कोरोना महामारी के बाद भाजपा सरकार संक्रमण और महामारी रोक पाने में असफल :  अजय राय

लख़नऊ : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री अजय राय ने पूरे प्रदेश में पैर फैलाती डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया और वायरल बुखार जैसी घातक बीमारियों पर चिंता व्यक्त करते हुए भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरा है और कहा है कि कोरोना महामारी के बाद सरकार संक्रमण और महामारी रोक पाने में दोबारा असफल साबित हुई है, सरकार की नाकामी से प्रदेश वासियों की असमय जान जा रही है, जिसकी ज़िम्मेदार सीधे योगी सरकार है। जमीनी स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। प्रदेश के सभी 75 जनपदों में वायरल डेंगू जैसी भयानक बीमारियों से जनता पीड़ित है, अस्पताल भरे पड़े हैं और इन वायरल संक्रमित बीमारियों के लिए आवंटित आगे और छिड़काव के बजट में भ्रष्टाचार कर कागजी खाना पूर्ति की जा रही है। भयावह स्थित होने के बावजूद भी समाचार पत्रों में इन खबरों को प्रकाशित करने से रोका जा रहा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री अजय राय ने कहा कि कोरोना के बाद डेंगू महामारी दूसरी जानलेवा बीमारी सावित हो रही है। इससे जहॉं सरकार की उपेक्षा और अक्षमता के कारण लाखों लोग इसके शिकार हो रहे हैं वहीं हजारों की संख्या में लोगों की जाने जा रही हैं। इसको मौत कहने के बजाय हत्या कहना उचित लगता है। उन्होंने कहा कि जीवन व्यक्ति का मूल अधिकार है और उसका आधार है स्वास्थ्य, सरकार इसको देने में पूर्णतया असफल रही है।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आखिर क्यों विभागीय अधिकारी रोजाना जारी होने वाले बुलेटिन सार्वजनिक क्यों नही कर रहे हैं, कारण स्पष्ट है- हकीकत को छुपाया जा रहा है, प्रदेश में 30 सितंबर तक सिर्फ़ सरकारी अस्पतालों में 17560 मरीज थे, उसके बाद के आंकड़े बंद कर दिए गए, प्राइवेट अस्पतालों के तो आंकड़े ही नही दिए जा रहे हैैं। सरकार सिर्फ प्रचार में नंबर वन बनी हुई है और प्रदेश की जनता त्राहिमाम कर रही है।

श्री अजय राय ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार स्मार्ट सिटी की बात करती है जिसमें कूड़ा प्रबंधन, जल निकासी, और साफ सफाई मुख्य घटक हैं लेकिन प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 700 से ज्यादा मरीज भर्ती थे, जनपद हरदोई में 4998 मरीज भर्ती हुए इसके अलावा बहुत से जनपदों में जिला स्वास्थ्य अधिकारी सूचना का बुलेटिन भी बंद कर चुके हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय जी ने कहा भाजपा सरकार ने इस मौसमी संक्रमण और बीमारी से लड़ने की कोई तैयारी नही की। जबकि प्रतिवर्ष इस तरह के वायरल संक्रमण का खतरा रहता है लेकिन सरकार इससे निपटने की तैयारियों के प्रति गंभीर नही है। परिणाम स्वरूप लाखों लोग रहस्यमयी बुखार से असमय अपनी जान गवां बैठे हैं। सरकार आंकड़ों की बाजीगरी से इस पर पर्दा डालकर और अपनी नाकामी छिपा नही सकती। रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। मच्छर का लार्वा रोकने के लिए फागिंग, रासायनिक छिड़काव के लिए आवंटित बजट भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। ग्रामीण एवं अर्ध शहरी क्षेत्रों में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनियां व वायरल बुखार जैसी घातक बीमारियों से ग्रसित पीड़ितों से अस्पताल भरे पड़े हैं। सरकारी अस्पतालों में जगह नहीं है और न ही आवश्यक दवाओं का इंतजाम जिसकी वजह से आम आदमी प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने को मजबूर है, जिससे आम आदमी की जेब पर डाका डाला जा रहा है। इतनी अव्यवस्था के बावजूद भी सरकार हाथ पर हाथ रख कर बैठी है। प्रदेश की जनता का सवाल है सरकार बताए कि फागिंग और रासायनिक छिड़काव के लिए आवंटित हज़ारों करोड़ रूपए कहां गया? सरकार भ्रष्टाचार क्यों नही रोक पाई?

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