(शाश्वत तिवारी): युगांडा के कंपाला में आयोजित गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) के 19वें शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर युगांडा में है। इस दौरान मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर विचार-विमर्श हुआ। समिट से पहले होने वाली एनएएम विदेश मंत्रियों की बैठक में विदेश राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। वहीं विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन 21-22 जनवरी को कंपाला में आयोजित होने वाले जी-77 तीसरे दक्षिण शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
समिट में भाग लेने के लिए गुरुवार को कंपाला पहुंचे जयशंकर ने मालदीव, मिस्त्र, अंगोला और बेलारूस के अपने समकक्षों के साथ मुलाकात की और महत्वपूर्ण विषयों पर विचार साझा किए। उन्होंने मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर के साथ दोनों देशों के संबंधों पर बातचीत की और साथ ही एनएएम से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की। उनकी बेलारूस के विदेश मंत्री सर्गेई एलेनिक के साथ दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने पर भी विस्तृत चर्चा हुई। इसके अलावा जयशंकर ने मिस्र के विदेश मंत्री समेह शौकरी से गाजा में चल रहे संघर्ष पर चर्चा की। उन्होंने अंगोला के विदेश मंत्री टेटे एंटोनियो के साथ बैठक के बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा भारत-अंगोला और भारत-अफ्रीका सहयोग के विस्तार पर चर्चा की। साथ ही बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग की भी बात हुई। भारतीय नागरिकों के लिए वीजा-मुक्त व्यवस्था बढ़ाने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।
दुनिया भर के 120 विकासशील देशों के नेता इस समिट के लिए कंपाला में एकत्र हुए हैं, जिसका उद्देश्य गंभीर वैश्विक मुद्दों को संबोधित करना और सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है। समिट की थीम ‘साझा वैश्विक समृद्धि के लिए सहयोग को गहरा करना’ रखी गई है। विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, एनएएम के अग्रणी और संस्थापक सदस्यों में से एक के रूप में, भारत आंदोलन के सिद्धांतों और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध है।