झाँसी। राज्य परिवार नियोजन सेवा अभिनवीकरण परियोजना एजेंसी (सिफ्सा) बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी ईकाई द्वारा 19वें मानसिक स्वास्थ्य एवं जीवन कौशल कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पीयर एजुकेटर्स प्रशिक्षण में सहभागी रहे विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किया गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय जनसंचार संस्थान , (आईआईएमसी) नई दिल्ली के पूर्व महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि जानकारी का सही उपयोग करके ही समाज को दिशा दी जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज के समय में सूचनाएं बहुत ही तेजी से बढ़ती जा रहीं हैं लेकिन वह हमारे लिए उपयोगी है या नहीं इसकी जानकारी होनी जरुरी है। सूचना ही नहीं, ज्ञान भी बहुत जरुरी है। ज्ञान और विश्लेषण के आधार पर हम सही निष्कर्ष तक पहुँच सकते हैं।
कला संकाय अधिष्ठाता(डीन) प्रो. मुन्ना तिवारी ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य का हमारे विकास में बहुत ही अधिक है।मानसिक रूप से परेशान रहेंगे तो दूसरों के लिए भी समस्या बनते रहेंगे।उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक नियमित दिनचर्या बहुत जरुरी है। बिना नियमित दिनचर्या के हम किसी काम को किसी समय करेंगे और जीवन अस्त-व्यस्त हो जायेगा।उन्होंने कहा कि आज के समय में आपाधापी इतनी अधिक हो गयी है कि हमारे पास अपने लिए ही समय नहीं होता है । यह बहुत जरुरी है कि हम खुद के लिए थोडा समय निकालें।
सिफ्सा नोडल अधिकारी डॉ. श्वेता पाण्डेय ने बताया कि सिफ्सा बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झाँसी ने मानसिक स्वास्थ्य एवं जीवन कौशल के लिए आज 19वें संवेदीकरण शिविर का आयोजन किय। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के साथ ही साथ ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भी मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है।
इस अवसर पर डॉ. उमेश कुमार, डॉ. कौशल त्रिपाठी, गजेन्द्र सिंह एवं पीयर एजुकेटर्स अलादीन, कोमल, नगमा, निकेता, रौनक एवं अन्य उपस्थित रहे।