नोएडा की तर्ज पर बुंदेलखंड में बसेगा नया औद्योगिक शहर

लखनऊ, 12 सितंबर। बुंदेलखंड के सतत विकास के साथ-साथ वन ट्रिलियन इकॉनमी की अर्थव्यवस्था बनने के अपने संकल्प को पूरा करने के लिए योगी सरकार ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय लिया है। लोकभवन में सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने नोएडा की तर्ज पर बुंदेलखंड में नया औद्योगिक शहर बसाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। इस निर्णय से बुंदेलखंड के जिलों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जा सकेगा और इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही यहां रोजगार की असीमित सुविधाओं का सृजन संभव हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में इससे पूर्व 1976 में औद्योगिक शहर नोएडा के गठन का निर्णय लिया गया था और अब 47 वर्षों के बाद एक नए शहर की स्थापना का निर्णय लिया गया है।

पहले चरण में 35 हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण

कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने पारित हुए प्रस्तावों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री औद्योगिक क्षेत्र विस्तारीकरण व नए औद्योगिक क्षेत्र प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत झांसी में बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) द्वारा नोएडा की तर्ज पर एक नए इंडस्ट्रियल टाउनशिप को विकसित किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई है। परियोजना के पहले चरण में झांसी के 33 राजस्व ग्रामों की 35 हजार एकड़ जमीन को अधिग्रहीत कर औद्योगिक शहर की स्थापना की जाएगी। इस जमीन की कीमत 6312 करोड़ रुपए है।

अतिरिक्त 5 हजार करोड़ रुपए का किया गया प्राविधान

सुरेश खन्ना ने बताया कि बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के गठन के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में सरकार की ओर से 5 हजार करोड़ की व्यवस्था की गई थी और इस वर्ष (2023-24)में मुख्यमंत्री औद्योगिक क्षेत्र विस्तारीकरण व नए औद्योगिक क्षेत्र प्रोत्साहन योजना मद के तहत ऋण के रूप में 5000 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है। जो जमीन अधिग्रहीत की जाएगी, उसमें 8 हजार एकड़ जमीन ग्राम समाज की है।

प्रमुख शहरों से होगी बेहतरीन कनेक्टिविटी

वित्त मंत्री ने बताया कि यह योगी सरकार का बहुत बड़ा कदम है। इस ऐतिहासिक निर्णय से बुंदेलखंड के बहुआयामी विकास को तेज गति मिलेगी। झांसी के आसपास का एरिया बड़े पैमाने पर विकसित हो जाएगा। इसके माध्यम से कुल 14 हजार हेक्टेयर जमीन पर औद्योगिक शहर विकसित करने की योजना है। यह औद्योगिक शहर झांसी-ग्वालियर मार्ग पर प्रस्तावित है जो राष्ट्रीय राजमार्ग के माध्यम से देश के प्रमुख शहरों से भी जुड़ा होगी। यही नहीं, यह राष्ट्रीय राजमार्ग 27 से जालौन जनपद से गुजरने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से जुड़कर प्रदेश के अन्य शहरों से अच्छी तरह जुडे़गी।

क्षेत्र के विकास के साथ ही मिलेंगे रोजगार के अवसर

उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अंतर्गत टाउनशिप समेत औद्योगिक स्थापना के लिए आवश्यक सभी आवश्यक सुविधाओं का यहां समावेश होगा। इसके गठन से क्षेत्र का सर्वागीण विकास होगा तथा बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन होगा। जन सामान्य को क्षेत्रीय विकास के साथ ही रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे, जिसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। यह कदम प्रदेश के विकास में भी बहुत बड़ा योगदान देगा। सरकार ने जो वन ट्रिलियन इकॉनमी बनने का संकल्प लिया है, वो इसके माध्यम से पूरा हो सकेगा।

100 सबसे पिछड़े नगरीय निकायों में लागू होगी आकांक्षी नगर योजना

योगी कैबिनेट ने 20 हजार से एक लाख जनसंख्या वाले सबसे पिछड़े 100 नगरीय निकायों में आकांक्षी नगर योजना को लागू किए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की है। इसके अंतर्गत इन नगरीय निकायों में वर्तमान में चल रही सरकारी योजनाओं के साथ ही केंद्र व राज्य सरकार, सांसद व विधायक निधि समेत अन्य संस्थाओं से सहयोग प्राप्त कर कन्वर्जन के माध्यम से परियोजनाओं को क्रियान्वित किया जाएगा। योजना के तहत 762 नगरीय निकायों में से 100 आकांक्षी नगरीय निकायों का चयन नीति आयोग द्वारा 16 पैरामीटर्स के आधार पर किया जाएगा। इनमें यह योजना 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगी, लेकिन इसकी मॉनीटरिंग डैशबोर्ड के माध्यम से 31 मार्च 2028 तक चलेगी। इस योजना के जरिए संसाधनों का आदर्श प्रयोग और आर्थिक विकास के अवसरों को बढ़ाकर पलायन रोकने में मदद मिलेगी।

सहारनपुर, अयोध्या और फिरोजाबाद में भी चलेंगी एसी इलेक्ट्रिक बसें

कैबिनेट में सहारनपुर, अयोध्या और फिरोजाबाद में एसी इलेक्ट्रिक बसों से संचालन से संबंधित प्रस्ताव को भी ग्रीन सिग्नल मिल गया। इन शहरों में इलेक्ट्रिक बसों से संचालन, प्रबंधन एवं अनुरक्षण के लिए कंपनी अधिनियम 2013 के अंतर्गत संबंधित मंडल के आयुक्त की अध्यक्षता में नए एसपीवी के गठन का निर्णय लिया गया है। एसपीवी को नगरों में बसें चलाने के लिए मार्ग निर्धारित करने का अधिकार होगा। साथ ही मार्गों पर किराए के निर्धारण के साथ ही यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं के संबंध में विचार विमर्श करने का भी अधिकार होगा। उल्लेखनीय है कि अभी प्रदेश के 14 शहरों में कुल 740 एसी इलेक्ट्रिक बसों का संचालन 13 एसपीवी क माध्यम से कराया जा रहा है।

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