वन्यजीव आवासों के एकीकृत विकास पर भी योगी सरकार का फोकस

लखनऊ, 25 जनवरी। उत्तर प्रदेश के समेकित विकास का खाका खींच रही योगी सरकार प्रदेश में वन्यजीवों के संरक्षण व उन्हें आश्रयस्थल मुहैया कराने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। इस क्रम में केंद्र सरकार की ‘इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ वाइल्डलाइफ हैबिटैट्स’ योजना को भी उत्तर प्रदेश में क्रियान्वित करने पर योगी सरकार का विशेष फोकस है। प्रदेश में वन्यजीवों को संरक्षित वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी व अन्य वन क्षेत्रों में संरक्षण प्रदान हो सके इसके लिए वन्यजीव आवासों के एकीकृत विकास की प्रक्रिया को भी सुचारू रखने के दृष्टिगत योगी सरकार ने प्रबंध किए हैं। इस क्रम में योगी सरकार द्वारा पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन अनुभाग को योजना के कार्यपालन के लिए प्रावधानित 4.85 करोड़ रुपए की धनराशि वित्तीय व प्रशासकीय स्वीकृति के बाद जारी कर दी गई है। इस परियोजना के अंतर्गत होने वाले सभी निर्माण कार्यों को उत्तर प्रदेश शासन की रूलबुक के अनुसार पूर्ण किया जाएगा तथा प्रधान मुख्य वन संरक्षक की देखरेख में सभी निर्धारित कार्यों को पूर्ण किया जाएगा। प्रधान मुख्य वन संरक्षक इस बात को भी सुनिश्चित करेंगे कि निर्माण कार्यों में किसी प्रकार की कोई गुणवत्ता संबंधी शिकायत की गुंजाइश न रहे।

अंब्रेला योजना बनी वन्य जीवों के संरक्षण का माध्यम

केंद्र सरकार की ‘इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ वाइल्डलाइफ हैबिटैट्स’ अंब्रेला योजना में प्रोजेक्ट टाइगर (सीएसएस-पीटी), वन्यजीव आवासों का विकास (सीएसएस-डीडब्ल्यूएच) और हाथी परियोजना (सीएसएस-पीई) की केंद्र प्रायोजित योजना शामिल है। इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश के टाइगर रिजर्व्स व संरक्षित वन क्षेत्रों में हो रहा है। योजना के अंतर्गत शामिल गतिविधियों में कर्मचारी विकास और क्षमता निर्माण, वन्यजीव अनुसंधान और मूल्यांकन, अवैध शिकार विरोधी गतिविधियाँ, वन्यजीव पशु चिकित्सा देखभाल, मानव-पशु संघर्ष को संबोधित करना और पर्यावरण-पर्यटन को बढ़ावा देना शामिल है। इसके अतिरिक्त, संरक्षित क्षेत्रों से अन्य क्षेत्रों में समुदायों के स्थानांतरण के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है। इस योजना के तीन घटक हैं जिनमें संरक्षित क्षेत्रों (राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभयारण्य, संरक्षण रिजर्व और सामुदायिक रिजर्व) को सहायता प्रदान करना, संरक्षित क्षेत्रों के बाहर वन्यजीवों का संरक्षण व गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियों और आवासों को बचाने के लिए पुनर्प्राप्ति कार्यक्रम शामिल है।

कई अन्य योजनाएं भी मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने में हो रहीं सहायक

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ वाइल्डलाइफ हैबिटैट्स के साथ ही कई अन्य योजनाओं का भी संचालन कर रही है जिनके जरिए मानव वन्यजीव संघर्ष को प्रभावी ढंग से रोकने की पहल की जा रही है। इसके अलावा, कोर/क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट से स्वैच्छिक पुनर्वास का विकल्प चुनने वाले समुदायों को प्रोजेक्ट टाइगर (सीएसएस-पीटी) की योजना के तहत और 800 परिवारों को वन्यजीव पर्यावास के विकास की केंद्र प्रायोजित योजना के तहत लाभान्वित किया जाता है। इस योजना से रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप बाघ अभयारण्यों/संरक्षित क्षेत्रों में और उसके आसपास के लोगों का आर्थिक उत्थान हो रहा है और साथ ही स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग से प्रतिस्थापन के साथ प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भरता में भी कमी आ रही है। इससे आसपास रहने वाले लोगों को भी अप्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।

रोजगार के अवसर भी हो रहे पैदा

वन क्षेत्रों में संरक्षण के लिहाज से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के जरिए योगी सरकार स्थानीय जनता को गाइड, ड्राइवर, आतिथ्य कर्मियों और अन्य सहायक नौकरियों में सेवा करने के अवसर भी उपलब्ध करा रही है। ये योजनाएं विभिन्न पर्यावरण-विकास परियोजनाओं के माध्यम से लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में विभिन्न कौशल प्रदान करने को बढ़ावा देती हैं, जिससे वे स्वरोजगार के लिए सक्षम हो सकेंगे। इन योजनाओं के कारण पर्यटक यात्राओं के माध्यम से संसाधन सृजन होगा, जिससे बाघ स्रोत क्षेत्रों और वन्यजीव संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण अन्य क्षेत्रों को सुरक्षित करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा जीवन समर्थन प्रणालियों को बनाए रखने के साथ-साथ भोजन, पानी और आजीविका सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी मदद मिलती है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com