पीसीएस-जे:-लपरवाहीयुक्त मानवीय भूल से अनुक्रमांक की जगह गलत कोड चस्पा होने से बदला कॉपियों में अंक

लखनऊ :  उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित पीसीएस-जे मुख्य परीक्षा-2022 में अंग्रेजी भाषा की उत्तर पुस्तिकाओं के अंक बदलने की गड़बड़ी वास्तव में लापरवाही से हुई एक मानवीय भूल थी, न कि किसी प्रकार का आपराधिक कदाचार। इस मानवीय भूल के चलते एक भी अभ्यर्थी की गोपनीयता भंग नहीं हुई। हालांकि आयोग ने किसी अन्य विसंगति अथवा त्रुटि की संभावना को दूर करने और अभ्यर्थियों में विश्वास बनाये रखने के दृष्टिगत संबंधित परीक्षा में सम्मिलित सभी अभ्यर्थियों की उत्तरपुस्तिकाओं के पुनरावलोकन कराये जाने का निर्णय लिया है। यहां यह कहना समीचीन होगा कि यूपीपीएससी में शुचिता सुनिश्चित करने के लिए पारदर्शी व्यवस्था के तहत अभ्यर्थियों को उत्तर पुस्तिकाएं दिखाने का भी प्रचलन है। यह अपने आप में विशिष्ट हैं, क्योंकि संघ लोक सेवा आयोग में भी उत्तर पुस्तिकाएं दिखाने का प्रचलन नहीं है।

आयोग के सूत्रों ने बताया कि मामले में आयोग द्वारा गठित जांच समिति ने पाया कि उक्त परीक्षा में केवल अंग्रेजी भाषा प्रश्नपत्र के एक बंडल की अंकतालिका के एक पृष्ठ (जिस पर संबंधित विषय के 25 अभ्यर्थियों के अंकों का विवरण होता है) पर चस्पा किये जाने वाले अभ्यर्थीवार कोड (मास्टर फेक) लापरवाही युक्त मानवीय भूल के कारण उसी अंकतालिका के दूसरे पृष्ठ (जिस पर संबंधित विषय के 25 अभ्यर्थियों के अंकों का विवरण होता है) पर चस्पा हो गया है तथा दूसरे पृष्ठ का अभ्यर्थीवार कोड (मास्टर फेक) पहले पृष्ठ पर चस्पा हो गया जिसके कारण संबंधित अभ्यर्थियों के अंग्रेजी भाषा के उत्तर पुस्तिकाओं के अंक परस्पर आपस में बदल गए और अंग्रेजी भाषा का प्राप्तांक त्रुटिपूर्ण हो गया। आयोग ने तय किया है कि उत्तर पुस्तिकाओं के अवलोकन का कार्य 30 जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा और उसके उपरान्त नियमानुसार अभ्यर्थियों के हित में कार्रवाई की जायेगी।

सूत्रों के अनुसार, संबंधित कार्य अति गोपन अनुभाग में अनुभाग अधिकारी के नेतृत्व में मुख्यत: 03 महिला कार्मिकों के द्वारा संपन्न किया गया, जो वर्षों से इस कार्य को कर रही हैं और उन्हें यह कार्य करने का व्यापक अनुभव भी था। बता दें कि संबंधित मुख्य परीक्षा में कुल 06 प्रश्नपत्र थे जिसमें 04 प्रश्नपत्र 200-200 अंकों के तथा 02 प्रश्नपत्र 100-100 अंकों के थे। कुल पूर्णांक 1000 अंकों का था, जिस प्रश्नपत्र में मानवीय भूलवश त्रुटि हुई वह मात्र 100 अंकों का था। इस प्रकार की त्रुटि भविष्य में न हो, इसके लिए आयोग द्वारा गोपनीय कार्यों का भी मूल्यांकन कर संस्थागत सुधार का कार्य किया जा रहा है। बता दें कि इस बार पीसीएसजे-2022 का अन्तिम चयन परिणाम मात्र साढ़े 06 माह में घोषित कर दिया गया और अंतिम चयन सूची में 55% महिलाओं को सफलता मिली है।

उक्त परीक्षा में लापरवाही युक्त मानवीय भूल के कारण हुयी त्रुटि के लिये सीधे उत्तरदायी एक अनुभाग अधिकारी, एक समीक्षा अधिकारी व एक सहायक समीक्षा अधिकारी को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई की जा रही है तो एक सेवानिवृत्त हो चुकी सहायक समीक्षा अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है। यही नहीं, पर्यवेक्षण कार्य में शिथिलता के लिए जवाबदेह मानते हुए एक उपसचिव के विरुद्ध अनुशासनिक कार्यवाही की जा रही है साथ ही, तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक के विरुद्ध अनुशासनिक कार्यवाही की तैयारी है।

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