- ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं की जांच के लिए शुरू किया जाएगा विशेष निरीक्षण अभियान
- 5 जुलाई से 31 जुलाई के मध्य समस्त जिलों के विद्यालयों का किया जाएगा निरीक्षण, 15 दिन में देनी होगी रिपोर्ट
- विद्यालयों में शुद्ध पेयजल, मिड डे मील के साथ अकादमिक कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की प्रगति का भी लिया जाएगा जायजा
लखनऊ, 1 जुलाई। ग्रीष्मकालीन अवकाश के समापन के साथ ही योगी सरकार प्रदेश के समस्त परिषदीय, अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों एवं मदरसों में पठन पाठन के साथ ही मध्यान्ह भोजन वितरण के साथ-साथ अवस्थापना, सपोर्टिव सुपरविजन एवं अकादमिक कार्यक्रमों के कियान्वयन समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं को सुनिश्चित करने में जुट गई है। इसी क्रम में सरकार ने 5 जुलाई से 31 जुलाई की अवधि में सभी विद्यालयों मे विशेष निरीक्षण अभियान संचालित किए जाने का निर्णय लिया है। निरीक्षण के दौरान देखा जाएगा कि विद्यालयों में शुद्ध पेयजल, मिड डे मील, शौंचालय समेत अन्य जरूरी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं या नहीं। इसके अतिरिक्त, शिक्षक समय पर आ रहे है कि नहीं और छात्रों की संख्या एवं उन्हें पाठ्य पुस्तकों के वितरण से संबंधित विवरण की भी जांच की जाएगी।
15 दिन में देनी होगी निरीक्षण की रिपोर्ट
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद की ओर से समस्त जिला विद्यालय निरीक्षक एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिए गए निर्देशों में 5 से 31 जुलाई के बीच निर्धारित विशेष निरीक्षण अभियान को जपदीय अधिकारियों द्वारा महत्व प्रदान करते हुए सुनियोजित एवं प्रभावी ढंग से आयोजित कराने की आवश्यकता पर जोर दिया है। साथ ही अभियान की प्रगति की सूचना पाक्षिक रूप से 15 जुलाई तथा 31 जुलाई को अनिवार्य रूप से राज्य परियोजना कार्यालय के साथ-साथ मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण कार्यालय को उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया गया है। इससे पूर्व भी विद्यालयों के निरीक्षण की कार्यवाही की गई है। प्रेरणा निरीक्षण मॉडयूल से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2023 में जनपद, विकास खंड स्तरीय टास्क फोर्स, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों, समस्त जिला समन्वयकों, एआरपी एवं एसआरजी तथा डायट मेंटर्स द्वारा 1,65,065 तथा मई 2023 (19 मई, 2023 तक ) में 1,22,137 विद्यालयों का निरीक्षण किया गया है जो संतोषजनक स्थिति प्रदर्शित करता है।
निरीक्षण में इन बिन्दुओं पर दिया जाएगा ध्यान
*- विद्यालय में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता
*- बालक/बालिकाओं के लिए अलग अलग क्रियाशील शौचालय की उपलब्धता
*- कायाकल्प के अन्तर्गत 19 पैरामीटर संतृप्त है अथवा नहीं
*- मध्यान्ह भोजन उचित व्यवस्था के साथ बच्चों को वितरित किया जा रहा है
*- प्रत्येक सोमवार को फल तथा प्रत्येक बुधवार को दूध वितरित किया जा रहा है अथवा नहीं
*- एमडीएम रजिस्टर में दर्ज कुल छात्र-छात्राओं की संख्या
*- निरीक्षण के दिन मध्यान्ह भोजन ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या
*- विगत 03 दिनों में मध्यान्ह भोजन ग्रहण करने वाले कुल छात्र-छात्राओं की संख्या
*- विद्यालय में तैनात शिक्षक, शिक्षामित्र तथा अनुदेशक की संख्या
*- अनुपस्थित शिक्षक, शिक्षामित्र तथा अनुदेशक का विवरण
*- विद्यालय में नामांकित कुल छात्र-छात्राओं की संख्या
*- नामांकन के सापेक्ष उपस्थित छात्र-छात्राओं की संख्या
*- सभी छात्र-छात्राओं को समस्त विषयों की पाठ्य पुस्तकों का वितरण हो चुका है अथवा नहीं
*- शिक्षकों द्वारा एआरपी/एसआरजी से गुणवत्तायुक्त फीडबैक एवं अकादमिक सपोर्ट के संबंध में संवाद किया जा रहा है अथवा नहीं
*- निरीक्षण के फलस्वरूप निरीक्षण आख्या में निरीक्षणकर्ता द्वारा अपना आंकलन उपलब्ध कराया जाए कि निरीक्षित विद्यालय कबतक “निपुण” विद्यालय की श्रेणी में आ सकता है
शत-प्रतिशत निरीक्षण के निर्देश
इन समस्त बिन्दुओं पर शत प्रतिशत विद्यालयों का निरीक्षण सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं। इसमें कहा गया है कि…
*- योजनाबद्ध तरीके से समस्त परिषदीय विद्यालयों एवं समस्त सहायता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों तथा मदरसों का शत-प्रतिशत निरीक्षण करने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा कार्य योजना 02 दिन के अंदर बना ली जाए, जिसमें अधिकारीवार विद्यालयों का आवंटन स्पष्ट रूप से किया जाए।
*- माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में अधिकांश विद्यालय अशासकीय सहायता प्राप्त हैं। अतः जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा इस दिशा में नेतृत्व की भूमिका का निर्वहन किया जाए। इन सभी अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन योजना के संचालन की गहनता से समीक्षा कराई जाए।
*- बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा नेतृत्व प्रदान करते हुए मध्यान्ह भोजन योजना के संचालन की गहनता से समीक्षा कराई जाए।