पंजाब में तबाही मचाने के लिए कश्मीरी आतंकी मूसा ने खालिस्तान समर्थक आतंकियों से भी हाथ मिलाया है। तीन कश्मीरी आतंकियों की जालंधर से गिरफ्तारी के बाद खुफिया एजेंसियों ने अपनी जांच इस दिशा में भी शुरू कर दी है। सूत्र बताते हैैं कि मुजफ्फराबाद में अलकायदा के आतंकी ट्रेनिंग शिविर में तैयार किए जा रहे बब्बर खालसा के आतंकियों का इस्तेमाल मूसा पंजाब में ब्लास्ट के लिए करने की तैयारी में था।
गुरदासपुर के दीनानगर व पठानकोट में बीते सालों में लश्कर-ए-तोयबा व जैश-ए-मोहम्मद द्वारा करवाए गए आतंकी हमलों के मद्देनजर मूसा ने इस बार खालिस्तान समर्थक आतंकियों के इस्तेमाल की रणनीति पर काम शुरू किया था। उसकी कोशिश थी कि आतंक की पूरी ट्रेनिंग लेकर पंजाब जाने वाले कश्मीरी युवा आतंकियों को ज्यादा से ज्यादा समय तक पंजाब में ही सुरक्षित रखा जाए। इन्हें पार्सल पहुंचाने व लाने के अलावा सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए ही वह इस्तेमाल कर रहा था।
मूसा की इसी रणनीति पर पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद के आतंकी ट्रेनिंग कैंप में बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकियों को ट्रेनिंग दी जा रही थी। इन आतंकियों को पंजाब के बारे में अच्छी जानकारी है और वारदात स्थल व टारगेट को लेकर ये कश्मीरी आतंकियों से ज्यादा बेहतर साबित हो सकते हैं। जालंधर के मकसूदा थाने में करवाए गए ब्लास्ट को भी पुलिस इस नजरिए से देख रही है। जिस प्रकार से बाइक सवार थाने के परिसर में बम फेंककर मौके से निकल गए वह काम भी इन्हीं का हो सकता है।
एनआइए व इंटेलिजेंस ब्यूरो के अलावा जम्मू-कश्मीर की एसओजी तथा पंजाब पुलिस ने संयुक्त रूप से इस बाबत सारी सूचनाएं साझी करनी शुरू कर दी है। जम्मू-कश्मीर एसओजी के दो अधिकारी और एनआइए की 7 अधिकारियों की टीम ने इस पूरे मामले की साइंटिफिक तौर पर पड़ताल शुरू की है। डीजीपी सुरेश अरोड़ा का कहना है फिलहाल जांच पूरी होने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है।
चावला व पीएचडी मिले थे सीमा पार
सीमा पार बीते महीनों में पाक सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के गोपाल चावला और पंजाब में धार्मिक नेताओं की हत्याओं में पुलिस को वांछित हैप्पी पीएचडी दो बार मुलाकात कर चुके हैं। इनकी मुलाकात का एजेंडा पंजाब में फिर से अस्थिरता लाना था। इस मुलाकात में लश्कर ए तोयबा और अलकायदा के प्रमुखों ने भी भूमिका निभाई थी। इसकी जानकारी खुफिया एजेंसियों को भी है। चावला लंबे समय से इंटरनेशनल सिख फेडरेशन के प्रमुख व हैप्पी के साथ संपर्क में है।
कश्मीरी आतंकियों का डबल लेयर पर होना था इस्तेमाल
खुफिया एजेंसियां इस बात की भी पड़ताल कर रही हैं कि गिरफ्तार कश्मीरी आतंकियों का इस्तेमाल मूसा ने वारदात के समय करना था या वारदात से पहले। मूसा ने वारदात के लिए पंजाब से ही जुड़े आतंकियों का इस्तेमाल करना था, लेकिन उनकी जानकारी के बिना वारदात को अंजाम देने वाले आतंकियों के पीछे कश्मीरी आतंकियों को रखना था। मूसा की कोशिश थी कि डबल लेयर से चूक की गुंजाइश नहीं रहेगी। वारदात के बाद उन्हें मौके से निकाल कर फरार करवाने या छिपाने के लिए कश्मीरी आतंकियों का इस्तेमाल मूसा ने करना था।
बुरहान वानी और अबू दुजाना की तरह अय्याश है मूसा
टॉप आतंकी सरगना बुरहान वानी और अबु दुजाना की तरह अलकायदा के कश्मीरी आतंकी संगठन अंसार-गाजवत-उल-हिंद (एजीएच) का कमांडर जाकिर मूसा भी अय्याश है। खुफिया विभाग के सूत्रों के अनुसार मकसूदां थाने में हुए बम धमाकों से कुछ पहले मूसा ने जालंधर की किसी कालगर्ल के साथ रात बिताई थी। उसने खुद को कश्मीर से पढ़ने आए छात्र के तौर पर पहचान बताई थी। इस सूचना के बाद से जालंधर के शैक्षणिक संस्थानों के आसपास के इलाकों में सक्रिय कॉलगर्ल्स और उनके अड्डे पुलिस की जांच के राडार पर आ गए हैं।
इसी बीच जालंधर पुलिस ने एक नशा तस्कर महिला को भी जांच के लिए उठाया है। उक्त महिला के जालंधर के शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ते कई कश्मीरी छात्रों को कॉलगर्ल्स सप्लाई करने वाली एक महिला से संबंध बताए जा रहे हैं। पुलिस ने उसे भी जांच के लिए हिरासत में ले लिया है। हालांकि जालंधर पुलिस फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं कर रही। वहीं पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर भी इस मामले की चल रही जांच के बारे में कुछ भी कहने से बच रहे हैं। उन्होंने ये जरूर कहा कि मूसा के आतंकी संगठन एजीपी के जालंधर शैक्षणिक संस्थानों में सामने आए नेटवर्क की जांच चल रही है। इससे ज्यादा वो मीडिया को कुछ नहीं बता सकते।
मूसा ने इसलिए पंजाब की कॉल गर्ल्स को चुना
कश्मीर में ऐसे कई मामले मिले हैं जब आतंकियों को सुरक्षा बलों ने उस वक्त मार गिराया जब वे अपनी पत्नी या प्रेमिका से मिलने पहुंचे हुए थे। मूसा के दोस्त हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के कश्मीर में कई महिलाओं और लड़कियों से संबंध थे, बुरहान की बेवफाई से उसकी प्रेमिका नाराज थी। बदला लेने के लिए उसने बुरहान की मुखबिरी कर दी और सुरक्षाबलों ने उसे मौत की नींद सुला दिया।
दोस्तों का अंजाम देख बनाई रणनीति
लश्कर का खतरनाक आतंकी और मूसा का दोस्त अबु दुजाना अपनी कश्मीरी पत्नी से प्यार करता था और जब सुरक्षा बलों ने उसे मार गिराया उस समय वह पत्नी से मिलने आया था। इसकी मुखबरी उसकी एक गर्लफ्रेंड ने की थी। इश्क के चक्कर में अपने आतंकी दोस्तों का अंजाम देखने के बाद मूसा ने कश्मीरी लड़कियों और कश्मीरी कॉलगर्ल्स के प्यार के चक्कर में पडऩे की बजाय पंजाब की कॉलगर्ल्स को चुना।