लखनऊ। रेकी कर महिलाओं और बुजुर्गों के साथ लूटपाट करने वाले गिरोह के तीन बदमाशों को गोमतीनगर और गोमतीनगर विस्तार पुलिस ने शनिवार को संयुक्त रूप से गिरफ्तार कर लिया है। बदमाश पकड़ में न आएं इसलिए बिना नंबर की बाइक का प्रयोग कर हेलमेट और मास्क से चेहरा ढके रहते थे। बदमाशों ने सात माह में लूट की सात घटनाओं को अंजाम दिया था। गिरोह के सरगना पर पहले से चार मुकदमे दर्ज हैं।
डीसीपी पूर्वी ह्रदेश कुमार के मुताबिक सीसीटीवी फुटेज के आधार पर शहीद पथ पुल के नीचे से तीन बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया है। बदमाशों की पहचान सरोजनीनगर के शांतिनगर निवासी राहुल रावत उर्फ टाइगर, ध्रुव बैरागी उर्फ डॉक्टर व अंश कश्यप के रूप में हुई। सख्ती से हुई पूछताछ में गिरोह के सरगना राहुल कश्यप ने साथियों के साथ मिलकर बीते एक जुलाई को गोमतीनगर में लखनऊ महानगर संयोजक अनिवेश कुमार सिंह की मां शालिनी सिंह के साथ चेन लूट व 10 जून को गोमतीनगर में ही शीलम सिंह की चेन लूट कर भाग जाने की बात कबूल की। वहीं अप्रैल में गोमतीनगर विस्तार स्थित ग्वारी पुल पर 15 हजार रुपये व मोबाइल लूटने व मार्च में खरगापुर में एक महिला से चेन लूट की बात बताई। राहुल के खिलाफ गाजीपुर, गोमतीनगर व हसनगंज में चार मुकदमें दर्ज हैं। वहीं ध्रुव मूलरूप से पश्चिम बंगाल के मालदा का रहने वाला है। दवा बेचने के कारण उसे लोग डॉक्टर नाम से भी पुकारते हैं।
दो दिन रेकी करने के बाद घटना को अंजाम देते थे
पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि वह घटना को अंजाम देने से पहले दो दिन रेकी करते थे। तीसरे दिन घटना को अंजाम देने से पहले वह बाइक की नंबर प्लेट निकाल देते थे। लूटपाट करने के बाद फिर नंबर प्लेट लगा लेते थे। घटना के समय बाइक चालक हेलमेट तो पीछे बैठा बदमाश मास्क से चेहरा ढ़के रखता था। लूटपाट के समय बदमाश मोबाइल फोन नहीं रखते थे।
हर लूट में बदल देता था साथी
पुलिस के मुताबिक गिरोह का सरगना राहुल हर लूट के बाद साथी बदल देता था। साथी बदमाश बाइक चलाता था। चेन लूटने का काम राहुल ही करता था। छह माह पहले लूट के मामले में जेल से छूटकर आया था। इसके बाद वह वह गाजीपुर के इंदिरानगर बी- ब्लॉक स्थित घर छोड़कर सराजनीनगर में रहने लगा था।