लखनऊ, 4 अगस्त। उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी वाली जीडीपी बनाने के लिए प्रयासरत योगी सरकार ने प्रदेश को नवीकरणीय ऊर्जा (रीन्यूएबल एनर्जी) के क्षेत्र में भी अग्रणी बनाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। एक ओर, प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति दी जा रही है, वहीं निश्चित तौर पर प्रदेश की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा विकल्पों को बढ़ावा देने में प्रयासरत योगी सरकार अब सौर उर्जा के क्षेत्र में पूरे प्रदेश को लाभान्वित करने की दिशा में एक अहम प्रयास करने जा रही है। राज्य में जल्द ही सीएम योगी की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) मेगा ई-टेंडर का आयोजन करने जा रहा है। इसमें मुख्य रूप से 176 स्ट्रीट लाइटिंग सिस्टम वाले सोलर ट्री, 32 ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशंस व 537 स्मार्ट सोलर लाइटिंग सिस्टम के लिए ई-टेंडर की प्रक्रिया जारी कर दी है। इस ई-टेंडरिंग प्रक्रिया के तहत प्रदेश के सभी सोलर सिटीज में इन सभी सुविधाओं की स्थापना और 5 वर्षों तक संचालन के लिए उचित कंपनियों को टेंडर दिया जाएगा। वहीं, पीएम कुसुम (प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान) के अंतर्गत सोलर पावर जेनरेटर व ग्रिड कनेक्टर सोलर पावर प्लांट्स को रेस्को मोड के जरिए रिक्वेस्ट ऑफ सिलेक्शन (आरएफएस) की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
11,800 निर्धारित की गई है टेंडर फीस
176 स्ट्रीट लाइटिंग सिस्टम वाले सोलर ट्री (1 केड्बल्यू), 32 ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशंस व 537 स्मार्ट सोलर लाइटिंग सिस्टम (2.5 केड्ब्ल्यू) के लिए ई-टेंडर फाइलिंग के लिए 11,800 रुपए व 18 प्रतिशत जीएसटी फीस निर्धारित की गई है। इस टेंडर की शुरुआत इस वर्ष 20 जून से हो चुकी है और 5 अगस्त को इसे फाइल किए जाने का लास्ट डेट निर्धारित किया गया है। 5 अगस्त को आवेदन प्रक्रिया बंद होने के उपरांत सभी बिड्स में चयनित कंपनियों का सिलेक्शन कर उन्हें आगे की ई बिडिंग प्रक्रिया में भाग लेने के लिए सूचित किया जाएगा। वैसे, इन टेंडर्स के लिए बिडिंग की लास्ट डेट 29 जुलाई निर्धारित की गई थी मगर इसे बढ़ाकर फिलहाल 5 अगस्त की डेडलाइन सुनिश्चित की गई है।
पीएम कुसुम योजना को भी प्रदेश में दिया जाएगा बढ़ावा
प्रदेश में पीएम कुसुम (प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान) के अंतर्गत सोलर पावर जेनरेटर व ग्रिड कनेक्टर सोलर पावर प्लांट्स को रेस्को मोड के जरिए रिक्वेस्ट ऑफ सिलेक्शन (आरएफएस) की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप 27 जुलाई से शुरू हुई इस प्रक्रिया में अलग-अलग कृषि फीडर्स के सौरीकरण को बढ़ावा मिलेगा। इसके अंतर्गत ग्रिड कनेक्टेड सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए बोली लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यूपीपीसीएल को बिजली की बिक्री के लिए 150 मेगावाट की संचयी क्षमता वाले वितरण उप-स्टेशनों को पीएम कुसुम योजना के तहत रेस्को मोड के माध्यम से उत्तर प्रदेश राज्य के विभिन्न स्थानों पर घटक सी 2 (फीडर स्तर सौरकरण) के आधार पर विकसित करने में सफलता मिलेगी। इस ई बिडिंग प्रक्रिया में भाग लेने की अंतिम तिथि 5 सितंबर निर्धारित की गई है जिसके उपरांत चयनित बोलीकर्ताओं को विभाग द्वारा इस विषय में सूचित कर दिया जाएगा।