लखनऊ, 3 नवंबर। उत्तर प्रदेश में निवास करने वाले पात्र परिवारों को सरकार की योजनाओं से जोड़ने के लिए योगी सरकार ने महत्वाकांक्षी योजना ‘फैमिली आईडीः एक परिवार एक पहचान’की शुरुआत की है। इस योजना के माध्यम से सरकार नए लाभार्थियों की पहचान कर पाने में सक्षम हो रही है। इसके तहत विभिन्न योजनाओं में लाखों नए लाभार्थियों को जोड़े जाने की प्रक्रिया पर कार्य किया जा रहा है। इनमें मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, विभिन्न पेंशन स्कीम के साथ ही विद्यालयों में आउट ऑफ स्कूल छात्रों को जोड़ने का कार्य प्रगति पर है। उल्लेखनीय है कि फैमिली आईडी का उद्देश्य अप्रयुक्त योजनाओं में पात्र लाभार्थियों की पहचान के माध्यम से योजनाओं का बेहतर कवरेज देना, डुप्लीकेट और फर्जी लाभार्थियों को हटाना और प्रमाण के बोझ को कम करके नागरिकों के लिए योजनाओं में आवेदन का सरलीकरण करना है।
अतिरिक्त लाभार्थियों को शामिल किए जाने की तैयारी
फैमिली आईडी के तहत प्राप्त डेटा के अनुसार मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में अतिरिक्त लाभार्थियों को शामिल किए जाने की तैयारी हो रही है। योजना के तहत संभावित लाभार्थियों की पहचान कर ली गई। इस योजना के तहत नामांकन के लिए 28,000 सत्यापित पात्र लाभार्थी की सूची तैयार है। वहीं 5 हजार से अधिक नए आवेदन भी प्राप्त हुए हैं। मालूम हो कि इसमें सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से लाभार्थी को कॉल किया जाता है और उसके बाद डीपीओ द्वारा जमीनी सत्यापन किया जाता है। इसी तरह एनएफएसए के तहत भी नए पेंशनभोगियों को शामिल किए जाने की योजना है। 16 लाख ऐसे लाभार्थी पाए गए हैं जो पेंशन (वृद्धावस्था/विधवा/विकलांगता) का लाभ उठा रहे हैं, लेकिन एनएफएसए से छूट गए हैं। नवंबर के अंत तक ऐसे 2 लाख पेंशनभोगियों को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है।
आउट ऑफ स्कूल छात्रों का किया जा रहा नामांकन
यही नहीं, एनएफएसए का लाभ उठाने वाले वृद्ध नागरिकों को भी शामिल किए जाने की तैयारी है जो वृद्धावस्था पेंशन का हिस्सा नहीं है। इसके अंतर्गत 3.26 लाख एकल सदस्य परिवारों की पहचान की जा रही है जहां सदस्य वृद्धावस्था पेंशन का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से इन सभी संभावित लाभार्थियों को कॉल करने की योजना पर काम चल रहा है। इसके अतिरिक्त फैमिली आईडी के माध्यम से बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े विद्यालयों में स्कूल न जाने वाले संभावित छात्रों (6-14 वर्ष) को भी शामिल किया जाएगा। इसके तहत 22 लाख परिवारों की पहचान की गई है जहां 6-14 वर्ष की आयु के बीच का 1 बच्चा बेसिक शिक्षा में पढ़ रहा है, अन्य भाई-बहन आवश्यक सत्यापन और आउट ऑफ स्कूल के संभावित छात्रों का नामांकन नहीं है।
समेकित डेटाबेस के रूप में कार्य करेगा फैमिली आईडी
प्राप्त जानकारी के अनुसार 4.8 करोड़ लाभार्थियों को 13 विभागों की ओर से 42 योजनाओं और सेवाओं में फैमिली आईडी डेटाबेस में मैप किया गया है। यही नहीं, भारत सरकार की 4 योजनाओं के लाभार्थी डेटा को भी इससे जोड़ा गया। 4 अलग-अलग एनालिटिक्स उपयोग मामलों में संभावित नए लाभार्थियों की पहचान की गई है। इस योजना के लाभार्थियों में 3.61 करोड़ राशन कार्ड होल्डर परिवार पहले से ही एनएफएसए डेटाबेस का हिस्सा हैं। उनका राशन कार्ड नंबर ही उनकी फैमिली आईडी है। वहीं, नॉन राशन कार्ड होल्डर्स परिवारों के लिए फैमिली आईडी के तहत नामांकन करने का प्रावधान किया गया है। इसके तहत 1.42 लाख आवेदन प्राप्त हुए,जिसमें से 55 हजार परिवार आईडी बनाई गई हैं।