लखनऊ, 3 सितंबर। उत्तर प्रदेश में आम नागरिकों को उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं व गुणवत्तापूर्ण निदान उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयासरत योगी सरकार ने राजधानी लखनऊ में डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के कायाकल्प का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के मुख्य चिकित्सा भवन के छठे व सातवें तल पर किडनी, लीवर व बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन सेंटर के निर्माण किए जाने के फैसले को स्वीकृति दे दी है। उल्लेखनीय है कि 30 जनवरी 2023 को इस मद में प्रदेश सरकार से अनुरोध किया गया और अब सीएम योगी की मंशा के अनुरूप इस मद में वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति दे दी है। इस मद में कुल 18.22 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं जिसमें से योगी सरकार ने पहली किस्त के रूप में 4.55 करोड़ रुपए जारी करने का आदेश दे दिया है। स्पष्ट है कि इससे डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में मुख्य चिकित्सा भवन के छठे व सातवें तल पर बनने वाले किडनी, लीवर व बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन ट्रांसप्लांटेशन सेंटर के निर्माण कार्य को गति मिलेगी। इसके पूरा होने से न केवल लखनऊ बल्कि आस-पास क्षेत्रों से यहां इलाज कराने आने वाले रोगियों को भी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिलेगा। इसके साथ ही, इटावा के सैफई में 300 बेडेड छात्रावास निर्माण कार्य के लिए बकाया 5 प्रतिशत की धनराशि अवमुक्त किए जाने को भी सीएम योगी की मंशा के अनुरूप स्वीकृति दे दी गई है।
अवमुक्त राशि में जीएसटी की धनराशि भी है सम्मिलित
डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के मुख्य चिकित्सा भवन के छठे व सातवें तल पर किडनी, लीवर व बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन सेंटर के निर्माण के लिए जारी पहली किस्त में 18 प्रतिशत जीएसटी की धनराशि भी शामिल है। सभी निर्माण कार्य डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक की देखरेख में प्रदेश सरकार की नियमावली और कार्ययोजना के अंतर्गत किए जाएंगे।
सैफई में 300 बेडेड पुरुष छात्रावास निर्माण कार्य को भी मिलेगी गति
इटावा के सैफई स्थित उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में 28.28 करोड़ रुपए की लागत से जो 300 बेड्स वाले छात्रावास का निर्माण हो रहा है उस कार्य को भी अब गति मिलेगी। दरअसल, इस मद में 5 प्रतिशत यानी 1.41 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृति बकाया थी। ऐसे में, राज्य सरकार ने निर्माण कार्यों को गति देने के लिए 41.42 लाख रुपए की किस्त को प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति दे दी गई है। यह निर्माण कार्य भी उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुल सचिव के देखरेख में प्रदेश सरकार की नियमावली और कार्ययोजना के अंतर्गत किए जाएंगे और स्वीकृत की गई धनराशि का व्यय उन्हीं मदों में किया जाएगा जिसके लिए धनराशि स्वीकृत की गई है। किसी प्रकार के व्यय परिवर्तन और अन्य कार्यों में धनराशि खर्च किए जाने को अनियमित्ता मानते हुए कार्रवाई की जाएगी। निर्माण कार्यों के क्वॉलिटी कंट्रोल की जिम्मेदारी भी कुल सचिव को ही सौंपी गई है।