लखनऊ, 5 जून। वरिष्ठ पत्रकार एवं पायनियर हिंदी दैनिक के ब्यूरो चीफ रहे स्व राज बहादुर सिंह (55 वर्ष) का एसजीपीजीआई में गुरुवार को मल्टी ऑर्गन फेल्योर से निधन हो गया था। स्व राज बहादुर के निधन पर सोमवार को यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के तत्वाधान में यूपी प्रेस क्लब में शोक सभा का आयोजन किया गया। शोक सभा का मंच संचालन यूनियन के महामंत्री पीके तिवारी ने किया। इस मौके श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
रवींद्र सिंह अध्यक्ष यूपी प्रेस क्लब,लखनऊ, हसीब सिद्दीकी अध्यक्ष यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन, प्रेम कांत तिवारी महामंत्री, शिव शरण सिंह अध्यक्ष लखनऊ मंडल यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन, सुरेश बहादुर सिंह, देवराज सिंह एवम स्व राज बहादुर के पुत्र अविरल राज सिंह और अविजीत राज सिंह भी मौजूद थे। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार मुदित माथुर ने कहा कि राजबहादुर बात के धनी थे। मैं व्यक्तिगत रूप से दुखी हूं।
देवराज सिंह ने कहा कि राजबहादुर सघर्ष शील व्यक्ति थे। संघर्षशील उनके अंदर छात्र जीवन से ही थी। मेरी उनके प्रति बहुत संवेदनाए है। वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेंद्र शर्मा ने कहा कि राजबहादुर ने साथ काम किया। वे अपने काम के प्रति काफी जिम्मेदार रहा करते थे। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार शिव शरण सिंह ने कहा कि आज के युवा को स्व राजबहादुर जी की पत्रकारिता से कुछ सीखना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीजीआई में पत्रकारों के स्वास्थ सुविधा के लिए शसक्त व्यवस्था करने का प्रयास किया रहा है। वरिष्ठ पत्रकार शरद प्रधान ने कहा कि राजबहादुर जुझारू पत्रकार थे। उनकी राजनीतिक समझ जबरदस्त थी। वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद गोस्वामी ने कहा कि ये विधि का विधान है और हम सब इस विधान के आगे विवश हैं।राजबहादुर अपने विचारों के प्रति अडिग थे। राजबहादुर किसी के गुनहगार नही थे। वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार ने कहा कि राजबहादुर के अंदर राज की बाते बहुत थीं।
वरिष्ठ पत्रकार मुकुल मिस्रा ने कहा कि राजबहादुर एक अच्छे पत्रकार के साथ ही अच्छे इंसान भी थे। राजीव वाजपेई ने कहा कि अमर हैं। ईश्वर उनके परिवार को आत्मबल दे। भारत सिंह ने राजबहादुर की खबरों को लेकर परखी नजर पर प्रकाश डाला। वरिष्ठ पत्रकार राकेश पांडेय ने कहा कि राजबहादुर वास्तव में बहादुर थे जीवन में भी और पत्रकारिता में भी। पूर्व मंत्री ओ पी सिंह ने कहा कि राजबहादुर सिंह के लिय शब्द कम पढ़ जायेंगे। उन्होंने कहा कि राजबहादुर एक अच्छे विचारक भी थे। मनोज मिस्रा ने कहा कि राजबहादुर कुछ भी मन में नहीं रखते थे जो भी होता थे खुल कर बोलते थे, चाहे कुछ भी हो जाए।
पत्रकार अमरेंद्र सिंह ने कहा कि राजबहादुर एक शानदार व्यक्ति थे। वरिष्ठ पत्रकार सुरेश यादव ने कहा कि राजबहादुर जिंदा दिल व्यक्ति के साथ ही जिंदा दिल पत्रकार भी थे। वरिष्ठ पत्रकार सुरेश बहादुर ने कहा कि राजबहादुर की बुद्धिमत्ता पर कुछ कह पाना काफी कठिन है। राजबहादुर खुद्दार व्यक्ति थे। राजबहादुर बनना आसान नही है, इसलिए उनसे अपनी तुलना करना उचित नही होगा। यूपी प्रेस क्लब अध्यक्ष रवींद्र सिंह ने कहा कि राजबहादुर प्रत्येक मुद्दे पर काम करने वाले प्रखर व जुझारू पत्रकार थे। हसीब सिद्दकी ने कहा कि राजबहादुर और यूपी प्रेस क्लब एक दूसरे के पर्याए थे। शोक सभा के उपरांत सभी सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखकर स्व राज बहादुर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में पत्रकार राजीव बाजपेई, प्रदुम तिवारी,देवकी नन्दन मिश्रा, के बक्स सिंह , मनोज सामना, अमिताभ नीलम ,शैलेंद्र सिंह, श्याम कुमार, शिव विजय सिंह, अशोक नवरत्न, मौहम्मद जुबैर , शहरयार खान, राघवेन्द्र प्रताप सिंह, तमन्ना फरीदी, रितेश सिंह, रेनू निगम, महिमा तिवारी, अमरेन्द्र सिंह,सुनील वर्मा, इंद्रेश रस्तोगी, अर्चना गुप्ता, एस पी सिंह , अनिल कुमार सिंह प्रमुख रूप से शामिल रहे।