लखनऊ। योगी सरकार 19 फरवरी को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में होने जा रही जीबीसी 4.0 में 10 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने जा रही है। इसमें उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) की भूमिका बेहद अहम होने वाली है। जीबीसी के लिए तय लक्ष्य का करीब 15 प्रतिशत निवेश यूपीसीडा के माध्यम से जमीन पर उतरने वाला है। इसमें कई ऐसे बड़े प्रोजेक्ट्स भी शामिल हैं, जिनके धरातल पर उतरने से जिलों की तस्वीर और तकदीर बदल जाएगी। इन परियोजनाओं में इंटीग्रेटेड टाउनशिप, मॉल्स, प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क, रेल कोचेस, लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग, फूड प्रॉसेसिंग, सीमेंट इंडस्ट्री, हॉस्पिटल, बायो फ्यूल और मैन्युफैक्चरिंग जैसे तमाम बड़े सेक्टर्स में निवेश किया जाना है। इनमें से कई सारी परियोजनाएं चंदौली, ललितपुर, बस्ती, एटा, बुलंदशहर, अमेठी, मुरादाबाद और झांसी जैसे जिलों में लगेंगी, जिससे इन जिलों की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा और प्रदेश में इनका योगदान और बेहतर हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि यूपीसीडा ने पिछले वर्ष फरवरी में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से रिकॉर्ड तोड़ 3.5 लाख करोड़ से ज्यादा के प्रस्ताव (एमओयू) हासिल किए थे। इनमें से वह 1.5 लाख करोड़ के प्रस्तावों और परियोजनाओं को जीबीसी में उतारने जा रहा है। उल्लेखनीय है कि ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 2024 का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा।
चंदौली में इंटीग्रेटेड टाउनशिप परियोजना से मिलेंगे 18 हजार रोजगार
जीबीसी के माध्यम से पूर्वांचल के चंदौली में 7 हजार करोड़ से सॉलिड प्लाई प्रा. लि. इंटीग्रेटेड टाउनशिप का निर्माण करने जा रहा है। जीबीसी में इस परियोजना को पीएम मोदी हरी झंडी दिखाएंगे। 333 एकड़ में बनने वाली यह इंटीग्रेटेड टाउनशिप टूरिज्म पॉलिसी 2022, लॉजिस्टिक पॉलिसी 2022, इंडस्ट्रियल पॉलिसी 2022, (नॉन पॉल्यूटिंग इंडस्ट्री) एजुकेशन, हेल्थ, हाउसिंग, पीएम आवास और ईओडब्ल्यू आदि में कवर होगी। इसके माध्यम से प्रदेश सरकार चंदौली में 6 हजार रोजगार का सृजन कर सकेगी। इसके अलावा चंदौली में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर नोएडा डेवलपमेंट कंपनी के द्वारा इंटीग्रेटेड टाउनशिप और मॉल्स का विकास किया जाएगा। इसके जरिए 12 हजार रोजगार का सृजन होगा। अकेले इन दोनों परियोजनाओं के माध्यम से ही चंदौली में 18 हजार रोजगार सृजित होंगे। इसके अतिरिक्त वाराणसी में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के तहत भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स 1325 करोड़ की लागत से इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स का निर्माण करेगी। इसके जरिए 100 लोगों को रोजगार मिलेगा, जबकि एपेक्स वेलकेयर ट्रस्ट 325 करोड़ से हॉस्पिटल और कॉलेज की स्थापना करेगा जिससे 50 लोगों को रोजगार मिलेगा। अनीता डिस्टलरी बस्ती में 300 करोड़ से बायो फ्यूल सेक्टर के तहत एथेनॉल, ईएनए और बॉटलिंग डीडीजीएस प्रोड्यूस करेगी, जिससे 1500 रोजगार मिलने की संभावना है।
झांसी में बनेंगे एलबीएस कोच, चित्रकूट में फूड प्रॉसेसिंग प्लांट
