विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस का उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इन्हीं प्राकृतिक संसाधनों का बेहद जरूरी हिस्सा है पेड़-पौधे और जंगल। जंगलों की घटती संख्या के चलते, इनके संरक्षण पर जोर देना अब और भी जरूरी होता जा रहा है। एक पेड़ केवल छांव और ऑक्सीजन ही नहीं देता, इसकी कीमत इससे कहीं ज्यादा होती है। एक पेड़ की आर्थिक कीमत कितनी होती है, यह जानने के शुरुआती प्रयास भारत में ही हुए थे।
पेड़-पौधों का मानव जीवन में बड़ा महत्व है। ये हमें न सिर्फ ऑक्सीजन देते हैं। बल्कि तमाम प्रकार के फल-फूल, जड़ी बूटियां और लकड़ियां आदि भी देते हैं। घर के आसपास पौधरोपण करने से गर्मी, भू क्षरण, धूल आदि की समस्या से बच सकते हैं। यह बात शिवांता फाउंडेशन के फाउंडर प्रेम प्रकाश सिंह ने एक पौध प्रीति-दिन के अभियान के तहत आयोजित पौधरोपण कार्यक्रम में कही। शिवांता फाउंडेशन के द्वारा विभिन्न प्रजातियों के करीब 250 से अधिक पौधे रोपे गए।
हिंदू धर्म का प्रकृति से गहरा नाता है. वृक्षों को हिंदू धर्म में पूजा जाता है. वृक्ष लगाने को भी पुण्य माना जाता है. धर्म शास्त्रों में सभी तरह से वृक्ष सहित प्रकृति के सभी तत्वों के महत्व की विवेचना की गई है. मान्यता है कि जो व्यक्ति एक पीपल, एक नीम, दस इमली, तीन कैथ, तीन बेल, तीन आंवला और पांच आम के वृक्ष लगाता है, वह पुण्यात्मा होता है. हम आपको ऐसे वृक्षों के बारे में बता रहे हैं जिनका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. – जैसे पीपल, बरगद , आम , महुवा, नीम , बेल , अशोक , अर्जुन , पलाश , शमी इत्यादि।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश में चित्रकूट में पौधारोपण कर मेगा पौधरोपण अभियान की शुरूआत की. 15 अगस्त तक राज्य भर में करीब 35 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे. जब ये बड़े हो जाएंगे, तो ये पेड़ राज्य के लोगों को ऑक्सीजन देने के लिए पर्याप्त होंगे और 2030 तक उत्तर प्रदेश के कार्बन जब्ती लक्ष्य का 80 प्रतिशत भी पूरा करेंगे.