- –प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ-2025 की तैयारियों को लेकर योगी सरकार की ओर से दिए गए निर्देश
- –नागवासुकी, दशाश्वमेध, मनकामेश्वर और हनुमान मंदिर समेत अन्य मंदिरों का कराया जाएगा सौन्दर्यीकरण
लखनऊ, 24 मई। प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ मेला-2025 को भव्य बनाने के लिए सीएम योगी ने विभागीय अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए हैं। अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि महाकुम्भ मेला-2025 का लोगो और थीम जल्द से जल्द बना लिया जाए। साथ ही, प्रयागराज में पर्यटन विभाग द्वारा विभिन्न मंदिरों के सौंदर्यीकरण के अलावा इसके प्रचार-प्रसार और आने वाले भक्तों के लिए नागरिक सुविधाओं का विकास करने पर जोर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार हर बार की तरह 2025 में होने जा रहे महाकुंभ को भी वृहद स्तर पर आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है। महाकुंभ-2025 में देश और दुनिया से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की बुनियादी जरूरतों के साथ ही सरकार उन्हें भव्य और दिव्य महाकुंभ का दर्शन भी कराएगी।
मंदिरों का होगा सौंदर्यीकरण
महाकुंभ-2025 की तैयारियों को लेकर जो निर्देश दिए गए हैं, उनमें प्रयागराज स्थित भारद्वाज आश्रम, द्वादश माधव मंदिर, नागवासुकी मंदिर, दशाश्वमेध मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, अलोपशंकरी मंदिर, पड़िला महादेव मंदिर, पंचकोशी परिक्रमा पथ के अन्तर्गत आने वाले मंदिर, कोटेश्वर महादेव, कल्याणी देवी, डिजिटल कुंभ म्यूजियम, तक्षक तीर्थ, करछना, अक्षयवट या पलापुरी मंदिर, हनुमान मंदिर, फ्लोटिंग जेटी और रेस्टोरेन्ट, राही इलावर्त होटल, त्रिवेणी दर्शन और तीन प्रवेश द्वारा को सौन्दर्यीकरण कराने को कहा गया है। इसके अलावा महाकुम्भ-2025 के प्रचार-प्रसार के लिए ट्रैवल तथा टूर ऑपरेटर्स को आमंत्रित करते हुए कान्क्लेव का आयोजन करने, भारतीय एवं विदेशी भाषाओं में कुंभ के प्रचार-प्रसार के लिए पर्यटन साहित्य का प्रकाशन करने, प्रयागराज में अस्थाई टेन्ट कालोनी की स्थापना करने, आधुनिक सुविधाओं से युक्त अस्थाई बस स्टेशन एवं रेलवे स्टेशन पर पर्यटन सूचना केन्द्र बनाने के निर्देश दिए हैं।
एडवेंचर गतिविधियों को भी किया जाएगा प्रोत्साहित
यही नहीं, योगी सरकार ने अस्थाई थिमैटिक गेटों का निर्माण शुरु करने, साहसिक पर्यटन के अन्तर्गत अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की गतिविधियों तथा आयोजनों का संचालन (प्रोजेक्शन मैपिंग, लेजर शो, हॉट एयर बैलून-शों, ड्रोन-शो, एरो स्पोर्ट्स, हेलीकाप्टर ज्वॉय राइड, पैरा ग्लाइडिंग, पेरा मोटरिंग आदि) की व्यवस्था शुरू की जाए। पर्यटन सेवा प्रदाताओं (गाइड्स, आटों-रिक्शा ड्राइवर्स, वेन्डर्स बोटमैन) को प्रशिक्षण दिया जाए। सभी राज्यों की संस्कृति को दर्शाते हुए पवेलियन की स्थापना की जाए।