जम्मू। बर्फानी बाबा के दर्शन के लिए शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए ऑफलाइन पंजीकरण भी प्रारंभ हो गया। आज सुबह पंजीकरण स्थल पर तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ देखी गई। दक्षिण जम्मू के एसडीएम मनु हंसा ने बताया कि सरस्वती धाम टोकन सेंटर से अमरनाथ यात्रियों को ऑफलाइन टोकन दिया जा रहा है। इसके आधार पर पंजीकरण होता है और तय होता है कि आगे वो किस दिन यात्रा करेंगे। हमारे तीन ऑफलाइन पंजीकरण केंद्र हैं।
उन्होंने बताया कि 27 जून के पंजीकरण के लिए 1000 लोगों कोटा आया है। यह लोग 29 जून को यात्रा करेंगे। 13 साल से कम आयु के बच्चों और 70 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति को यात्रा की अनुमति नहीं है। छह महीने से अधिक गर्भवती महिला को भी यात्रा की इजाजत नहीं है। उल्लेखनीय है कि अमरनाथ मंदिर की वार्षिक यात्रा 29 जून से प्रारंभ होगी। अमरनाथ यात्रा का पंजीकरण सोमवार से शुरू हो गया है।
पौराणिक मान्यता है कि बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व की कथा सुनाई थी। अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अनुसार अमरनाथ यात्रा का समापन 19 अगस्त को होगा। गुफा में भगवान शिव का रूप बर्फ से ही प्रकट होता है। अमरनाथ शिवलिंग को बाबा बर्फानी के रूप में भी जाना जाता है। भगवान अमरनाथ की गुफा लिद्दर घाटी में स्थित है। इस पवित्र बर्फ लिंगम के दर्शन करने के लिए भक्त जून-जुलाई और अगस्त के महीनों में कश्मीर के हिमालय में स्थित पवित्र गुफा तीर्थ की कठिन यात्रा करते हैं।
अमरनाथ गुफा 3880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में स्थित है जो श्रीनगर से 140 किलोमीटर, पहलगाम से करीब 45-48 किलोमीटर और बालटाल से करीब 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अमरनाथ यात्रा दो मार्गों से होती है। एक अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा नुनवान-पहलगाम मार्ग है। दूसरा गांदेरबल जिले में 14 किलोमीटर लंबा बालटाल मार्ग है।