लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने लखनऊ के विकास खण्ड मोहनलालगंज स्थित कमालपुर विचलिका गोआश्रय स्थल में 14 अगस्त, 2023 को 13 गोवंशों की मृत्यु की घटना का संज्ञान लेते हुए विभागीय अधिकारियों एवं मोहनलालगंज के परगना अधिकारी तथा पुलिस विभाग के अधिकारियों के साथ गोआश्रय स्थल का निरीक्षण किया।
धर्मपाल सिंह ने निर्देश दिये कि गोआश्रय स्थल पर मनरेगा के माध्यम से टीन शेड की व्यवस्था की जाए और चारा मशीन ठीक कराई जाए। उन्होंने सख्त रूप से निर्देशित किया कि गोआश्रय स्थलों पर हरे चारे एवं भूसे की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए और सभी गोशालाओं को हरे चारे की गुणवत्ता को बनाये रखने के लिए हरसंभव प्रयास किये जाए। ताकि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न होने पाये। उन्होंने गोवंश को दिये जाने वाले हरे चारे और सूखे चारे की गुणवत्ता के संबंध में प्रदेश भर के गोआश्रय स्थलों को आवश्यक दिशा-निर्देश तत्काल जारी किये जाने के निर्देश भी दिये।
निरीक्षण के उपरान्त धर्मपाल सिंह ने मोहनलालगंज तहसील कार्यालय में आहूत बैठक में आईवीआरआई बरेली तथा फॉरेन्सिक लैब लखनऊ द्वारा जॉच की रिपोर्ट पर अग्रिम कार्यवाही किये जाने के लिए सूर्यपाल गंगवार, जिलाधिकारी लखनऊ को अधिकृत करते हुए विस्तार से जॉच करने एवं दुर्घटना के लिए जिम्मेदारी सुनिश्चित करते हुए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि सीओ तथा थाने के एसएचओ स्तर के अधिकारी प्रत्येक तहसील में संबंधित परगना अधिकारी के साथ संयुक्त टीम बनाकर गोआश्रय स्थलों पर पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था एवं अन्य आवश्यकताओं को पूरा कराने का हरंसभव प्रयास करें। उन्होंने पुलिस प्रशासन को यह भी निर्देश दिये कि छुट्टा गोवंश को छोड़ने वाले पशुपालकों को चिन्हित करके उनके खिलाफ विधिक कार्यवाही सुनिश्चित करें ताकि छुट्टा पशुओं से होने वाली समस्याओं पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि कमालपुर विचलिका विकासखण्ड मोहनलालगंज जनपद लखनऊ के गोआश्रय स्थल पर संरक्षित लगभग 34 गोवंश अचानक बीमार हो गये और 14 अगस्त, 2023 को 13 गोवंशों की मृत्यु हो गयी थी, जबकि पशुचिकित्साधिकारियों की टीम ने तत्काल मौंके पर पहुंचकर 21 गोवंश को बचाने में सफलता प्राप्त की थी। इन मृत गोवंश का 15 अगस्त, 2023 को पोस्टमार्टम कराकर विसरा सुरक्षित रखते हुए आईवीआरआई बरेली तथा फॉरेन्सिक लैब लखनऊ जॉच हेतु भेजा गया था।
आईवीआरआई बरेली जॉच में पाया गया कि गोवंशों की मृत्यु का कारण नाइट्रेट और नाइट्राइट विष है, जिसके कारण पशुओं की मौत हुई। सामान्यतः यह विषाक्त पदार्थ चारे के खेत में यूरिया के अधिकाधिक प्रयोग से चरी में एकत्र हो जाता है। यह चारा खाने से पशुओं को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है और उनकी असमयिक मृत्यु का खतरा उत्पन्न हो जाता है।
धर्मपाल सिंह ने गोआश्रय स्थल का स्थलीय निरीक्षण किया एवं संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देते हुए गोवंश की देखभाल तथा संरक्षण के लिए हरसंभव प्रयास करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि गोवंशों का आश्रय स्थलों में सुरक्षित संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री ने अपनी प्राथमिकता में रखा है। सरकार द्वारा छुट्टा पशुओं की समस्या के स्थाई समाधान के लिए हर प्रयास करने को निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि पशुओं के चारे, पेयजल, प्रकाश, उपचार आदि के लिए राज्य सरकार द्वारा संसाधन उपलब्ध कराये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पशुचिकित्साधिकारी एवं समस्त पशुचिकित्साधिकारी, बीडीओ एवं अन्य संबंधित अधिकारी संयुक्त टीम बनाकर गोआश्रय स्थलों पर चारे की गुणवत्ता बनाये रखने का सतत प्रयास करें ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटना न होने पाये।
स्थलीय निरीक्षण के दौरान विशेष सचिव पशुधन देवेन्द्र पाण्डेय के अलावा सीडीओ, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी, पुलिस विभाग के अधिकारी तथा पशुधन विभाग के चिकित्साधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित थे। पशुधन मंत्री के स्थलीय निरीक्षण के पश्चात मंत्री जी द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुपालन में जिलाधिकारी लखनऊ सूर्यपाल गंगवार ने गोआश्रय स्थलों के समुचित रखरखाव की व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा आवश्यक संसाधन कराने के लिए अधिकारियों एवं पशुचिकित्साधिकारियों के साथ बैठक करके निर्देशित किया कि नगराम जैसी घटना की पुनरावृत्ति किसी भी दशा में न होनी चाहिए।