(शाश्वत तिवारी) : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दक्षिण-पूर्वी यूरोप के देश सर्बिया के राजकीय दौरे पर हैं इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत तेजी से और अभूतपूर्व परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है और देश दशक के अंत से पहले दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। सर्बिया की राजधानी बॅलग्रेड में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने यह भी कहा कि पूरे भारत में नए बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास हो रहा है और देश के 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की उम्मीद है।
\राजकीय यात्रा पर यहां पहुंचने के तुरंत बाद उन्होंने कहा भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। साढ़े तीन हजार अरब अमरीकी डालर के करीब सकल घरेलू उत्पाद के साथ हम इस दशक के अंत से पहले दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर हैं। भारत 2047 तक एक विकसित देश बनने की अपनी महत्वाकांक्षा की दिशा में पूरे विश्वास के साथ आगे बढ़ा रहा है।
उन्होंने कहा कि शुरुआती संकेत बताते हैं कि भारत का लिंगानुपात महिलाओं के पक्ष में है और उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा के परिणामों का हवाला दिया, जिसमें शीर्ष चार स्थान महिलाओं द्वारा हासिल किए गए थे। भारत और सर्बिया दोनों के प्राचीन भूमि होने का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आधुनिक युग में, सर्बिया के साथ भारत के संबंधों को विशेष रूप से गुटनिरपेक्ष आंदोलन के संदर्भ में परिभाषित किया गया है। उन्होंने दोनों देशों के बीच खेल संबंधों की भी सराहना की और कहा कि टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच को भारत में लाखों लोगों के लिए एक आदर्श और प्रेरणा के रूप में देखा जाता है।
उन्होंने कहा सर्बिया के कई खेल प्रशिक्षक भारतीय एथलीटों और खिलाड़ियों को अपना कौशल सुधारने में मदद कर रहे हैं। हम भारत के लिए आपकी प्रशंसा और प्यार से अभिभूत हैं। इससे पहले दिन में सूरीनाम से यहां पहुंचीं राष्ट्रपति मुर्मू का उनके सर्बियाई समकक्ष एलेक्जेंडर वूसिक ने हवाईअड्डे पर स्वागत किया। किसी भारतीय राष्ट्रपति की सर्बिया की यह पहली यात्रा है। राष्ट्रपति कार्यालय ने ट्वीट किया राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का बेलग्रेड में आगमन पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। यह किसी भारतीय राष्ट्रपति की सर्बिया की पहली यात्रा है। सर्बिया के राष्ट्रपति ने एक विशेष भाव से हवाई अड्डे पर राष्ट्रपति मुर्मू की अगवानी की। उनके आगमन पर उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया।