लखनऊ, 5 दिसंबर। गरीब और वंचित लोगों के अपने मकान का सपना सच करने के लिए पीएम मोदी के मार्गदर्शन में शुरू हुई पीएम आवास योजना (पीएमएवाई) उत्तर प्रदेश में नए कीर्तिमान बना रही है। सीएम योगी के निर्देश पर निरंतर उत्कृष्टता का प्रदर्शन करते हुए उत्तर प्रदेश ने प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के कार्यान्वयन में पिछले कुछ वर्षों से अपना स्थान सबसे आगे बनाए रखा है। इसी क्रम में अब उत्तर प्रदेश ने 14 लाख से अधिक पूर्ण आवासों के रिकॉर्ड को पार कर लिया है। नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में हाल ही में हुई बैठक में राज्य के निरंतर बेहतर प्रदर्शन के साथ ही जल्द पूरी होने वाली परियोजनाओं की प्रगति पर प्रकाश डाला गया।
17 लाख आवासों की मिल चुकी है मंजूरी
पीएम आवास योजना के तहत उत्तर प्रदेश में 17 लाख 65 हजार से ज्यादा आवासों की स्वीकृत किया गया है। इसके तहत अब तक 17 लाख से अधिक आवास धरातल पर नजर आ रहे हैं। वहीं, 59 हजार आवासों का काम भींजल्द शुरू होने वाला है। साथ ही 14 लाख एक हजार से ज्यादा आवास बनाकर पूर्ण हो चुके हैं, जो बहुत बड़ी उपलब्धि है। जो आवास पूर्ण हो चुके हैं उनमें 12 लाख 12 हजार से ज्यादा आवास बेनिफिशियरी एलईडी कंस्ट्रक्शन (बीएलसी) के तहत बने हैं, जबकि 34 हजार से ज्यादा आवास अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप (एएचपी) के तहत तो एक लाख 55 हजार से ज्यादा आवास क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस) के तहत पूर्ण किए गए हैं। इन आवासों में को पात्र लाभार्थियों में आवंटित किए जाने की प्रक्रिया भी तेजी से जारी है।
दिसंबर में पूर्ण हो जाएगा लाइट हाउस प्रोजेक्ट
बैठक में लखनऊ की अवध विहार योजना में लाइट हाउस प्रोजेक्ट का निर्माण चर्चा का केंद्र बिंदु रहा। लाइट हाउस प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश के आवास परिदृश्य में एक मील का पत्थर बनने की ओर अग्रसर है। सेक्टर 5 में स्थित, यह परियोजना पीईबी स्ट्रक्चरल और स्टे इन-प्लेस फॉर्मवर्क सिस्टम के साथ हाइब्रिड सिस्टम का उपयोग करते हुए एक अभिनव निर्माण दृष्टिकोण को अपनाती है। आवास परियोजनाओं में उत्तर प्रदेश की निरंतर उत्कृष्टता दिसंबर में निर्धारित लाइट हाउस प्रोजेक्ट के समय पर पूरा होने की राह पर ले जाती है। यह उपलब्धि गुणवत्तापूर्ण और किफायती आवास समाधान प्रदान करने के प्रति योगी सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। बैठक में नगर विकास विभाग और उसके सहयोगियों के सहयोगात्मक प्रयासों को रेखांकित किया गया, जिससे उत्तर प्रदेश के निवासियों की आवास आवश्यकताओं को पूरा करने के प्रति समर्पण को बल मिला।