विरासत और विकास के साथ स्मार्ट सिटी के तौर पर होने लगी है ब्रांड बनारस की पहचान

वाराणसी, 27 सितंबरः ब्रांड बनारस की पहचान विश्व में विरासत और विकास के साथ स्मार्ट सिटी के तौर पर होने लगी है। शहरी एवं आवास कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा इंदौर में आयोजित इंडिया स्मार्ट सिटी कॉन्क्लेव -2023 में वाराणसी को उत्तरी जोन में बेस्ट स्मार्ट सिटी का अवार्ड दिया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को वाराणसी स्मार्ट सिटी के सीईओ और नगर आयुक्त शिपू गिरि को सम्मानित किया। परियोजनाओं के समय से क्रियान्वयन, सक्सेस स्टोरी, परियोजनाओं की उपयोगिता, कुशल जनसहभागिता एवं फ़ीडबैक प्रणाली के आधार पर पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है।

प्रदर्शनी में वाराणसी मॉडल की धूम

आयोजन में प्रदर्शनी भी लगाई गई है। इसमें वाराणसी के प्रमुख कार्यों को मॉडल के माध्यम से दर्शाया गया है। जिसका बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अवलोकन किया। वाराणसी में लगे 3000 एडवांस सर्विलांस कैमरे से वहां के सुरक्षा कवच को लाइव दिखाया गया। इसके अलावा रुद्राक्ष इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, मच्छोदरी मॉडल स्कूल, वाराणसी की गलियों का अत्याधुनिक तरीके से विकास, इंटीग्रेटेड सिटी कमांड सेंटर आदि का प्रदर्शन किया गया।

यह काशीवासियों का सम्मान

वाराणसी स्मार्ट सिटी के पीआरओ शाकंभरी नंदन सोन्थालिया ने बताया कि शहरी एवं आवास कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा इंदौर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इंडिया स्मार्ट सिटी अवार्ड कंटेस्ट में वाराणसी स्मार्ट सिटी को उत्तरी जोन (10 लाख से अधिक आबादी) में बेस्ट सिटी अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह प्रतिष्ठित सम्मान मुख्य कार्यकारी अधिकारी, वाराणसी स्मार्ट सिटी शिपू गिरि ने ग्रहण किया। मुख्य महाप्रबंधक, वाराणसी स्मार्ट सिटी डॉ० डी० वासुदेवन ने इस पुरस्कार को समस्त काशीवासियों का सम्मान बताते हुए कहा कि वाराणसी का अलौकिक एवं आध्यात्मिक रूप के साथ यह आधुनिक संगम काशी के विकास को उदीयमान कर रहा है। मंडलायुक्त व अध्यक्ष, वाराणसी स्मार्ट सिटी कौशल राज शर्मा ने काशीवासियों को शुभकामना देते हुए इसे गर्व का विषय़ बताया। साथ ही कहा कि भविष्य में भी वाराणसी स्मार्ट सिटी के अंतर्गत शहर के चहुमुंखी विकास के लिए तत्पर रहेगी।

ब्रांड बनारस को विश्व में पहचान दिलाने वाले स्मार्ट सिटी के कुछ प्रमुख काम

ब्रांड बनारस बनी काशी की चर्चा जितनी पौराणिकता के लिए होती है, अब उतनी ही वाराणसी की अत्याधुनिकता के लिए भी होने लगी है। 2017 में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद वाराणसी को स्मार्ट बनाने की कवायद शुरू हुई। अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर ” रुद्राक्ष”, आधुनिक सुविधाओं से युक्त नमो घाट, शहर को जाम से मुक्ति दिलाती कई आधुनिक पार्किंग, एडवांस सर्विलांस सिस्टम, इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, शहर के चप्पे चप्पे पर तीसरा नेत्र, आज़ादी के पहले के स्कूलों का कायाकल्प, पुरानी काशी के वार्डों का पुनरुद्धार, पौराणिक तालाब, कुंडों, पार्कों का जीर्णोद्धार, ओपन ज़िम, पार्को का जीर्णोद्धार, घाटों पर फसाड लाइट और घाटों के महत्व को बताते हुए साइनेज, कल्चरल अपलिफ्टमेटेंट के तहत गंगा आरती और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की आरती का शहर में लाइव प्रसारण, इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन, शहर में कई जगहों पर फ्री वाई फाई सुविधा, दशाश्वमेध घाट पर पर्यटक सुविधा, मार्केट कॉम्प्लेक्स का निर्माण, गोदौलिया से दशाश्वमेध तक गुलाबी गलियारा व सौंदर्यीकरण आदि काम हुए हैं। 2018 से अभी तक 51 परियोजना के लिए स्वीकृत 1017.69 करोड़ का कार्य पूर्ण हो चुका है। सिगरा खेल स्टेडियम में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम निर्माणाधीन है। नमो घाट समेत 3 महत्वपूर्ण योजनाएं मार्च 2024 तक पूरी होना प्रस्तावित है। इसकी लागत लगभग 329 करोड़ है।

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