यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरने के बाद विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा दे चुके एमजे अकबर की तरफ से दायर मानहानि केस में वरिष्ठ वकील गीता लूथरा पक्ष रख रही हैं। गीता लूथरा ने कहा- ‘प्रिया रमानी ने पीड़ित के खिलाफ अपमान करने वाला ट्वीट किया, दूसरा ट्वीट को सीधे-सीधे अपमान करने वाला था, जिसे 1200 लोगों ने लाइक किया। इन ट्वीट्स को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भी कोट्स किया है। अब प्रिया रमानी इसे साबित करें।’ इस मामले में अब कोर्ट 31 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।
वहीं, कोर्ट में जाने से पहले एमजे अकबर की वकील गीता लूथरा ने कहा कि इन सबसे अकबर की 40 वर्षों की छवि धूमिल हुई है।
इस्तीफा देने से पूर्व ही अकबर ने महिला पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में आपराधिक मानहानि का केस दायर किया था। इससे पहले लॉ फर्म के वकील संदीप कपूर (केस लड़ रहे वकील) ने कोर्ट को एमजे अकबर का इस्तीफा भेज दिया है। एमजे अकबर ने अपने इस्तीफे में कहा है कि उन्होंने न्याय के लिए व्यक्तिगत तौर पर केस दायर किया है और अपने पद से हटकर खुद पर लगे झूठे आरोप का सामना करना चाहते हैं।
इस्तीफे में उन्होंने यह भी कहा है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के आभारी हैं, जिन्होंने उन्हें देश की सेवा करने का मौका दिया।
दरअसल, एमजे अकबर की तरफ से सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट में प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दायर किया गया था।
इसमें आरोप लगाया गया था कि उनकी छवि खराब करने के लिए झूठी कहानियों की एक श्रृंखला प्रसारित की जा रही है। इससे न सिर्फ उनकी पारिवारिक, बल्कि राजनीतिक छवि पर भी बुरा असर पड़ रहा है।
मालूम हो कि एमजे अकबर के साथ करीब 20 साल पहले काम कर चुकी प्रिया रमानी ने ट्विटर पर ‘मी-टू’ के तहत उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इसके बाद अन्य महिलाओं ने भी ट्विटर पर अकबर के खिलाफ ऐसे ही आरोप लगाए। जिस समय उन पर आरोप लगाए गए, उस समय वह आधिकारिक दौरे पर नाइजीरिया में थे।