मध्य प्रदेश की जीवन रेखा नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए राज्य सरकार कई कदम उठा रही है। वहीं, विपक्षी दल कांग्रेस ने भी सकारात्मक सहयोग देने की बात कही है।
कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा है कि नर्मदा नदी को संकट से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है, जिसमें सरकार, स्थानीय समुदाय, स्वयंसेवी संगठन और वैज्ञानिक संस्थान सभी की भागीदारी हो। इन प्रयासों के माध्यम से ही हम नर्मदा की स्वच्छता और उसका संरक्षण सुनिश्चित कर सकते हैं, जिससे यह नदी आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवनदायिनी बनी रहे।
कांग्रेस की ओर से सकारात्मक सहयोग का वादा करते हुए पटवारी ने कहा सकारात्मक विपक्ष के दृष्टिकोण से कांग्रेस ऐसे किसी भी अभियान में सरकार का साथ देने के लिए पूरी तरह से तैयार है, क्योंकि व्यक्तिगत रूप से मेरा मानना है कि हमारे छोटे-छोटे कदम मिलकर बड़ा बदलाव ला सकते हैं, बशर्ते सभी प्रतिबद्ध हों और निरंतर प्रयास करते रहें।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पटवारी ने आगे कहा, मध्यप्रदेश सहित अनेक राज्यों के लोगों के लिए जल स्रोत और सांस्कृतिक धरोहर मां नर्मदा, पिछले कुछ दशकों से संकटों का सामना कर रही हैं। प्रदूषण, अवैध रेत खनन, जलवायु परिवर्तन और अनियंत्रित औद्योगिकीकरण जैसे कारकों ने नर्मदा की धारा को खतरे में डाल दिया है। इसे बचाने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में वर्तमान में जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत राज्य की 212 नदियों में साफ-सफाई के साथ जल संवर्धन के कार्य किये जा रहे हैं। अभियान के दौरान राज्य की जल संरचना के जीर्णोद्धार और साफ-सफाई पर तीन हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च की जा रही है।
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