लखनऊ, 18 दिसंबर। योगी सरकार उत्तर प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। सरकार ने 2024-25 तक हर प्रदेशवासी को कम कीमत में गुणवत्तापूर्ण एवं निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए केंद्र सरकार की आरडीएसएस स्कीम के तहत पूरे प्रदेश में व्यापक स्तर पर कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। आजादी के बाद इस स्कीम के तहत उत्तर प्रदेश में बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए सबसे बड़ा निवेश किया जा रहा है, जिसके तहत प्रदेश में स्मार्ट मीटरिंग, लॉस रिडक्शन और आधुनिकीकरण से जुड़े कार्यों के लिए करीब एक लाख करोड़ रुपए के प्रस्तावों को स्वीकृत किया गया है।
स्मार्ट मीटरिंग पर खर्च किए जा रहे 19 हजार करोड़
उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लि. (यूपीपीसीएल) के अध्यक्ष डॉक्टर आशीष गोयल योजना को समय से पूरा करने और मानक के अनुरूप कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वह लगातार इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में स्मार्ट मीटरिंग के तहत मार्च 2025 तक 18885.48 करोड़ की लागत से लगभग 2.69 करोड़ कंज्यूमर मीटर, लगभग 15.26 लाख डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर्स (डीटी) एवं लगभग 20 हजार फीडर मीटर की स्थापना का लक्ष्य है। इसमें 15 प्रतिशत धनराशि(2832.82 करोड़) अनुदान स्वरूप तथा शेष धनराशि (16,052.66 करोड़) का वित्त पोषण राज्य सरकार एवं वितरण निगम द्वारा किया जा रहा है। इन कार्यों के निष्पादन के लिए सभी सहयोगी वितरण निगमों के माध्यम से कार्यदायी संस्थाओं का चयन किया जा चुका है।
लॉस रिडक्शन और आधुनिकीकरण पर सरकार का खास फोकस
अध्यक्ष ने बताया कि लॉस रिडक्शन घटक के तहत यूपीपीसीएल के सभी डिस्कॉम्स में 16498.61 करोड़ की लागत से कार्य स्वीकृत हैं। इन कार्यों के संपादन के लिए निविदा प्रक्रिया पूर्ण करते हुए कार्यदायी संस्थाओं का चयन किया जा चुका है, जिनका द्वारा सर्वे का कार्य पूर्ण कराते हुए इन कार्यों का निष्पादन कार्य प्रगति पर है। वहीं आधुनिकीकरण के लिए कुल 65457.20 करोड़ के कार्यों का प्रस्ताव अक्टूबर 2023 में प्रेषित किया गया है। इसमें प्रस्तावित धनराशि का 60 प्रतिशत (39274.32 करोड़ रुपए)भारत सरकार से अनुदान स्वरूप तथा शेष 40 प्रतिशत (26182.88 करोड़ रुपए) का वित्त पोषण राज्य सरकार एवं वितरण निगम द्वारा किया जाएगा। इसके तहत मुख्य कार्यों में 1175 नए 33/11 केवी उपकेंद्रों का निर्माण, 2002 33/11 केवी उपकेंद्रों की क्षमता वृद्धि, लगभग 21 हजार किमी. नई 33 केवी लाइनों का निर्माण, 115704 वितरण परिवर्तकों की स्थापना, लगभग 50 हजार किमी 11 केवी लाइन का निर्माण, लगभग 93 हजार किमी. एलटी लाइन का निर्माण, 151576 वितरण परिवर्तकों की क्षमता वृद्धि का कार्य तथा शहरी क्षेत्र में 17 नग स्काडा एवं डीएमएस का कार्य किया जाना है।
सभी डिस्कम्स में संचालित किए जा रहे 29 बड़े प्रोजेक्ट्स
अध्यक्ष आशीष गोयल ने ये भी बताया कि प्रदेश में 100 करोड़ से अधिक धनराशि वाले 29 बड़े प्रोजेक्ट चयनित कार्यदायी संस्थाओं द्वारा क्रियान्वित किए जा रहे हैं, जिनकी कुल लागत 13632.44 करोड़ रुपए है। इसमें आरडीएसएस के अंतर्गत हानि कम करने के कार्यों में बेयर कंडक्टर्स को एबी केबल से बदलना, 33 केवी और 11 केवी लाइन का फीडर द्विभाजन/फीडरसेपरेशन/रीकंडक्टरिंग करना शामिल है। पूर्वांचल वितरण निगम के अंतर्गत 3842.61 करोड़ के 8 कार्य, मध्यांचल में 3303.70 करोड़ के 7 कार्य, दक्षिणांचल में 3247.07 करोड़ के 7 कार्य और पश्चिमांचल में 2764.33 करोड़ के 6 कार्य समेत केस्को में 474.73 करोड़ का एक कार्य सम्मिलित है।