उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कुंभनगरी इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया है. सरकार के इस फैसले को कई तरह से देखा जा रहा है, राजनीतिक दल इसका विरोध कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर तरह-तरह की मीम सामने आ रहे हैं.शहर का नाम बदलने की ये खबर दुनियाभर की अखबारों, वेबसाइटों पर छाई रही. दुनिया के कई मुख्य अखबारों ने इस खबर को इस तरह से लिखा है कि हिंदुत्ववादी सरकार ने शहर के मुस्लिम नाम को बदल दिया. कई अखबारों ने इसकी आलोचना भी की है और भारतीय जनता पार्टी, योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है.
पढ़ें किस अख़बार ने क्या लिखा…
> The Guardian (ब्रिटिश अखबार)
द गार्जियन की ओर से लिखा गया है कि राज्य की हिंदुत्ववादी सरकार ने शहर का नाम इस वजह से बदल दिया क्योंकि यह मुस्लिम नाम था. और इसे मुसलमान शासक द्वारा ही दिया गया था.
> Gulf Times ( कतर)
गल्फ टाइम्स ने इस खबर को भी आक्रामक तरीके से पेश किया है. अखबार ने लोगों के मिठाई बांटते हुए फोटो भी लगाई है. साथ ही उन्होंने ये भी लिखा है कि अगले साल होने वाले कुंभ से पहले ये फैसला बड़ा माना जा रहा है.
> Daily Pakistan (पाकिस्तान)
पाकिस्तानी अखबार डेली पाकिस्तान की तरफ से सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी को निशाने पर लिया गया है. जिसमें कहा गया है कि हिंदुत्ववादी पार्टी BJP की सरकार ने मुस्लिम नाम को बदलकर संस्कृत में शहर का नाम रखा है.
> Independent (ब्रिटेन)
मशहूर अखबार इंडिपेंडेंट ने भी इस खबर को खासी तवज्जो दी. अखबार ने लिखा है कि हिंदू राष्ट्रवादियों की सरकार ने शहर का इस्लामिक नाम बदलकर उसे संस्कृत नाम दिया.
गौरतलब है कि अगले साल होने वाले कुंभ से पहले इलाहाबाद चर्चा का केंद्र बना हुआ है. योगी सरकार कुंभ को लेकर बड़े पैमाने पर तैयारी कर रही है, शहर में जीर्णोद्धार का काम युद्ध स्तर पर जारी है. योगी कैबिनेट ने हाल ही में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है.
अकबर ने बदला था नाम
दरअसल, पुराणों में इलाहाबाद का नाम प्रयागराज ही था. लेकिन अकबर के शासनकाल में इसे बदलकर इलाहाबाद कर दिया गया था. इतिहासकार बताते हैं कि अकबरनामा और आईने अकबरी व अन्य मुगलकालीन ऐतिहासिक पुस्तकों से ज्ञात होता है कि अकबर ने सन 1574 के आसपास प्रयागराज में किले की नींव रखी थी.