नई दिल्ली ( शाश्वत तिवारी)। विदेशों में स्थित भारतीय दूतावास और उच्चायोग अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2024 को सफल बनाने में जुटे हुए हैं। दुनिया के हर कोने में स्थित भारतीय मिशनों की ओर से विभिन्न योग सत्र आयोजित किए जा रहे हैं।
21 जून को दुनिया भर के देश 10वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाएंगे। इससे पहले विदेशों में ‘कर्टेन रेजर इवेंट’ और ‘योगा प्री-इवेंट’ आयोजित किए जा रहे हैं। हालांकि कई देशों में योग से जुड़े विशेष कार्यक्रम 1 महीने से भी अधिक समय से चल रहे हैं, मगर अब जून के पहले सप्ताह से विदेशों में करीब-करीब सभी मिशनों ने ऐसे कार्यक्रमों की संख्या बढ़ा दी है।
लोगों को योग के प्रति जागरूक करने और 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को सफल बनाने के लिए पड़ोसी देश चीन, नेपाल, श्रीलंका और म्यांमार के अलावा अमेरिका, इटली, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, स्विट्जरलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, नीदरलैंड, सऊदी अरब, वियतनाम, अर्जेंटीना, ब्राजील, बहरीन, सीरिया, जिम्बाब्वे, नाइजीरिया, जॉर्डन, कोटे डी आइवर, मेक्सिको, सेशेल्स, इंडोनेशिया और अन्य कई देशों में स्थित भारतीय उच्चायोग अलग-अलग शहरों में योग सत्र आयोजित कर रहे हैं, जिनमें भारतीय मूल के लोगों के साथ ही स्थानीय लोगों की मौजूदगी भी देखी जा रही है।
वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर योग सत्र की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा अभ्यास से योग आता है, योग से ज्ञान आता है, ज्ञान से प्रेम आता है और प्रेम से आनंद आता है। भारतीय दूतावास ने आगामी 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के लिए वाशिंगटन डीसी में एक कार्यक्रम का आयोजन किया। योग सत्रों में भाग लेने वालों में भारतीय मिशनों के अधिकारियों के अलावा स्थानीय स्कूली बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी वर्ग के लोग शामिल हैं। श्रीलंका के जाफना स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने मूक-बधिर बच्चों के लिए योग सत्र आयोजित किया, जिसमें बच्चों ने कई जटिल योग आसनों का प्रदर्शन किया।
भारतीय दूतावास और उच्चायोग की ओर से आयोजित किए जा रहे इन योग सत्रों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इनमें भारतीय मूल के लोगों के अलावा स्थानीय लोग भी बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। भारतीय मिशन योग सत्रों के लिए विशेषज्ञों को आमंत्रित करते हैं, जो लोगों को योग सिखाते हैं और योग से होने वाले फायदों के बारे में जागरूक भी करते हैं। केंद्र सरकार के पिछले कई वर्षों से चल रहे प्रयासों का ही परिणाम है कि अब भारतीय संस्कृति से जुड़ा योग विदेशों में भी तेजी से प्रसारित हो रहा है। दरअसल 27 सितंबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में दुनिया के तमाम देशों से योग दिवस को मनाने का आह्वान किया था और इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया था, जिसके बाद अगले वर्ष 2015 में पहली बार विश्व ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया।