दिल्ली में जल संकट पर आरोप-प्रत्यारोप के बीच सरकार पहुंची अदालत, विपक्ष का धरना प्रदर्शन

नई दिल्ली। पिछले एक सप्ताह से दिल्ली जल बोर्ड दिल्ली में नियमित और समुचित जलापूर्ति नहीं कर पा रहा है। जिसकी वजह से दिल्ली के लोगों की परेशानी बढ़ गई है। वहीं दिल्ली में पानी की कमी को लेकर दिल्ली सरकार ने हरियाणा को दोषी ठहराना शुरू कर दिया है।

दिल्ली सरकार यह कहते हुए कि दिल्ली में जलापूर्ति की जिम्मेवारी सभी की है और इसके साथ ही इन दोनों राज्यों से पानी लेने के लिए सर्वोच्च न्यायालय की ओर रुख कर चुकी है। उधर, दिल्ली में पानी की कमी को लेकर विपक्ष सड़कों पर धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया है। दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राष्ट्रीय राजधानी में जल संकट को लेकर शुक्रवार शहीदी पार्क से दिल्ली सचिवालय तक प्रदर्शन मार्च निकाला।

प्रदर्शन के दौरान नई दिल्ली लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार बांसुरी स्वराज ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (आआपा ) सरकार ने दिल्ली में कृत्रिम जल संकट पैदा कर दिया है। स्वराज ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड 2013 में 600 करोड़ रुपये के फायदे में था लेकिन वर्तमान में जल बोर्ड 73 हजार करोड़ रुपये के घाटे में हैं। उन्होंने दिल्ली में पानी की कमी और जल बाेर्ड को होनेवाले घाटे के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जिम्मेवार ठहराया।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि दिल्ली में जल संकट अरविंद केजरीवाल के कुप्रबंधन का नतीजा है। अब सरकार 2 हजार रुपये का जुर्माना लगा रही है। सचदेवा ने कहा कि यह जुर्माना नहीं बल्कि भ्रष्टाचार करने का एक और तरीका है। सचदेवा ने कहा कि पहले दिल्ली सरकार ने टैंकर माफिया को बढ़ावा दिया। इनके हर विधायक टैंकर माफियाओं के साथ मिलकर दिल्ली के लोगों को पानी बेच रहे हैं और उन्हें लूट रहें हैं।

दरअसल, दिल्ली में जल संकट के दो प्रमुख कारण हैं। पहला, प्रचंड गर्मी और दूसरा पानी के लिए पड़ोसी राज्यों पर निर्भरता। इन दिनों दिल्ली में भयानक गर्मी के चलते पानी की मांग बढ़ गई है। दिल्ली की आबादी की तुलना में पानी की सप्लाई पहले से कम है। इससे ज्यादा परेशानी महिलाओं को हो रही है। प्रदर्शन के दौरान काफी संख्या में महिलाएं हुई।

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