नई दिल्ली। भारत ने चीन के दावे का खंडन किया है। सूत्रों का कहना है कि चीन की ओर से भारतीय पक्ष के साथ द्विपक्षीय बैठक का अनुरोध लंबित था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान लीडर्स लाउंज में अनौपचारिक बातचीत की थी।
उल्लेखनीय है कि चीन के विदेश मंत्रालय ने दावा किया था कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 23 अगस्त को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के अनुरोध पर उनसे बात की। इस दौरान शी ने कहा कि दोनों पक्षों को अपने द्विपक्षीय संबंधों के समग्र हितों को ध्यान में रखना चाहिए और सीमा मुद्दे को ठीक से संभालना चाहिए ताकि संयुक्त रूप से सीमा क्षेत्र में शांति की रक्षा की जा सके।
वहीं, कल विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने मोदी- जिनपिंग मुलाकात की जानकारी देते हुए कहा था कि दोनों नेताओं के बीच सीमा पर तनाव कम करने पर सहमति बनी है। प्रधानमंत्री मोदी ने जिनपिंग के सामने एलएसी के पश्चिमी सेक्टर में विवाद वाले मुद्दों पर भारत की चिंता को रेखांकित किया। यह भी साफ कर दिया कि संबंध सामान्य बनाने के लिए एलएसी का सम्मान व शांति जरूरी है।