लखनऊ, 7 अगस्त। उत्तर प्रदेश को ‘उत्तम प्रदेश’ बनाने के लिए प्रयासरत योगी सरकार ने स्वतंत्रता दिवस संबंधी कार्यक्रमों के आयोजन का आगाज वृहद स्तर पर करने की तैयारी पूरी कर ली है। भारत के सभी राज्यों में फिलहाल आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, ऐसे में, केंद्र सरकार की ‘मेरी माटी, मेरा देश’ और ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को उत्तर प्रदेश में भी बड़े स्तर पर आयोजित करने की रूपरेखा तय कर रखी है। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप, स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित इन कार्यक्रमों की शुरुआत 9 अगस्त से वृहद स्तर पर होगी और पहले चरण में ‘पंच प्रण’ के जरिए स्वाधीनता की अलख पूरे प्रदेश में जगाई जाएगी। यह आयोजन कितना वृहद होगा इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश के सभी गांवों, ग्राम पंचायतों, नगर निकायों, ब्लॉक, छावनी, परिषदों, सरकारी कार्यालयों, विद्यालयों, महाविद्यालयों, निगमों समेत औद्योगिक व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में भी सभी लोग ‘पंच प्रण’ से संबंधित शपथ लेंगे और देश व प्रदेश की उन्नति के लिए प्रतिबद्धता दर्शाने के साथ ही देश की स्वतंत्रता के अब तक के सफर को लेकर गर्व के भाव की अनुभूति कर सकेंगे। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र द्वारा सभी सरकारी विभागों समेत हर स्तर पर निर्देश दिए जा चुके हैं। साथ ही, सभी सरकारी विभागों को भारत सरकार की वेबसाइट merimaatimeradesh.gov.in पर संबंधित सेल्फी अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं। यह आयोजन किस प्रकार होना है इसके लेकर भी पहले ही विस्तृत कार्ययोजना व निर्देश मुख्य सचिव द्वारा दिए जा चुके हैं।
अमृत काल के ‘पंच प्रण’ बदलेंगे देश की तस्वीर
केंद्र सरकार की ओर से पंच प्रण की जो अवधारणा तय की गई है, उसके अनुसार कुल 5 लक्ष्यों को प्रण के रूप में तय किया गया है। इसके अंतर्गत ‘विकसित भारत का लक्ष्य, गुलामी के हर अंश से मुक्ति, अपनी विरासत पर गर्व, एकता व एकजुटता तथा नागरिकों में कर्तव्य की भावना’ ये वो लक्ष्य हैं जिनको लक्षित करके पंच प्रण की अवधारणा को अंगीकार किया गया है। ये शपथ देश के सभी नागरिकों में स्वाधीनता की भावना विकसित करने और देश की उन्नति को गति देने के लिए सभी के अंदर जज्बा विकसित करने का काम करेगी। जो शपथ प्रदेश भर में दिलाई जाएगी इसका भी एक प्रारूप जारी किया गया है। उल्लेखनीय है कि आजादी के 75वें वर्ष में 75 सप्ताह तक चलने वाले इस कार्यक्रम का समापन 29-30 अगस्त, 2023 को नई दिल्ली के कर्तव्य-पथ पर किया जाना प्रस्तावित है।
कुछ इस तरह होगा शपथ का प्रारूप..
- मैं शपथ लेता हूं कि विकसित भारत के निर्माण में अपनी भागीदारी निभाऊंगा। मैं शपथ लेता हूं कि गुलामी की मानसिकता से मुक्ति के लिए हर संभव प्रयास करूंगा।
- मैं शपथ लेता हूं कि देश की समृद्ध विरासत पर गर्व करूंगा और इसके उत्थान के लिए हमेशा कार्य करता रहूंगा।
- मैं शपथ लेता हूं कि देश की एकता और एकजुटता के लिए सदैव प्रयास करता रहूंगा।
- मैं शपथ लेता हूं कि राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों व दायित्वों का का पालन करूंगा।
- मैं शपथ लेता हूं कि मैं देश के गौरव के लिए प्राण देने वाले वीरों से प्रेरित होकर राष्ट्र की रक्षा, सम्मान और प्रगति के लिए समर्पित रहूंगा।
लखनऊ, दिल्ली ले जाई जाएगी हर गांव की मिट्टी
कार्ययोजना के अनुसार, 9 से 15 अगस्त के बीच अमृत सरोवर/पंचायत भवन/ विद्यालयों/शहीद स्थलों/ अमृत वाटिकाओं/ सामुदायिक केन्द्रों में से किसी भी चयनित स्थान पर बैठकों का आयोजन किया जाएगा। ग्रामों/पंचायतों से मिट्टी-कलश अमृत यात्रा का शुभारंभ करते हुए ब्लॉक स्तर पर 16 से 20 अगस्त, 2023 तक पहुँचाये जायेंगे। एकत्रित कलशों में से एक-एक कलश प्रति ग्राम पंचायत प्रदेश की राजधानी लखनऊ तथा देश की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित राज्य स्तर/राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों तक चयनित श्रेष्ठ प्रतिभागियों के माध्यम से पहुंचाया जाएगा।
वहीं, 16 से 20 अगस्त के बीच ब्लॉक स्तर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में प्रत्येक ब्लाक पर गाँवों/ग्राम पंचायतों से संगृहीत दो मृत्तिका-कलश, क्रमशः प्रदेश की राजधानी लखनऊ व देश की राजधानी नई दिल्ली में, चयनित युवकों/युवतियों द्वारा लाया जायेगा। मुख्य कार्यक्रम के लिए नई दिल्ली व लखनऊ प्रदेश के समस्त ब्लॉकों में एकत्रित किये गए मृत्तिका कलशों को सुसज्जित वाहनों के माध्यम से 27 से 29 अगस्त, 2023 के मध्य नई दिल्ली के कर्तव्यपथ व 23 से 24 अगस्त, 2023 के मध्य प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एकत्रित किया जाएगा। देश एवं प्रदेश के सभी हिस्सों से एकत्रित की गई इस मिट्टी को अमृत वाटिका उद्यान विकसित करने के लिए उपयोग किया जायेगा। इस अमृत वाटिका में स्वदेशी प्रजातियों के 75 वृक्षों के लिए पौधारोपण किया जायेगा। इस अमृत वाटिका में देश की स्वतंत्रता/एकता/अखण्डता के लिए योगदान देने वाले सभी नायकों को समर्पित एक “आजादी का अमृत महोत्सव’ स्मारक बनाया जाएगा। वहीं, शिलाफलकम, वीरों का वंदन, ध्वजारोहण, वसुधा-वंदन संबंधी कार्यक्रम भी प्रदेश में आयोजित होंगे।