बुंदेलखंड में भी यूपीसीडा की कई बड़ी परियोजनाएं जीबीसी 4.0 के माध्यम से मूर्त रूप लेंगी। इसके तहत झांसी में रेल विकास निगम लि. 2840 करोड़ की लागत से एलबीएस कोच और ट्रैक वर्क्स की स्थापना करेगी। इसके जरिए 1500 रोजगार सृजित होंगे। वहीं, चित्रकूट के बारगढ़ में वरुण बेवरेजेस लि. 1252 करोड़ रुपए से फूड प्रॉसेसिंग सेक्टर में निवेश करेगी। इसके माध्यम से वह फ्रूट पल्प और फ्रूट जूस बेस्ड ड्रिंक्स के प्रोजेक्ट को स्थापित करेगी। इससे 1500 रोजगार सृजित होने की संभावना है। इसी तरह, ललितपुर में एफएसकेफॉइल इंडिया प्रा. लि. 250 करोड़ की लागत से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश करेगी। वह एल्युमीनियम टेप, एल्युमीनियम फॉइल वुवेन, एल्युमीनियम फॉइल पे कोटिंग, क्राफ्ट फेसिंग, हीट सीलिंग जैसे प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग करेगी।
मुरादाबाद में लॉजिस्टिक तो अमेठी में फूड प्रॉसेसिंग में होगा निवेश
निवेश के लिहाज से प्रदेश का पश्चिमांचल हिस्सा हॉट स्पॉट रहा है और जीबीसी 4.0 के माध्यम से यहां कुल लक्ष्य के 50 प्रतिशत से ज्यादा परियोजनाओं की शुरुआत होने जा रही है। यूपीसीडा के अंतर्गत भी इस क्षेत्र में कई परियोजनाओं पर मुहर लगेगी। इनमें गाजियाबाद में 6000 करोड़ से स्वदेशी इंडस्ट्रियल पार्क प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना करेगी, जिससे करीब 5 हजार रोजगार उत्पन्न होंगे। मुरादाबाद में हिंद टर्मिनल (शराफ ग्रुप) लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग में 1250 करोड़ निवेश करेगा और 1250 रोजगार भी सृजित करेगा। अमेठी में वरुण बेवरेजेस 780 करोड़ से फूड प्रॉसेसिंग में निवेश करेगी, जिसके माध्यम से 250 रोजगार प्राप्त होंगे, वहीं मून बेवरेजेस लि. हापुड़ में 756 करोड़ से कोक, फैंटा, लिमका, स्पाइस, थम्सअप, किनले सोडा, माजा और रिमझिम जैसे प्रोडक्ट्स का प्रोडक्शन करेगा। मेरठ में विश्वकर्मा इंडस्ट्रियल स्टेट 626 करोड़ से प्राइवेट इंडस्ट्रिय पार्क डेवलप करेगी, जिससे 6570 रोजगार प्राप्त होने की संभावना है। एटा में श्री सीमेंट नॉर्थ इंडिया 600 करोड़ से नॉन मेटेलिक मिनरल प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग करेगी, जिससे 245 रोजगार प्राप्त होंगे। वहीं बुलंदशहर में कनोडिया सीमेंट लि. 452 करोड़ से नॉन मेटेलिक मिनरल प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाएगी। इससे 250 लोगों रोजगार मिलेगा। मेरठ में ही मानसरोवर इंफ्राबिल्ड 265 करोड़ से प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क (करीब 10 हजार रोजगार) स्थापित करेगी तो आरके लक्ष्मी लॉजिस्टिक संतकबीरनगर में लॉजिस्टिक एंड वेयरहाउसिंग (380 रोजगार) में 250 करोड़ रुपए निवेश करेगी।
45 से अधिक जिलों में परियोजनाओं का होगा शुभारंभ
यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने बताया की प्राधिकरण ने प्रदेश के 45 से अधिक जिलों में लगभग 1.5 लाख करोड़ के एमओयू जीबीसी के लिए तैयार किए हैं। इसमें लगभग 3500 से अधिक इकाइयां अपना उद्योग स्थापित करेंगी, जिनमें मथुरा के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में 6660 करोड़ का निवेश प्राप्त होगा। वहीं बुलन्दशहर में 3915 करोड़ का निवेश, अमेठी में 1693 करोड़ का निवेश, मेरठ में 1455 करोड़ का निवेश, गौतमबुद्ध नगर में 1129 करोड़ का निवेश , अलीगढ़ में 213 करोड़ का निवेश प्राप्त होगा। इससे न केवल नए-नए रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे, बल्कि प्रदेश आर्थिक रूप से भी सशक्त होगा, साथ ही भारत की जीडीपी में यूपी का योगदान भी बढ़ेगा।