लखनऊ: प्रदेश सरकार ने गौवंश संवर्द्धन एवं डेयरी विकास को बढ़ावा देने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कबड्डी खिलाड़ी राहुल चौधरी को ब्राण्ड एम्बेसडर बनाया है। पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि चौधरी द्वारा प्रदेश में गोवंश के संवर्द्धन एवं गौ उत्पादों को प्रोत्साहित किया जायेगा। इससे बच्चे और युवा भी गौ जनित उत्पादों के प्रति जागरूक होंगे।
धर्मपाल सिंह द्वारा यहां प्रदेश के समस्त मुख्य पशुचिकित्साधिकारियों, अपर निदेशको प्रक्षेत्र प्रबंधकों एवं विभिन्न योजनाओं के नोडल अधिकारियों द्वारा विगत तीन माह में किये गये कार्याे की समीक्षा आज यहां पशुपालन निदेशालय के सभागार में की गयी। उन्होंने निराश्रित संरक्षित गोवंश के लिए भूसा संग्रहण कार्य में लापरवाही बरतने पर गहरी अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए जनपद कानपुर नगर, मिर्जापुर, आजमगढ़ तथा गोआश्रय स्थलों की डीबीटी प्रक्रिया में उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध न कराने पर जनपद बुलन्दशहर, बहराइच और फतेहपुर के मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों का स्पष्टीकरण लेने और दोषी पाये जाने पर उनपर कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही विगत 03 माह में कई जनपदों द्वारा बजट न आवंटित/प्राप्त किये जाने पर गहरी आपत्ति जताते हुए अधिकारियों को कार्यशैली में सुधार लाने और योजनाओं का क्रियान्वयन निर्धारित अवधि में पूरा करने के निर्देश दिये हैं।
पशुधन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 11 जुलाई से 25 अगस्त, 2023 तक अभियान चलाकर गोचर भूमियों को कब्जामुक्त कराया जाए और उस पर हरा चारा उगाया जाए। हरे चारे हेतु नैपियर घास को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त, 2023 तक गलाघोटू टीकाकरण का कार्य पूरा कर लिया जाए। अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि कोई भी पशु टीकाकरण से न छूटे, जिससे पशु हानि से बचा जा सके।
धर्मपाल सिंह ने कहा कि पशुधन विभाग मुख्यमंत्री की प्राथमिकता का विभाग है और हम लोगों की सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य करना होगा। अच्छी योजना के साथ ही उसका सुचारू क्रियान्वयन अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उन्हांेने कहा कि वन ट्रिलियन डॉलर इकोनामी में पशुपालन का योगदान अत्यन्त महत्वपूर्ण है और किसानों की आय वृद्धि में विभागीय योजनाए अत्यन्त लाभकारी है इसीलिए सभी अधिकारी पूरे मनोयोग से अपना दायित्व निर्वहन करें। विभागीय कार्याे में लापरवाही व उदासीनता बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही की जायेगी।
पशुधन मंत्री ने कहा कि प्रदेश के 100 आकांक्षात्मक विकास खण्डों में विभाग द्वारा मुख्य रूप से कृत्रिम गर्भाधान, टीकाकरण एवं गोसंरक्षण का कार्य प्राथमिकता के आधार पर मिशन मोड पर किया जाए। इन विकास खण्डों में सघन अनुश्रवण के उपरान्त पशुपालकों की हर समस्या का निराकरण किया जाये। अधिक से अधिक किसानों व पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ दिया जाये और मोबाइल वेटनरी यूनिट द्वारा प्रदान की जा रही सुविधायें भी उपलब्ध कराई जाए। श्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि गोआश्रय स्थलों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि गोवंश हेतु जैसे टीन शेड, चारा-भूसा, पानी, प्रकाश एवं वर्षा ऋतु व बाढ़ की संभावना के दृष्टिगत आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करें। निराश्रित गोवंश को आश्रय स्थलों पर पहुचाने के लिए हरसम्भव प्रयास किया जाये।
पशुधन मंत्री द्वारा स्मार्ट उपस्थिति मोबाइल एप का शुभारम्भ किया गया, जिसमें सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज होगी। जिससे फील्ड स्तर पर कार्यों के प्रति उनकी जवाबदेही तय होगी और शासन द्वारा मुख्यालय स्तर भी इसकी मॉनिटरिंग की जायेगी। बैठक में अपर मुख्य सचिव, पशुधन, डा. रजनीश दुबे ने कहा कि सभी अधिकारी मोबाइल वेटनरी यूनिट द्वारा प्रदान की जा रही सुविधाओं का सघन अनुश्रवण प्रतिदिन करें तथा निदेशालय एवं सेवा प्रदाता से समन्वय कर संचालन कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के घटक मोबाइल वेटनरी यूनिट के अन्तर्गत प्रदेश के समस्त 75 जनपदों में विभाग द्वारा 520 मोबाइल वेटनरी यूनिट का संचालन किया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर मोबाइल यूनिट्स का अधिक प्रचार प्रसार किया जाए, ताकि किसानों और पशुपालकों को इसका लाभ मिल सके।
बैठक में अपर मुख्य सचिव, पशुधन, डा. रजनीश दुबे ने कहा कि इनवेस्ट यूपी के तहत अब तक विभाग में कुल 3015 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं और सभी के साथ एमओयू साइन किये गये हैं, जिसमें 8886 करोड़ निवेश आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश कुक्कुट विकास नीति 2022 एएचआईडीएफ एवं एनएलएम के द्वारा प्रदेश में विकासोन्मुखी योजनायें संचालित की जा रही हैं। सभी अधिकारी योजनाओं को धरातल पर उतारे, जिससे पशुपालकों की आर्थिक वृद्धि एवं जीवन स्तर में सुधार हो सके। बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव देवेन्द्र पाण्डेय, विशेष सचिव, शिव सहाय अवस्थी, निदेशक, प्रशासन एवं विकास डा० इन्द्रमणि, यूपीएलडीबी के अध्यक्ष डा. नीरज गुप्ता प्रदेश के समस्त मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, अपर निदेशक एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।