लखनऊ, 1 अगस्त। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता की समस्या के समाधान में हीलाहवाली करने वाले अधिकारियों को साफ संदेश दिया कि अगर वह नहीं सुधरे तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को समय से अपने आॅफिस पहुंचकर जनता की समस्याएं सुनने के निर्देश दिये और प्राथमिकता के आधार पर उसका निस्तारण करने को कहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के यह तल्ख तेवर मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर जनता दर्शन के दौरान देखने को मिले। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता दर्शन में सौ से अधिक लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। इस दौरान मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, डीजीपी विजय कुमार और प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद भी मौजूद रहे।
सरकार के पास इलाज के लिए पैसे की कोई कमी नहीं
जनता दर्शन में ज्यादातर मामले अवैध कब्जे, आपसी संपत्ति विवाद, आपसी विवाद, इलाज के लिए आर्थिक सहायता की गुहार को लेकर आए। सीएम योगी ने आए सभी लोगों को आश्वस्त किया कि सरकार के पास इलाज के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि पैसे के अभाव में किसी भी प्रदेशवासी एवं जरूरतमंद का इलाज नहीं रुकेगा। उनके प्रार्थना पत्रों पर अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इलाज से जुड़े एस्टीमेट की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूर्ण करा कर शासन को उपलब्ध कराया जाए। राजस्व व पुलिस से जुड़े मामलों को उन्होंने पूरी पारदर्शिता वह निष्पक्षता के साथ निस्तारित करने का निर्देश देते हुए कहा कि किसी के साथ भी नाइंसाफी नहीं होनी चाहिए। हर पीड़ित के साथ संवेदनशील व्यवहार अपनाते हुए उसकी मदद की जाए। जनता दर्शन में कुछ लोगों की रोजगार संबंधी समस्या पर मुख्यमंत्री ने सकारात्मक भरोसा देते हुए अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए।
समय पर आफिस पहुंचें अधिकारी, जनता की समस्याओं का करें निस्तारण
जनता दर्शन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र को निर्देशित किया कि सभी विभागों में जनता से मिलने के समय का विशेष ध्यान रखा जाए। इस दौरान अधिकारी अपने ऑफिस में मौजूद रहें। यदि वह किसी आवश्यक कार्य के चलते ऑफिस में नहीं उपस्थित हैं तो अपने अधीनस्थ को यह जिम्मेदारी सौंपें ताकि प्राथमिकता के आधार पर प्रदेश की जनता की समस्या का समाधान हो सके। इस मौके पर उपस्थित डीजीपी विजय कुमार को आदेश दिया कि पुलिस प्रशासन से जुड़े मामलों को लटकाया न जाए, उसे समयबद्ध तरीके से निस्तारित किया जाए। वहीं इन मामलों को ज्यादा से ज्यादा थाने स्तर पर ही निपटाया जाए ताकि जनता में पुलिस का इकबाल और मजबूत हो सके।