राघवेन्द्र प्रताप सिंह : सेंथिल बालाजी के बाद तमिलनाडु सरकार के एक और मंत्री के खिलाफ ईडी ने कार्रवाई की है। अब ईडी ने तमिलनाडु सरकार के मंत्री के पोनमुडी और उनके सांसद बेटे गौतम सिगामणि के ठिकानों पर छापेमारी की है। यह छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग केस में की गई। ईडी ने चेन्नई और विल्लुपुरम स्थित मंत्री और उनके सांसद बेटे के ठिकानों पर छापेमारी की।
तमिलनाडु सरकार के मंत्री के पोनमुडी पर आरोप है कि साल 2007 से 2011 के बीच खनन मंत्री रहते हुए पोनमुडी ने खनन लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन किया। जिससे सरकारी खजाने को करीब 28 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इसी मामले में ईडी ने अब पोनमुडी और उनके सांसद बेटे सिगामणि के खिलाफ कार्रवाई की।
बता दें कि के पोनमुडी के खिलाफ राज्य पुलिस ने भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके खिलाफ मंत्री ने मद्रास हाईकोर्ट का रुख किया था लेकिन मद्रास हाईकोर्ट ने कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। मंत्री पर आरोप है कि उन्होंने अपने बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों के लिए खनन लाइसेंस प्राप्त किए। साथ ही लाइसेंसधारकों को तय सीमा से अधिक खनन करने की भी अनुमति दी। वहीं डीएमके ने ईडी की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा है कि वह इससे डरने वाले नहीं हैं।
के पोनमुडी, तमिलनाडु सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईडी ने के पोनमुडी के नौ ठिकानों पर छापेमारी की। के पोनमुडी के अलावा उनके रिश्तेदारों और दोस्तों के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई। 72 वर्षीय मंत्री विल्लुपुरम जिले की तिरुक्कोयीलुर सीट से विधायक हैं और उनके बेटे सिगामणि कल्लाकुरुचि सीट से सांसद हैं।
प्रवर्तन निदेशालय के बारे में :
- प्रवर्तन निदेशालय (ED) एक बहु-अनुशासनात्मक संगठन है जो मनी लॉन्ड्रिंग (अवैध धन को वैध करना) के अपराधों और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन की जाँच करता है।
- यह वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन कार्य करता है।
- भारत सरकार की एक प्रमुख वित्तीय जाँच एजेंसी के रूप में ED भारत के संविधान और कानूनों के सख्त अनुपालन में कार्य करता है।
- मुख्यालय: प्रवर्तन निदेशालय (ED) का मुख्यालय नई दिल्ली में है, जिसका नेतृत्व प्रवर्तन निदेशक करता है।
- प्रवर्तन के विशेष निदेशकों की अध्यक्षता में मुंबई, चेन्नई, चंडीगढ़, कोलकाता और दिल्ली में पाँच क्षेत्रीय कार्यालय हैं।
- भर्ती: अधिकारियों की भर्ती सीधे और अन्य जाँच एजेंसियों के अधिकारियों में से की जाती है।
- इसमें IRS (भारतीय राजस्व सेवा), IPS (भारतीय पुलिस सेवा) और IAS (भारतीय प्रशासनिक सेवा) के अधिकारी शामिल हैं जैसे- आयकर अधिकारी, उत्पाद शुल्क अधिकारी, सीमा शुल्क अधिकारी और पुलिस।
- कार्यकाल: दो वर्ष, लेकिन तीन वर्ष का विस्तार देकर निदेशकों के कार्यकाल को दो से पाँच वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।