लखनऊ। उत्तर प्रदेश में साइबर सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने शनिवार को निर्देश दिए कि वर्तमान में परिक्षेत्रीय स्तर पर संचालित साइबर क्राइम पुलिस थानों को अब सभी 75 जिलों तक विस्तार दिया जाए। वर्तमान में जिला स्तर पर संचालित साइबर सेल को आगे बढ़ाते हुए हर एक थाने में साइबर सेल गठित किया जाए।
मुख्यमंत्री के इस निर्देश के बाद आगामी दो माह के भीतर प्रदेश में 57 नए साइबर क्राइम थानों की स्थापना होगी, जबकि हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क के अलावा अब साइबर सेल भी क्रियाशील होगा। सभी साइबर पुलिस क्राइम थाने स्थानीय पुलिस लाइन में स्थापित किए जाएंगे।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के समय में तकनीक के दुरुपयोग से अपराध की प्रकृति भी बदली है। आज कस्टमर केयर फ्रॉड, पेंशन फ्रॉड, बिजली बिल फ्रॉड, वर्क फ्रॉम होम फ्रॉड, सेक्स्टॉर्सन फ्रॉड, लोन एप फ्रॉड, पार्सल फ्रॉड, फ्रेंचाइजी फ्रॉड, फेक बेटिंग एप, क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट फ्रॉड, पॉन्जी स्कीम फ्रॉड के मामले देखने को मिल रहे हैं। आम आदमी इसका सीधा शिकार हो रहा है। इससे बचाव के लिए हमें हर स्तर पर सतर्कता बरतनी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि साइबर अपराधों से बचाव के लिए जागरूकता सबसे अहम माध्यम है। हमें स्कूली पाठ्यक्रमों में इसे शामिल करना चाहिए। इसके अलावा, बीएसए एवं डीआईओएस को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित करते हुए चरणबद्ध रूप से प्रधानाचार्यों व शिक्षकों और फिर विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों को जागरूक किया जाए।
मुख्यमंत्री ने जागरूकता सामग्री तत्काल तैयार कर इसे क्रियान्वित करने के निर्देश दिए। वहीं, साइबर अपराधों के अन्वेषण व विवेचना के लिये पुलिस बल के विधिवत प्रशिक्षण की आवश्यकता बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले से 05 पुलिस अधिकारियों को राज्य स्तर पर प्रशिक्षित किया जाए। प्रशिक्षित पुलिस अधिकारियों द्वारा अपने जिले के प्रत्येक थाने से 05 निरीक्षक व उपनिरीक्षक को साइट्रेन पोर्टल पर उपलब्ध कोर्स के संबंध में प्रशिक्षण दिया जाए।