक्त होगी। इतना ही नहीं, छत को फॉल्स सीलिंग युक्त भी किया जाएगा जो कि एक मिलिमीटर एसीपी शीट युक्त होगी। सभी बस स्टॉप्स व यात्री शेल्टर्स पर आईपी 67 मानक की एलईडी लाइट्स भी लगाई जाएंगी तथा वन किलोवॉट क्षमता का ऑन ग्रिड सोलर इन्वर्टर सिस्टम को भी इंस्टॉल किया जाएगा जिससे प्रकाश की व्यवस्था को सौर उर्जा आधारित करने में मदद मिलेगी।