लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती में नियुक्ति पाने से वंचित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने नियुक्ति की मांग को लेकर मंगलवार को इको गार्डन में धरना दिया। धरने में बैठे अभ्यर्थियों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर विधानसभा चुनाव के दौरान विभाग ने 6800 दलित-पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों की सूची जारी की थी लेकिन उन्हें अभी तक नियुक्ति नहीं मिली इस मांग को लेकर सभी अभ्यर्थी धरने पर बैठे हैं।
अभ्यर्थियों के हक अधिकार की लड़ाई लड़ रहे अमरेंद्र पटेल ने बताया कि 69000 शिक्षक भर्ती में व्यापक स्तर पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने से वंचित कर दिया गया। उन्होंने विभाग के अधिकारियों पर बेसिक नियमावली का पालन न करने का आरोप लगाया।
अमरेंद्र पटेल ने बताया कि 69000 शिक्षक भर्ती वर्ष 2018 में आयोजित की गयी थी। 21 जून 2020 को 69000 अभ्यर्थियों की चयन सूची आई जिसमें आरक्षण लागू करने में विसंगति की गई। जब विभाग ने मामले का संज्ञान नहीं लिया तो सभी चयन पाने से वंचित अभ्यर्थी अपनी शिकायत राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में दर्ज कराई। लगभग एक वर्ष हुई सुनवाई के बाद 29 अप्रैल 2021 में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि पिछड़े वर्ग को नियमानुसार आरक्षण नहीं दिया गया हैै और ओबीसी उम्मीदवारों के अधिकारों का उल्लंघन हुआ है।
न्याय नहीं मिलने पर पिछड़े दलित वर्ग के अभ्यर्थियों ने आन्दोलन शुरू किया इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लेकर अधिकारियों को आदेश दिया कि आरक्षण लागू कराने में हुई विसंगति को दूर करते हुए सभी को नौकरी दी जाए। अधिकारियों ने पीड़ित 6800 अभ्यार्थी की एक सूची तैयार की और नियुक्ति देने का वादा था लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिल सका।
अमरेंद्र पटेल ने बताया कि इस मामले में वर्तमान बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह कई बार मुलाकात हुई लेकिन कोई सार्थक निष्कर्ष नहीं निकला।