लखनऊ, 01 जून। दो माह से भी अधिक चले चुनाव प्रचार कार्यक्रम और सात चरण के मतदान संपन्न होने के बाद अब सभी की नजर 4 जून को आने वाले जनता के फैसले पर है। वहीं इससे पहले 61 दिन में 12 राज्य और 2 केंद्र शासित प्रदेश में कुल 204 चुनावी कार्यक्रमों में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जलवा कायम रहा। न केवल जनता उन्हें देखने के लिए घंटों तपती धूप की परवाह किये बगैर जनसभा स्थलों पर डटी रही, बल्कि योगी के मुख से विपक्षियों के लिए निकली हर एक ललकार को भी पब्लिक ने हाथों हाथ लिया और जय श्रीराम के जयघोष से जनसभाओं में जोश में भर दिया।
मिट्टी में माफिया पर खूब उत्साहित हुई पब्लिक
विगत सात साल से यूपी की सत्ता संभाल रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि एक कठोर प्रशासक की भी बनकर उभरी है। प्रदेश से दुर्दांत माफिया साम्राज्यों को उखड़ने वाले योगी के भाषणों में भी उनका यही तेवर देखने को मिला। हर जनसभा में योगी ने माफिया तत्वों को मिट्टी में मिलाने और बेटी व व्यापारी को अभय प्रदान करने की बात कही। मंच से माफिया को मिट्टी में मिलाने की बात सुनते ही जनता भी जयश्रीराम और योगी-योगी के जयघोष से अपने जोश का हाई पारा दर्ज कराती रही। पश्चिमी यूपी में कभी सक्रिय रहे माफिया तत्वों को शिमला की ठंड याद दिलाने वाले योगी पूर्वांचल में भी गुंडे, बदमाशों और अपराधी तत्वों के खिलाफ जमकर गरजे। यही हाल बुंदेलखंड में हुई चुनावी जनसभाओं में भी देखने को मिला, जब योगी ने सैंड से लेकर लैंड माफिया और डकैतों की नकेल कसने की बात कही। जनता ने हर जगह माफिया के खिलाफ छेड़े गये योगी के संग्राम का एक स्वर से साथ दिया।
हर रैली में पाकिस्तान को दी खुली चुनौती
योगी आदित्यनाथ ने अपनी प्रत्येक रैली में प्रधानमंत्री के 10 साल के कार्यकाल का बखान तो किया ही, इस बीच पाकिस्तान के हालात को भी सीएम ने अपनी जनसभाओं में बखूबी बयां किया। योगी के मुंह से पाकिस्तान के लिए निकलने वाली हर चुनौती ने जनसभा में आई जनता को भरपूर जोश से भर दिया। सीएम ने पाकिस्तान के मौजूदा हालात के बारे में बताते हुए अपनी हर रैली में कहा कि मोदी राज में भारत के भीतर अगर कहीं पटाखा भी जोर से फट जाता है तो पाकिस्तान बिना देर किये सफाई देने लगता है, कि इसमें उसका कोई हाथ नहीं है, क्योंकि उसे पता है कि ये नया भारत है जो छेड़ता नहीं है और अगर किसी ने छेड़ने की कोशिश की तो उसे छोड़ता भी नहीं है। यही नहीं योगी लगे हाथ देश के अंदर बैठे उन लोगों पर भी निशाना साधते, जो पाकिस्तान की तरफदारी करते हैं। योगी ऐसे लोगों को मंच से ही सलाह दे डालते कि वो पाकिस्तान जाकर भीख मांगे। इसके बाद तो जनता भी योगी-योगी के नारों से पूरे पंडाल को जोश से भर देती।
औरंगजेब को फिर से जिंदा नहीं होने देना है
2024 के चुनावी महासमर में योगी ने इतिहास के सबसे क्रूर मुगल बादशाह की भी जमकर लानत-मलामत की। कांग्रेस को उसके घोषणापत्र के आधार पर घेरते हुए सीएम योगी ने अपनी तकरीबन हर जनसभा में औरंगजेब का जिक्र किया। उन्होंने एक तरफ कांग्रेस के घोषणापत्र को औरंगजेब का जजिया कर बताया, तो वहीं यूपी में औरंगजेब को अपना रोल मॉडल मानने वाले माफिया तत्वों को मिट्टी में मिलाने और कब्र में गाड़ देने वाला भाषण देकर जनता का भारी जोश बटोरा। योगी ने औरंगजेब को काशी विश्वनाथ मंदिर और मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर का ध्वंसक बताते हुए जनता से भी अपील की कि देश में दोबारा औरंगजेब जैसी मानसिकता वालों को जिंदा नहीं होने देना है। उन्होंने औरंगजेब के लिए यहां तक कहा कि आज कोई भी सभ्य मुसलमान अपने बेटे का नाम औरंगजेब नहीं रखना चाहता, क्योंकि उसने अपने बाप को जीते जी कैद करके पानी-पानी के लिए तरसाया था और अपने भाई की निर्मम हत्या की थी।
करते रहे देवी-देवताओं को प्रणाम, बताते रहे देश का मूड, गिनाते रहे उपलब्धियां
पूरे चुनाव प्रचार के दौरान योगी आदित्यनाथ जहां भी गये वहां के प्रमुख मंदिरों, देवी-देवताओं और वीर स्वतंत्रता सेनानियों को सबसे पहले नमन किया। सीएम योगी का ये अंदाज हर किसी ने हाथों हाथ लिया और उनका सभी जगह जनता ने बाहें पसार कर स्वागत किया। अपने भाषणों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ देश के मूड को भी बताते रहे। उन्होंने अपनी हर रैली में इस बात का विशेष रूप से उल्लेख किया कि वह जहां भी जा रहे हैं पूरा देश कहता सुनाई पड़ रहा है कि ”फिर एक बार मोदी सरकार और अबकी बार चार सौ पार”। इसके अलावा ”जो राम को लाए हैं हम उनको लाएंगे और रामभक्त ही राज करेगा दिल्ली के सिंहासन पर”। वहीं योगी ने बीते 10 साल में हुए विकास कार्यों, इन्फ्रास्ट्रक्चर और गरीब कल्याणकारी योजनाओं की उपलब्धियों को भी विशेष तौर पर गिनाया। साथ ही उनका फोकस जनता को इस बात के लिए भी जागरूक करने पर भी था कि मोदी राज में आतंक और नक्सलवाद पर करारा प्रहार किया गया है। इसके अलावा उन्होंने विरासत टैक्स के जरिए जजिया कर लगाने, पैतृक संपत्ति का सर्वे कराने, पर्सनल लॉ के जरिए तालिबानी शासन लागू करने और मनपसंद भोजन के अधिकार के बहाने गोकशी कराने की कांग्रेसी मंशा को भी अपनी हर रैली के दौरान उजागर किया।