कानपुर/ लखनऊ, 22 जून: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर वर्ग की आय और सुरक्षा को लेकर चिन्तित रहते हैं। उनकी यह चिंता मंच पर भाषण में झलकती भी है। ऐसे में उनकी मंशा के अनुरूप उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण के कानपुर स्थित लखनपुर मुख्यालय में गुरुवार को मजदूरों की सुरक्षा के लिए कार्यस्थल पर बेहतर उपाय करने और प्राधिकरण की परियोजनाओं में कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया।
नियमित सुरक्षा ऑडिट है ज़रूरी
इस मौके पर प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी ने निर्माण कार्य के दौरान श्रमिकों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे के विकास और प्रगति में आप सभी की महत्वपूर्ण भूमिका है। हमारे श्रमिकों का कल्याण और सुरक्षा हमेशा हमारे प्रयासों में सबसे आगे रहना चाहिए। निर्माण स्थल पर चुनौतीपूर्ण वातावरण होता है और यह सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हमारे श्रमिकों को उच्चतम स्तर के सुरक्षा उपाय और सावधानियां प्रदान की जाएं। उन्होंने सभी ठेकेदारों से कहा कि यूपीसीडा और संबंधित शासकीय निकायों द्वारा निर्धारित सुरक्षा दिशा निर्देशों और नियमों का सख्ती से पालन करने की जिम्मेदारी आप सभी की है। सभी श्रमिकों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) प्रदान करना, उचित सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करना, नियमित सुरक्षा ऑडिट करना और पर्याप्त प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम प्रदान करना आपकी जिम्मेदारी है। योजना और डिजाइन से लेकर निष्पादन और रखरखाव तक, सुरक्षा को हमारे संचालन के हर पहलू में एकीकृत किया जाना चाहिए।
महिला कामगारों की सुरक्षा पर दे विशेष ध्यान
प्राधिकरण के सीईओ ने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य संकट के मद्देनजर, यह जरूरी है कि हम अपने निर्माण स्थलों की स्वच्छता को प्राथमिकता दें। कोविड-19 ने हमारे सभी प्रयासों में स्वच्छता और स्वच्छता मानकों को बनाए रखने के महत्व पर प्रकाश डाला है, जिसमें उपकरण और सामान्य क्षेत्रों की नियमित सेनीटाइजेशन, श्रमिकों को सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए प्रेरित करना भी हमारी जिम्मेदारी है। दीर्घकालिक लाभ किसी भी अस्थायी असुविधा से कहीं अधिक हैं। सुरक्षा और स्वच्छता को प्राथमिकता देकर, हम न केवल अपने श्रमिकों के जीवन और कल्याण की रक्षा करते हैं बल्कि हमारी परियोजनाओं की समग्र दक्षता और गुणवत्ता भी बढ़ाते हैं। इस वर्कशाॅप में प्राधिकरण के सभी कार्यरत संविदाकारों द्वारा प्रतिभाग किया गया। हम मिलकर एक ऐसा कार्य वातावरण बना सकते हैं जो न केवल उत्पादक और कुशल हो बल्कि सभी के लिए सुरक्षित और स्वस्थ भी हो। कार्यशाला में मौजूद ठेकेदारों को कार्यस्थल पर वृक्षारोपण अधिक से अधिक कराये जाने, महिला कामगारों की सुरक्षा एवं बेहतर कार्य स्थल सुरक्षा सहित मुहिया कराये जाने एवं कार्यरत सभी कामगारों का लेबर एक्ट के नियमों के तहत पंजीयन कराये जाने पर बल दिया गया। कार्यशाला में उपस्थित कामगारों को प्राधिकरण द्वारा सुरक्षा सम्बन्धी उपकरण जैसे कि हेलमेट , सेफ्टी जैकेट इत्यादि का वितरण किया गया।
यह हैं कार्यशाला के महत्वपूर्ण बिंदु
- हेलमेट, सेफ्टी बूट्स, सेफ्टी जैकेट, दस्ताने, सेफ्टी गॉगल , ईयरप्लग, गम बूट्स का इस्तेमाल करें।
- नाली इत्यादि की सफाई के दौरान मास्क और दस्ताने पहनें।
- कार्यस्थल पर किसी प्रकार का मलबा न फैलाएं और उचित हाउसकीपिंग की व्यवस्था रखी जाये।
- विधुत सम्बन्धी कार्यों के समय उचित सुरक्षा सावधानियों को ध्यान में रखा जाये।
- कार्य स्थल पर कार्य के समय उचित बैरिकेडिंग की व्यवस्था एवं संकेतिक डिस्प्ले लगाने का कार्य प्राथमिकता पर हो।
- रात के समय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित प्रकाश व्यवस्था तथा ऊंचाई पर काम करते समय सुरक्षा बेल्ट सुनिश्चित करें।
- शटरिंग इत्यादि हेतु उचित कनेक्शन और जोड़ों को सुनिश्चित करना, जहां भी संभव हो, नवीनतम तकनीक का उपयोग करें जैसे
- कपलॉक सिस्टम, डोका, शटरिंग, स्टील आदि।
- निर्माण कार्यों में बेस्ट प्रैक्टिस एवं पर्यावरण नियमों का पालन
- धूल से बचने के लिए समय-समय पर पानी का छिड़काव।
- निर्माण सामग्री को साइट पर ठीक से संग्रहीत किया जाना चाहिए।
- समय समय पर कार्यों की प्रगति की तस्वीरें प्रस्तुत करेंगे।
- कार्य प्रारम्भ से पूर्व परियोजना सूचना बोर्ड पर स्थापित करना व यूपीसीडा के मानकों प्रदर्शित करना।
- निर्माण स्थल को हरे रंग के जालीदार कपड़े से ढका जाये जिससे कि कोई दुर्घटना इत्यादि कार्य स्थल पर न हो।
- अधिक से अधिक महिला कर्मचारियों को कार्य उपलब्ध कराया जाये।