राघवेन्द्र प्रताप सिंह : एशिया नेचुरल गैस एंड एनर्जी एसोसिएशन द्वारा प्रायोजित फ्यूचर एनर्जी एशिया (एफईए) 2023 में सीईओ राउंड टेबल बैठक में हाल ही में भारत के प्रतिनिधि ने भाग लिया। बैंकाक, थाईलैंड में सीईओ राउंड टेबल बैठक आयोजित की गई है। भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (आईआरईडीए) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री प्रदीप कुमार दास ने इसमें भाग लिया। उन्होंने पारंपरिक स्रोतों से बिजली के कम उत्पादन और उपयोग के माध्यम से कार्बन उत्सर्जन से बचने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इरेडा के मुख्य प्रबंध निदेशक ने कहा कि भारत ने समय से पहले ही गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से बिजली उत्पादन के 40 प्रतिशत हिस्से के अपने पूर्व लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है। भारत सरकार ने 2030 तक उत्सर्जन में कटौती के लिए लक्ष्यों, योजनाओं और नीतियों को पहले ही अधिसूचित कर दिया है।
उन्होंने कहा कि भारत अब 2005 के स्तर से 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को 45 प्रतिशत तक कम करने और 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा संसाधनों से लगभग 50 प्रतिशत संचयी विद्युत ऊर्जा स्थापित करने की क्षमता प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।
आपको बता दें कि भारत की स्थापित गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता में पिछले साढ़े आठ वर्षों में 396 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसमें पिछले 9 वर्षों में स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता में 24.4 गुना की बढ़ोतरी हुई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड’ (एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड) पहल के अनुरूप, वैश्विक स्तर पर कार्बन कैप्चर स्टोरेज और सीक्वेस्ट्रेशन (सीसीएसएस) के अधिकतम निष्पादन और उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में सभी स्तरों पर एकजुट और समग्र प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया है।
भारत भूटान, नेपाल, म्यांमार और बांग्लादेश जैसे अन्य एशियाई देशों के साथ नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों के लेनदेन पर सक्रिय रूप से चर्चा कर रहा है। इसमें नवीकरणीय ऊर्जा विकास को आगे बढ़ाने और उपलब्ध संसाधनों तथा ऊर्जा खपत के अधिकतम उपयोग के लिए कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करना शामिल है।