नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में विदेशी आतंकियों के आतंक को समाप्त करने के लिए अब जम्मू कश्मीर पुलिस गांव-गांव में युवा ब्रिगेड तैयार करने जा रही है. इसके लिए 100 गांवों को चिह्नित किया गया है. यहां पर युवाओं को एसपीओ के रूप में भर्ती किया जाएगा. ये एसपीओ सुरक्षा बलों के लिए आंख और कान का काम करेंगे और आतंकियों के खिलाफ जंग भी लड़ेंगे. जम्मू कश्मीर पुलिस ने गांव के युवाओं को एसपीओ के रूप में भर्ती करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस भर्ती में गांव के युवाओं के लिए शारीरिक रूप से फिट होना सबसे जरूरी होगा. भर्ती के बाद इन एसपीओ को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. पुंछ में 47 राजोरी और रियासी में 22-22 तथा डोडा में 27 गांवों को चिह्नित किया गया है. यहां एसपीओ नियुक्त किए जाएंगे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू संभाग में एसपीओ की तैनाती इसी महीने पूरी करने का लक्ष्य है ताकि जल्द से जल्द इन युवाओं को ट्रेनिंग देकर तैनात किया जा सके.
पुलिस के सूत्रों के अनुसार, इस समय जम्मू कश्मीर में 135 आतंकियों की मौजूदगी है, जिनमें 110 विदेशी आतंकी हैं. अकेले राजौरी, पुंछ, रियासी और उधमपुर में इनकी संख्या 40 से 50 के बीच हो सकती है. ये आतंकी छोटे-छोटे समूहों में काम कर रहे हैं. इन्हीं सब के खात्मे के लिए नए युवा एसपीओ तैयार किए जा रहे हैं. ये एसपीओ स्थानीय स्तर पर पुलिस के साथ मिलकर आतंकियों का मुकाबला करेंगे. अपने इलाकों में खुफिया जानकारी जुटाने के साथ ये एसपीओ वीडीजी की कार्रवाई का नेतृत्व भी करेंगे. पुलिस इन एसपीओ को स्वचालित हथियार देने की योजना भी बना रही है.
कुछ दिन पहले जम्मू कश्मीर पुलिस ने डोडा और कठुआ में 5 विदेशी आतंकियों को मार गिराया था. इन ऑपरेशनों में स्थानीय एसपीओ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. पुलिस ने कठुआ में नौ एसपीओ को उनकी बहादुरी के लिए सम्मानित करते हुए उन्हें कांस्टेबल बना दिया. सुरक्षा एजेंसियों और जम्मू कश्मीर पुलिस को उम्मीद है कि इन युवाओं की भर्ती से पाकिस्तान द्वारा बनाई गई विदेशी आतंकियों की साजिशों को नाकाम करने में मदद मिलेगी.