लखनऊ, 27 नवंबर। उत्तर प्रदेश को ‘उत्तम स्वास्थ्य सेवाओं से युक्त प्रदेश’ बनाने की दिशा में सीएम योगी द्वारा उठाए जा रहे सार्थक प्रयास अब रंग लाने लगे हैं। प्रदेश के अस्पतालों के मेकओवर, अपडेशन व मॉडर्न फैसिलिटीज से लैस करने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी की अध्यक्षता में प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए सरकारी अस्पतालों के उच्चीकरण के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई थी जिसके क्रियान्वयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वहीं, प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा आमजन तक नेशनल हेल्थ मिशन व पीएम हेल्थकेयर स्कीम्स का लाभ पहुंचे इस दिशा में भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में अब प्रदेश में योगी सरकार ने प्रधानमंत्री आयुष भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) व 15वें फाइनेंस कमीशन से जुड़ी योजनाओं को पूर्ण करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। सीएम योगी की मंशा अनुसार, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने पीएम-एबीएचएम व 15वें फाइनेंस कमीशन से जुड़ी परियोजनाओं को पूर्ण करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। इन परियोजनाओं की पूर्ति व निरीक्षण को सुनिश्चित करने के लिए बाकायदा प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट के तौर पर एजेंसियों का चयन होगा तथा इस चयन प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए विभाग द्वारा रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) माध्यम के जरिए आवेदन मांगे गए हैं।
आयुष्मान भारत हेल्थ वेलनेस सेंटर्स, क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल्स समेत तमाम परियोजनाओं पर हो रहा काम
नेशनल हेल्थ मिशन के अंतर्गत प्रदेश में पीएम-एबीएचआईएम व व 15वें फाइनेंस कमीशन से जुड़ी तमाम परियोजनाओं पर प्रदेश में काम हो रहा है। इसमें सेंट्रली स्पॉन्सर्ड स्कीम के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 17788 आयुष्मान भारत हेल्थ वेलनेस सेंटर्स का उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, असम, मणिपुर व मेघालय में निर्माण व संचालन की प्रक्रिया जारी है। वहीं शहरी क्षेत्रों में भी 11044 आयुष्मान भारत हेल्थ वेलनेस सेंटर्स के निर्माण व संचालन की प्रक्रिया जारी है। इसी प्रकार, उत्तर प्रदेश समेत हाई फोकस स्टेट्स में 3382 ब्लॉक पब्लिक हेल्थ युनिट्स को सहायता व अनुदान देने की प्रक्रिया जारी है। इसी प्रक्रार, क्रिटकल केयर हॉस्पिटल्स, इंटीग्रेटेड डिस्ट्रिक्ट पब्लिक हेल्थ लैबोरेट्रीज, संक्रामक व संचारी रोगों के प्रसार की मॉनिटरिंग व इंटीग्रेटेड हेल्थ इनफॉर्मेशन प्लैटफॉर्म (आईएचआईपी) जैसी परियोजनाओं पर भी कार्य चल रहा है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश को वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2025-26 के मध्य 5 वर्षों में कुल 9715.74 करोड़ रुपए का आवंटन इन सभी परियोजनाओं की पूर्ति के लिए किया जा रहा है। ऐसे में, लखनऊ स्थित नेशनल हेल्थ मिशन-यूपी द्वारा आरएफपी माध्यम से जिन एजेंसियों से आवेदन मांगे गए हैं उनमें से जिस एजेंसी को कार्य आवंटित किया जाएगा वह विभाग के मुख्यालय में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट का गठन व संचालन करेगा जिससे प्रदेश भर में संचालित हो रही योजनाओं के निर्धारण, निरीक्षण व संचालन की प्रक्रिया में तेजी आएगी।
प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट पर होगा बड़ा दारोमदार
एनएचएम-यूपी की सहायता के लिए जिस एजेंसी को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट के रूप में शामिल किया जाएगा उस पर बड़ा दारोमदार होगा। अनुबंध अवधि के दौरान उसे भारत सरकार/एनएचएम वित्त पोषित निर्माण गतिविधि के तहत कार्यान्वयन भागीदारों द्वारा दी गई सेवाओं की भौतिक प्रगति और गुणवत्ता की निगरानी के लिए निगरानी तंत्र और रिपोर्टिंग टेम्पलेट तैयार करना होगा। प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट को-ऑर्डिनेशन, फील्ड विजिट, आईटी बेस्ट मॉनिटरिंग पोर्टल्स व डैशबोर्ड के गठन व संचालन तथा डाटा संकलन व प्रेजेंटेशन प्रस्तुत करने का विधिवत तंत्र भी विकसित करना होगा। इस संबंध में उचित जनशक्ति भी आबद्ध करना होगा जिसमें एक टीम लीडर, एक क्वॉलिटी स्पेशलिस्ट, एक राज्य स्तरीय सिविल इंजीनियर, एक ज्योग्राफिक इनफॉर्मेशन स्पेशलिस्ट, एक हॉस्पिटल प्लानर, एक माइक्रोबायोलॉजी स्पेशलिस्ट, पैथोलॉजिस्ट, एक डिजाइन व आर्किटेचर लीड, दो आईटी एक्सपर्ट, एक इलेक्ट्रिकल इंजीनिय़र, 6 डाटा एनालिस्ट व मॉनिटरिंग-इवैल्यूएशन एक्सपर्ट, एक फाइनेंस स्पेशलिस्ट, 18 डिवीजन लेवल सिविल इंजीनियर्स तथा सिस्टम स्पेशलिस्ट (जीआईएस) प्रमुख होंगे।