लखनऊ, 15अगस्त। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब प्रकृति सुरक्षित रहेगी तो परमात्मा की कृपा भी बनी रहेगी और हम आपदा से मुक्त हो पाएंगे। यह हरे-भरे वृक्ष ही हम सबको प्रकृति व परमात्मा के साथ जोड़ने के माध्यम बनेंगे। सीएम ने कहा कि भारतीय मनीषा की क्या दृष्टि रही होगी। भारत ने प्राचीन काल से ही इसे मान्यता दी, हरिशंकरी के रूप में भी तीन पवित्र वृक्षों (पीपल, पाकड़ व बरगद) को जोड़ा गया। देवी के रूप में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने तीन पौधे (आम-नीम व एक अन्य पौध) लगाए। नक्षत्र वाटिका यानी 27 नक्षत्र व नवग्रह वाटिका 9 ग्रहों के नाम पर भी वृक्ष हैं। यह भारत की गौरवशाली परंपरा है। अमृत वाटिका देश की आजादी के शताब्दी वर्ष में हमें नए संकल्प के साथ जोड़ने का आह्वान कर रही है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह बातें वृक्षारोपण जन अभियान-2023 के अंतर्गत 5 करोड़ पौधरोपण का शुभारंभ करते हुए कहीं। इस दौरान गोमती तट (झूलेलाल वाटिका के निकट) अमृत वाटिका में वृक्षारोपण व अमृत स्तंभ का लोकार्पण भी किया गया।
प्रकृति से खिलवाड़ करेंगे तो उसके दुष्परिणाम से बच नहीं पाएंगे
सीएम ने कहा कि एक महीने के अंदर देश के अलग-अलग भागों में अतिवृष्टि के कारण व्यापक जन-धनहानि होती दिखी। प्रकृति से जब भी खिलवाड़ करेंगे तो दुष्परिणाम से बच नहीं पाएंगे। कल हिमाचल में फिर व उत्तराखंड में प्रकृति का तांडव देखा है। अमृत वाटिका अच्छा प्रयास है। अमृत वाटिका के बहाने ही सही, हमने पर्यावरण को बचाने के नए संकल्प के साथ जुड़ने का अवसर हमें प्राप्त हुआ है।
पीएम ने हर भारतवासी से कुछ संकल्प लेने का आह्वान किया था
सीएम ने कहा कि पीएम मोदी ने अगस्त क्रांति दिवस पर 9 से 30 अगस्त के बीच में अमृत काल की इस बेला के प्रथम वर्ष में प्रत्येक भारतवासी से कुछ संकल्प लेने का आह्वान किया था। इसके क्रम में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। मेरी माटी-मेरा देश कार्यक्रम, माटी को नमन-वीरों का वंदन प्रारंभ हुए हैं। यह मेरा सौभाग्य है कि 9 अगस्त की तिथि स्वाधीनता आंदोलन के साथ जुड़ी हुई तिथियों में से एक है, जब काकोरी ट्रेन एक्शन के आयोजन के साथ हम सबको जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ था। 9 अगस्त को ‘माटी को नमन-वीरों का वंदन’ कार्यक्रम का शुभारंभ काकोरी से मुझे प्रारंभ करने का अवसर प्राप्त हुआ था।
पर्यावरण को बचाने के नए संकल्प के साथ जुड़ने का हमें अवसर प्राप्त हुआ
सीएम ने कहा कि विकास प्राधिकरण ने अमृत स्तंभ का चयन लखनऊ की प्राण गोमती नदी के तट पर मनकामेश्वर वॉर्ड में नए संकल्प के साथ स्थापित किया। मुख्य सचिव ने अमृत स्तंभ का परिचय दिया, कैसे 75 की संख्या को किसी न किसी रूप में उससे जुड़ने की बात बताई। चाहे वह अमृत कलश की बात हो या स्तंभ की ऊंचाई हो या अलग-अलग कोनों को देखेंगे तो इन सबके साथ इस संख्या को जोड़ने का कार्य हुआ।
पंच प्रण नए उत्साह व उमंग के साथ जुड़ने की प्रेरणा प्रदान कर रहा है
सीएम ने याद दिलाया कि पीएम ने पंच प्रण की बात कही। पीएम ने संविधान को स्वीकार करने वाली 26 नवंबर की तिथि को संविधान दिवस के रूप में आयोजित करने का संकल्प लिया। इस दौरान विधानमंडल में नागरिक कर्तव्यों पर चर्चा हुई। हर नागरिक का कर्तव्य राष्ट्र व समाज के लिए क्या है। जिस फील्ड में काम कर रहे हैं, अगर ईमानदारी से कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं तो यही मातृभूमि के प्रति नमन है। पंच प्रण नए उत्साह व नए उमंग के साथ जुड़ने की प्रेरणा प्रदान कर रहा है। उसी का परिणाम है कि अमृत वाटिका कर्तव्यों के प्रति अपने दायित्वों को ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करने की श्रृंखला का हिस्सा है। जब यह देश 25 वर्ष के उपरांत आजादी का शताब्दी महोत्सव मना रहा होगा, उस समय यह अमृत वाटिका-अमृत स्तंभ हम सबको आजादी के अमृत महोत्सव का संकल्प याद दिला रहा होगा। उस समय की पीढ़ी को यह जानने, देखने व सुनने का अवसर होगा कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में क्या संकल्प लिए गए और क्या कार्यक्रम संपन्न हुए।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक नीरज बोरा, जय देवी, अमरेश कुमार, पूर्व मंत्री व विधान परिषद सदस्य महेंद्र सिंह, मोहसिन रजा, एमएलसी मुकेश शर्मा, बुक्कल नवाब, उमेश चंद द्विवेदी, लाल जी निर्मल आदि की उपस्थिति रही।
अमृत स्तंभ के बारे में दी गई जानकारी
मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने अमृत स्तंभ के बारे में जानकारी दी। बताया कि अमृत स्तंभ में पहली सीढ़ी 75 सेमी. की पांच सीढ़ी, अगली सीढ़ी भी 75 सेमी., बेस भी 75 सेमी., स्तंभ 7.5 मीटर, अमृत कलश भी 75 सेमी. का है। पीएम के पंच प्रण को याद करने के लिए पंच कोना में अमृत वाटिका बनाई गई है। इसमें 75 पौधे लगाए गए हैं।