लखनऊ, 9 फरवरी। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सड़क हादसों और उससे होने वाली मौतों पर अंकुश लगाने के लिए गंभीरता से प्रयास किए हैं। इसके लिए सरकार की ओर से न सिर्फ व्यापक पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, बल्कि नियमावली के माध्यम से लोगों को सड़क पर सेफ ड्राइविंग के लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त नियमावली के उल्लंघन पर योगी सरकार सख्ती से प्रवर्तन कार्यवाही को भी अंजाम दे रही है। शुक्रवार को विधानसभा में परिवहन विभाग से संबंधित ऐसे ही सवालों पर योगी सरकार की ओर से सड़क सुरक्षा संबंधी तथ्यों से सदन को परिचित कराया गया। इसमें बताया गया कि सरकार ने एक्सप्रेसवे पर ओवरस्पीडिंग की रोकथाम के साथ-साथ लोगों को हेल्मेट, सीट बेल्ट लगाने के लिए प्रोत्साहित किया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में राज्य सड़क सुरक्षा नीति के साथ ही जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक के माध्यम से भी सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं।
एएनपीआर कैमरा से हो रही ओवरस्पीडिंग पर कार्यवाही
परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि समस्त एक्सप्रेस-वे पर ओवरस्पीडिंग की रोकथाम के लिए इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों के अंतर्गत एएनपीआर कैमरा के द्वारा ओवरस्पीडिंग करने वाले वाहनों के विरूद्ध ऑटोमेटिक ई-चालान की कार्यवाही की जा रही है। ओवरलोडिंग करने वाले वाहनों के विरूद्ध एक्सप्रेव-वे पर वे-इन मोशन की स्थापना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी द्वारा की गई है। इसके अतिरिक्त समस्त टोल प्लाजा पर लगे पब्लिक एड्रेस सिस्टम के द्वारा चालकों एवं वाहन स्वामियों को ओवरस्पीडिंग एवं ओवरलोडिंग न किए जाने, अपनी लेन में वाहन चलाने, नशे की हालत में वाहन न चलाने, गलत दिशा में वाहन न चलाने, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग न करने, वाहन चलाते समय सीटबेल्ट का प्रयोग करने, दोपहिया वाहन चलाते समय हेल्मेट लगाने/पहनने की जानकारी दी जाती है। जन मानस में सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम जैसे- सेमिनार, नुक्कड़ नाटक, बाइकथॉन, स्टेक होल्डर्स कार्यशाला, सड़क सुरक्षा गोष्ठी, स्कूटर वाहन रैली का आयोजन किया जाता है तथा सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों से संबंधित लीफलेट-पम्फलेट/पॉकेट कैलेन्डर/फोल्डर आदि का वितरण किया जाता है। विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के स्तर पर सड़क सुरक्षा से संबंधित विषयों पर निबंध, चित्रकला एवं भाषण प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता उत्पन्न की जाती है।
प्रवर्तन कार्यवाही पर भी फोकस
सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों का विश्लेषण कर हेल्मेट/सीटबेल्ट न पहनने, ओवर स्पीडिंग करने, ड्रंकन ड्राइविंग, रांग साइड ड्राइविंग तथा वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग करने वाले व्यक्तियों के विरूद्व प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही किए जाने के लिए प्रत्येक जनपद के लिए लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। यातायात नियमों के प्रति लोगों को अनुशासित एवं जागरूक बनाए जाने के लिए प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही के अंतर्गत प्रत्येक सप्ताह में किसी भी दो दिन हेलमेट एवं सीट-बेल्ट के विरूद्ध औचक चेकिंग की कार्यवाही कराई जाती है। 44 इण्टरसेप्टर वाहनों द्वारा ओवर स्पीडिंग के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। 276 ब्रेथ-एनालाइजर द्वारा ड्रंकन ड्राइविंग के विरूद्ध कार्यवाही कराई जाती है। विभिन्न अपराधों में ड्राइविंग लाईसेंस निलंबन की कार्यवाही की जा रही है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के लगभग 9682 एवं उच्च शिक्षा विभाग के लगभग 1015 रोड सेफ्टी क्लबों का गठन किया जा चुका है, जिसके द्वारा छात्रों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता लाई जाती है।
