- 60 करोड़ की लागत से प्रयागराज में डिजिटल कुंभ म्यूजियम के निर्माण का प्रस्ताव
- डिजिटल रूप में प्रदेश की संस्कृति और महाकुंभ के पौराणिक व ऐतिहासिक महत्व के होंगे दर्शन
- महाकुंभ 2025 को पर्यटन विभाग युद्ध स्तर पर कर रहा तैयारी
- विभिन्न मंदिरों के सौंदर्यीकरण से लेकर आम नागरिक सुविधाओं का किया जा रहा विकास
लखनऊ, 30 मई। महाकुंभ 2025 को लेकर योगी सरकार की तैयारियां वृहद स्तर पर जारी हैं। पर्यटन विभाग महाकुंभ 2025 में आम नागरिक सुविधाओं के साथ-साथ मंदिरों के सौंदर्यीकरण और पर्यटन स्थलों के विकास कार्यों में जुटा हुआ है। इसी क्रम में पर्यटन विभाग की ओर से डिजिटल कुंभ म्यूजियम का निर्माण भी प्रस्तावित है। 60 करोड़ की लागत से बनने वाला यह डिजिटल कुंभ म्यूजियम यहां आने वाले श्रद्धालुओं के आकर्षण का भी केंद्र होगा। यहां देश और प्रदेश की संस्कृति के अलावा महाकुंभ के पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व के भी दर्शन हो सकेंगे। पर्यटन विभाग ने इस प्रस्ताव को हाल ही में मुख्य सचिव के समक्ष प्रस्तुत किया है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी की मंशा है कि प्रयागराज में होने वाला महाकुंभ 2025 अब तक का सबसे दिव्य और भव्य आयोजन हो। यहां आने वाले देश और दुनिया भर के श्रद्धालुओं को हर तरह की नागरिक सुविधाएं सुलभ हों। उनके लिए यह महाकुंभ 2025 लंबे समय तक यादगार रहे और जब वह यहां से जाएं तो इसका ही गुणगान करें। सीएम की मंशा के अनुरूप यहां विकास कार्य प्रगति पर हैं।
विभिन्न सुविधाओं से लैस होगा म्यूजियम
प्रस्ताव के अनुसार, डिजिटल कुंभ म्यूजियम लोगों को आधुनिक महाकुंभ की अनुभूति देगा। यह डिजिटल कुंभ म्यूजियम हीटिंग वेंटीलेशन एंड एयरकंडीशनिंग व ऑडियो-वीडियो रूम की फैसिलिटी से लैस होगा। इसमें विभिन्न आध्यात्मिक दर्शन वाली गैलरी भी होंगी, जिनमें स्पिरिचुएल व कुंभ मेला, इंटरप्रेटेशन गैलरी, समुद्र मंथन गैलरी और अखाड़ा गैलरी शामिल है। इस म्यूजियम में फूड प्लाजा और सॉवेनियर शॉप जैसी फैसिलिटी भी दी जाएगी, ताकि यहां आने वाले लोग महाकुंभ से संबंधित साहित्य और उत्पादों की खरीदारी कर सकें। इसके अलावा कल्चरल हाट (अक्षयवट), म्यूजियम, गैलरी व थिएटर (अमृत कलश) के साथ ही गेस्ट हाउस जैसी सुविधाएं भी होंगी।
डिजिटल प्रोजेक्शन का किया जाएगा इस्तेमाल
प्रस्ताव में डिजिटल कुंभ म्यूजियम की जो रूपरेखा प्रस्तावित की गई है उसके अनुसार एंट्रेंस लॉबी में डिजिटल प्रोजेक्शन के जरिए संगम को दर्शाया जाएगा। इसमें तीन नदियों (गंगा, यमुना और सरस्वती) को तीन अलग रंगों के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा, जो एनिमेटेड फ्रैकटल ज्योमेट्री आधार पर होगा। इसके अलावा स्टेटिक ग्राफ़िक का भी प्रयोग होगा। इसके बाद इंटरप्रिटेशन गैलरी में प्रयागराज के इंटरैक्टिव मैप को बड़ी स्क्रीन पर प्रेजेंट किया जाएगा, जिसे टच के माध्यम से एक्सप्लोर किया जा सकेगा। यहां प्रयागराज के इतिहास के साथ ही आधुनिक शहर के बारे में भी बताया जाएगा। वहीं समुद्र मंथन गैलरी में फ्लोर प्रोजेक्शन के माध्यम से समुद्र मंथन को प्रेजेंट किया जाएगा। अखाड़ा गैलरी में देश मे अखाड़ा कल्चर को दिखाया जाएगा। इसमें शंकराचार्य से संबंधित इंटरैक्टिव वाल होगी, जिसमे उनकी यात्रा का वर्णन होगा। टेम्पोरल सिटी में वीडियो वाल, त्रिवेणी संगम में फ्लोर, वाल और सीलिंग तीनों का सम्मिश्रण होगा।
विकास कार्यों पर 300 करोड़ से ज्यादा के खर्च का अनुमान
महाकुंभ 2025 की तैयारियों के संबंध में पर्यटन विभाग द्वारा जो अन्य विकास कार्य प्रस्तावित हैं उनमें भारद्वाज आश्रम, द्वादस माधव मंदिर, नागवासुकी मंदिर, दशाश्वमेध मंदिर, मनकामनेश्वर मंदिर, अलोपशंकरी मंदिर, पडिला महादेव मंदिर, पंचकोशी परिक्रमा पथ लर आने वाले मंदिर, कोटेश्वर महादेव, कल्याणी मंदिर का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। इसके अलावा तक्षक तीर्थ, करछना क्षेत्र में आने वाले मंदिर, अक्षयवट/सरस्वती कूप/पातालपुरी मंदिर, हनुमान मंदिर, फ्लोटिंग जेटी और रेस्टोरेंट का निर्माण व सौंदर्यीकरण प्रस्तावित है। रही इलावर्त होटल में फसाद लाइट समेत अन्य कार्य, त्रिवेणी दर्शन में 18 नए कमरे समेत मुख्य मार्गों पर तीन प्रवेश द्वारों का मरम्मतीकरण एवं सौंदर्यीकरण भी प्रस्ताव का हिस्सा है। कुल मिलाकर डिजिटल कुंभ म्यूजियम समेत इन सभी प्रस्तावों पर 170 करोड़ से ज्यादा लागत का अनुमान है। इसके अलावा विभिन्न सिविल संबंधी कार्यों पर भी 120 करोड़, जबकि फसाद लाइटिंग संबंधी कार्यों पर 18 करोड़ की लागत का अनुमान है।