लखनऊ, 3 दिसंबर। इसी वर्ष जून में उद्यमी मित्रों को नियुक्ति पत्र देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें ‘सरकार और निवेशकों के बीच ब्रिज’करार दिया था। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप उद्यमी मित्रों ने उत्तर प्रदेश में निवेश की संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए पूरी जी जान से मेहनत की है। उन्हें जो भी टास्क दिए गए उसे पूरी ईमानदारी से निभा रहे हैं। उद्योग बंधु की बैठकों से लेकर निवेशकों की हर समस्या का समाधान करने में इन उद्यमी मित्रों ने सक्रियता से कार्य किया। 6 जिलों में तैनात उद्यमी मित्रों ने दिए गए टास्क को 100 प्रतिशत, 21 जिलों में 90 प्रतिशत से अधिक और 44 जिलों में 75 प्रतिशत से अधिक टास्क को कंप्लीट किया गया है। नतीजा ये रहा कि बड़े पैमाने पर निवेशक ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) के माध्यम से अपने निवेश को धरातल पर उतारने को तैयार नजर आ रहे हैं।
जमीनी सत्यापन के साथ ही जीबीसी के लिए परियोजनाओं को किया टैग
जिन 6 जिलों में उद्यमी मित्रों ने 100 प्रतिशत टास्क पूरा किया है, वो बलिया, बस्ती, भदोही, महोबा, रायबरेली और रामपुर हैं। यहां उद्यमी मित्रों ने कुल 339 परियोजनाओं का जमीनी सत्यापन किया। इनमें 115 परियोजनाओं को जीबीसी के लिए टैग किया गया है। इसके अतिरिक्त अलीगढ़ (98.45), एटा (98.04), बिजनौर (97.65) जैसे जिलों में भी लगभग 100 प्रतिशत टास्क पूरा किया गया है। अलीगढ़ में सर्वाधिक 190 परियोजनाओं का जमीनी सत्यापन किया गया, जिसमें से 50 को जीबीसी के लिए भी टैग किया जा चुका है। कुल मिलाकर 70 जिलों में उद्यमी मित्रों ने करीब 4 हजार परियोजनाओं का जमीनी सत्यापन किया, जबकि एक हजार से ज्यादा परियोजनाओं को जीबीसी के लिए टैग किया गया। इसी तरह प्राधिकरणों और इन्वेस्ट यूपी में तैनात उद्यमी मित्रों ने करीब 625 परियोजनाओं का जमीनी सत्यापन किया और 25 को जीबीसी के लिए टैग किया। कुल मिलाकर उद्यमी मित्रों ने बीते चार माह में ही 50 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं को आगे बढ़ाने में कामयाबी हासिल की। उन्होंने 3.84 लाख करोड़ के कुल 4591 प्रोजेक्ट्स के जमीनी सत्यापन के साथ ही करीब 75 हजार करोड़ रुपए से अधिक की 1147 परियोजनाओं को जीबीसी के लिए अंतिम रूप से तैयार करने को यूपी सरकार के विभागों को टैग किया।
पेंडिंग मामलों के निस्तारण में निभाई अहम भूमिका
उद्यमी मित्रों की सक्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने 6 से 8 माह से पेंडिंग रहे मामलों के निस्तारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उद्यमी मित्रों ने ऐसे प्रमुख मुद्दों को हल करने में मदद की है जो पिछले आठ महीनों से पेंडिंग चल रहे थे। इनमें से अधिकांश विकास प्राधिकरणों से लीज डीड और एनओसी जारी करने में देरी से संबंधित थे। उनकी सक्रियता के कारण इन मामलों का न सिर्फ निस्तारण हुआ, बल्कि वे निवेश की राह पर आगे भी बढ़े हैं। यही नहीं, ईवी राउंड टेबल कांफ्रेंस में भी उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही जहां निवेशकों को ईवी पॉलिसी के विषय में जानकारी दी गई। इसके साथ ही उद्यमी मित्रों की मदद से मेक्सिको के डेलीगेशन के साथ राज्य में इन्वेस्टमेंट और ट्रेड प्रमोशन को लेकर चर्चा हो सकी। इसके अतिरिक्त उद्यमी मित्रों ने इंडियन स्टील एसोसिएशन से जुड़े स्टील इंडस्ट्री के इन्वेस्टर्स के साथ कॉन्फ्रेंस में और मोटो जीपी के दौरान हुए सीईओ राउंड टेबल कांफ्रेंस में भी हिस्सा लिया।
निवेश प्रोत्साहन के लिए तैयार किए गए उद्यमी मित्र
फरवरी में लखनऊ में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले निवेशकों की समस्याओं के निस्तारण के लिए उद्यमी मित्रों के चयन का निर्णय लिया गया था। एग्जाम के बाद कुल 105 मित्रों का चयन किया, जिसमें 70 को जिलों में, जबकि 25 को प्राधिकरणों और 10 इन्वेस्ट यूपी में तैनात किया गया। इन उद्यमी मित्रों को दो हफ्ते की ट्रेनिंग भी दी गई, जिसमें उन्हें प्रदेश सरकार के डिपार्टमेंटल और नॉलेज ट्रांसफर से संबंधित जानकारियां प्रदान की गईं। इसके अलावा उन्हें निवेश सारथी और निवेश मित्र जैसे सिंगल विंडो पोर्टल के विषय में भी जानकारी दी गई, जहां वो सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से निवेश प्रोत्साहन और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के महत्व को समझ सकें। उद्यमी मित्रों को इन्वेस्टमेंट प्रमोशन के साथ ही निवेशकों को राज्य में लाने के लिए कैसे प्रोत्साहित किया जा सके, इसके विषय में जानकारी देने के लिए इन्वेस्ट यूपी द्वारा सितंबर में एक और स्पेशल ट्रेनिंग प्रदान की गई।