लखनऊ, 14 जुलाई। पौधा लगाना जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही उसका संरक्षण करना भी आवश्यक है। ऐसे में योगी सरकार पौधरोपण के साथ उन्हे संरक्षित करने की भी व्यवस्था कर रही है। इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही बैठक में विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना कर चुके हैं। इसी को आगे बढ़ाते हुए स्थानीय निकाय निदेशालय की ओर से भी समस्त नगरीय निकायों को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं और पौधरोपण के साथ उनके संरक्षण की व्यवस्था करने को कहा गया है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी की मंशा के अनुरूप प्रदेश के कुल हरित क्षेत्र को वर्तमान के 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 2026-27 तक 15 प्रतिशत तक ले जाने के लक्ष्य को पाने के लिए नगर विकास विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में वृक्षारोपण के लिए 34.97 लाख के लक्ष्य की प्राप्ति निर्धारित समय में की जानी है। इस लक्ष्य के अनुरूप विभाग की ओर से सभी के द्वारा प्रयास किए जाने की अपेक्षा की गई है।
पौधों के साथ लें सेल्फी, सोशल मीडिया पर करें अपलोड
निर्देशों के क्रम में कहा गया है कि सभी नगरीय निकाय यह सुनिश्चित करेंगे कि किस पौधे की देखभाल कौन करेगा और कैसे करेगा। सभी को पूरी गंभीरता के साथ एकजुट होकर यह कार्य करना होगा। सभी निकाय सुनिश्चित करेंगे कि हर पौधा जियोटैग हो। समस्त स्थलों की जीपीएस के माध्यम से जियो टैगिंग की जाएगी। पौधों के साथ सेल्फी लें और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उन्हें अपलोड किया जाए।
पौधरोपण को बनाना होगा जनांदोलन
इसके साथ ही, पेड़ लगाओ पेड़ बचाओं के संदेश से जनजन को जोड़ने की आवश्यकता है। इसके अंतर्गत 22 जुलाई को लगभग 85 प्रतिशत पौधारोपण के लक्ष्य को प्राप्त करना है, जबकि स्वतंत्रता दिवस के दिन शत-प्रतिशत पौधरोपण के लक्ष्य को प्राप्त करना है। यह महाभियान बिना जनसहभागिता के सफल नहीं हो सकता। सभी जनप्रतिनिधियों अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि यह अपने-अपने क्षेत्र में आमजन को इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करें। पौधरोपण को जनांदोलन बनाने के क्रम में हर नगर पंचायत मे 5 हजार नगर पालिका परिषद में 10 हजार व नगर निगम में पचास हजार से 25 लाख तक (अपनी क्षमता के अनुसार) पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया जाए। नगर पंचायत/नगर पालिका परिषद/नगर निगम बैठक कर विस्तारित कार्ययोजना तैयार करें।
पौधरोपण के लिए उपयुक्त स्थान होंगे अमृत सरोवर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर प्रदेश में बड़ी संख्या में अमृत सरोवर निर्मित किए गए हैं। वर्षा जल संचयन का इस प्रयास से क्षेत्र में निम्न भूगर्भीय जल स्तर के बेहतर होने और खारे पानी की समस्या का समाधान बनेगा। पौधरोपण के लिए यह सरोवर उपयुक्त स्थान हो सकते है। इसके अलावा, नगरीय निकाय सड़कों के किनारे-किनारे व डिवाइडर पर पौधे लगाएं। नदियों के किनारे भी उपयुक्त स्थान पर पौधे लगाए जाने चाहिए। शहरों में वृक्षारोपण के लिए उपलब्ध भूमि के साथ-साथ सड़कों के किनारे एक मार्ग एक प्रजाति के आधार पर वृक्षारोपण करने की व्यवस्था की जाए।
शहरी क्षेत्रों में हो सघन वृक्षारोपण
शहरी क्षेत्रों में सघन वृक्षारोपण पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। अतः भूमि उपलब्धता के आधार पर सघन वृक्षारोपण किया जाए। उदाहरणस्वरूप नंदन वन तथा मियावाकी पद्धति से रोपण को महत्व दिया जाए। इसमें वन विभाग का सक्रिय सहयोग लिया जाए। पौधरोपण के लिए स्थान चिन्हित करते हुए हर जगह के लिए थीम भी तय करें, जैसे कहीं छायादार वृक्ष हों, कहीं फलदार तो कहीं इमारती लकड़ी वाले तो कहीं औषधीय पौधे लगाएं। लिगेसी डंप साईड का निस्तारण कराते हुए उसको वृक्षारोपण स्थल के रूप में चयन किया जाए।