लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश के आकांक्षात्मक विकास खंडों की वार्षिक प्रगति की समीक्षा की और ओवरऑल डेल्टा रैंकिंग और विषयगत क्षेत्र-वार डेल्टा रैंकिंग में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विकास खंडों को पुरस्कृत करने के लिए दिशा-निर्देश दिए। आकांक्षात्मक जनपदों की तर्ज पर राज्य में जारी आकांक्षात्मक विकासखंडों के सामाजिक-आर्थिक सुधार के नियोजित प्रयासों में आशातीत सफ़लता मिली है। कुल 34 जनपदों में चयनित सभी 100 आकांक्षात्मक विकासखंडों में स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास तथा आधारभूत संरचना आदि क्षेत्र के तय 75 इंडिकेटर पर जारी सुधारात्मक प्रयास इस पिछड़े क्षेत्रों का कायाकल्प करने वाले सिद्ध हो रहे हैं।
आकांक्षात्मक विकास खण्डों की प्रथम वार्षिक रिपोर्ट (मार्च, 22 से मार्च, 23) अच्छे संकेत देने वाली है। इसके अनुसार, मार्च, 2022 में मात्र 33 इंडीकेटर्स में 50 से अधिक आकांक्षात्मक विकास खंड संबंधित इंडीकेटर्स के राज्य औसत से ऊपर थे, जबकि मार्च, 2023 में 63 इंडीकेटर्स में 50 से अधिक आकांक्षात्मक विकास खंड संबंधित इंडीकेटर्स के राज्य औसत से ऊपर हो गए है। वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, मार्च, 2022 से मार्च, 2023 के मध्य 07 इंडीकेटर्स में समस्त आकांक्षात्मक विकास खण्डों में सुधार हुआ है। 50 इंडीकेटर्स में 70 से अधिक आकांक्षात्मक विकास खंडों में सुधार देखने को मिला है। 99 आकांक्षात्मक विकास खंडों में मैम (मॉडरेट एक्यूट मैलन्यूट्रिशन) बच्चों में कमी दर्ज होना संतोषप्रद है। स्वास्थ्य प्रणाली में गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण की दर औसतन 70 प्रतिशत से बढ़कर 91 प्रतिशत तक पहुंचना और संस्थागत प्रसव औसतन 44 प्रतिशत से बढ़कर 67 प्रतिशत होना, हमारे प्रयासों के सही दिशा में होने का प्रमाण है।
आकांक्षात्मक विकास खंडों में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत गोल्डन कार्ड के वितरण में औसतन 38 प्रतिशत से 73 प्रतिशत की सार्थक वृद्धि है। इसी प्रकार, समस्त 100 आकांक्षात्मक विकास खण्डों के राजकीय विद्यालयों में शत-प्रतिशत क्रियाशील पेयजल व्यवस्था की जा चुकी है। 99 आकांक्षात्मक विकास खण्डों में निराश्रित गौवंश हेतु गौशालाओं को क्रियाशील हैं और समस्त 100 आकांक्षात्मक विकास खंडों की प्रत्येक ग्राम पंचायत में जन सेवा केंद्र की स्थापना की जा चुकी है।
उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले आकांक्षात्मक विकास खंडों को राज्य सरकार द्वारा सम्मानित किया जाना चाहिए। ओवरऑल डेल्टा रैंकिंग और विषयगत क्षेत्र-वार डेल्टा रैंकिंग में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विकास खंडों को आर्थिक प्रोत्साहन दिया जाएगा। मार्च 2022 से मार्च 2023 तक ओवरऑल डेल्टा रैंकिंग में जनपद कुशीनगर का विष्णुपुरा विकास खंड सर्वश्रेष्ठ रहा है। इसी प्रकार, विषयगत क्षेत्र-वार डेल्टा रैंकिंग के अंतर्गत चिकित्सा एवं पोषण में मझगवां (बरेली), शिक्षा में वजीरगंज (बदायूँ), कृषि एवं जल संसाधन में भीटी (अम्बेडकर नगर), वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास में फतेहगंज (बरेली) और इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट के इंडिकेटर पर सोहांव (बलिया) विकास खंड प्रथम स्थान पर रहा है। इन सभी विकास खंडों के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर नियमानुसार प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की जाए।
अप्रैल, 2022 से मार्च, 2023 तक ओवरऑल डेल्टा रैंकिंग के आधार प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विकास खंडों को ₹2 करोड़ और विषयगत क्षेत्र-वार डेल्टा रैंकिंग के आधार पर प्रत्येक विषयगत क्षेत्र में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले आकांक्षात्मक विकास खंडों को ₹60 लाख की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस वर्ष की रिपोर्ट के आधार पर श्रेष्ठ विकास खंडों को इसके अनुसार सम्मानित किया जाए। आकांक्षात्मक विकास खंडों की प्रगति की मासिक रिपोर्ट नीति आयोग को भी उपलब्ध कराई जाए। डेटा की शुद्धता के लिए नियोजन विभाग को सजग रहना होगा। डेटा का भौतिक सत्यापन भी कराया जाए। डेटा जितना शुद्ध होगा, हमारे प्रयास उतनी ही सही दिशा में हो सकेंगे।
बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में जहां शिक्षकों का अभाव हो वहां तकनीक का प्रयोग करते हुए ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था की दिशा में विचार करना चाहिए। इन कक्षाओं की मॉनीटरिंग भी की जानी चाहिए। आकांक्षात्मक विकास खंडों में तैनात सीएम फेलो अच्छा कार्य कर रहे हैं। इनके प्रदर्शन/योगदान की मासिक रैंकिंग तैयार की जाए। आवश्यकतानुसार इनकी ट्रेनिंग भी कराई जाए। इस कार्यक्रम से शोधार्थियों को विकास के विभिन्न क्षेत्रों को समझने तथा उनमें सहयोग करने का सुअवसर प्राप्त हो रहा जो उनके भविष्य निर्माण में भी सहायक होगा। अनुभवी सीएम फेलो को राज्य सरकार के अधीन होने वाली स्थायी नियुक्तियों के दौरान आयु में छूट तथा वेटेज का लाभ भी दिया जाएगा।
आकांक्षात्मक विकास खंड वाले 34 जिलों के प्रभारी मंत्री, जब भी जनपदीय भ्रमण पर जाएं तो इन विकास खंडों की स्थिति का परीक्षण जरूर करें। सीएम फेलो से संवाद करें, प्रगति का अनुश्रवण करें। विगत छह वर्ष में वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में सराहनीय प्रयास हुआ है। आकांक्षात्मक विकास खंड को केंद्रित रखते हुए ऋण मेले लगाए जाएं। आकांक्षात्मक विकासखंडों का विकास हमारी प्राथमिकता में है। यहां मैनपॉवर की कोई कमी नहीं होनी चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि इन विकास खंडों में बीडीओ, खंड शिक्षा अधिकारी, एडीओ पंचायत, सीडीपीओ, पशु चिकित्सा अधिकारी, राजस्व कर्मी आदि की तैनाती रहे। इन क्षेत्रों में अपेक्षाकृत युवा, ऊर्जावान और विजनरी अधिकारियों की तैनाती की जानी चाहिए।