05 वर्षो में ये की गई प्रवर्तन की कार्यवाही
- अपराध 2018-19, 2019-20, 2020-21, 2021-22, 2022-23
- हेलमेट का प्रयोग न करना 2,79,515, 3,53,193, 2,82,079, 2,96,521, 4,36,107
- सीटबेल्ट का प्रयोग न करना 1,04,791, 1,16,813, 87,916, 96,915, 1,33,221
- वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग 7,080, 10,034, 14,844, 19,181, 37,303
- ओवरस्पीडिंग 6,039, 36,046, 75,028, 45,696, 1,18,992
- रांग साइड ड्राइविंग -, -, 10,894, 9,918, 25,940
- ड्रंकन ड्राइविंग 41, 202, 132, 351, 2,042
- ओवरलोडिंग 73,984, 72,152, 84,926, 77,555, 1,41,946
नोटः आंकड़े चालानों की संख्या से संबंधित हैं
सार्वजनिक सेवायानों से होने वाली दुर्घटनाओं में दी जा रही सहायता राशि
उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग द्वारा सार्वजनिक सेवायानों से घटित होने वाली दुर्घटनाओं में मृतक/घायलों के आश्रितों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है तथा उत्तर प्रदेश मोटरयान कराधान नियमावली में सुसंगत प्रावधानों के अनुसार जिलाधिकारी के स्तर से मृतक/घायलों के संबंध में जांच आख्या प्राप्त होने पर सहायता धनराशि आंवटित की जाती है। उप्र मोटरयान कराधान (छठवां संशोधन) नियमावली, 2009 के आधार पर सहायता राशि प्राविधानित की गयी है, जिसमें मृतक बस यात्री की दशा में 40,000 रुपए तथा अन्य मृतक की दशा में 10,000 हजार रुपए आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान है। नियमावली के अंतर्गत परिवहन विभाग द्वारा वर्ष 2021-22 में 135 मृतकों के आश्रितों को 20.85 लाख रुपए एवं वर्ष 2022-23 में (दिसम्बर, 2022 तक) 58 मृतकों के आश्रितों को 12.20 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।
1696 बीएस-6 बसों का हो रहा संचालन
परिवहन निगम में बसों के बेड़े से संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि परिवहन निगम में 28 जनवरी 2024 तक 8664 बसों का संचालन किया जा रहा है। वर्ष 2022-23 में 1489 बसें तथा वर्ष 2023-24 में अर्थात इन 2 वर्ष में कुल 2040 बसें फ्लीट से सेट अपार्ट की जा चुकी है। नीलामी की शर्तें पूरी करने वाली बसों को फ्लीट से सेट अपार्ट करके निरंतर नीलामी की कार्यवाही की जाती है। वहीं उन्होंन ये भी बताया कि वर्ष 2022-23 में 502 तथा वर्ष 2023-24 में 1094 समेत कुल 1596 नई बीएस-6 डीजल बसें एवं 100 सीएनजी बसों समेत कुल 1696 बसों को क्रय करके संचालन हेतु क्षेत्रों को उपलब्ध कराया जा चुका है।
60 वर्ष से ऊपर की महिलाओं को निशुल्क यात्रा पर हो रहा विचार
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि 60 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को परिवहन निगम की बसों में नि:शुल्क बस यात्रा सुविधा प्रदान किए जाने का प्रस्ताव विचाराधीन है। वहीं, छात्रों के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में विद्यार्थी पास योजना प्रभावी है, जिसमें विद्यार्थियों से 25 सिंगल ट्रिप का किराया चार्ज कर 60 यात्रा तक का (अधिकतम सीमा 60 किमी तक) विद्यार्थी मासिक पास योजना लागू है।