लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केन्द्रीय वन,पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तनमंत्री भूपेन्द्र यादव ने आज यहां इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में दो दिवसीय नेशनल क्लाइमेट कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। ग्लोबल वार्मिंग पर इसका काफी असर पड़ा है।
योगी ने कहा आज जलवायु परिवर्तन से कई देश प्रभावित हैं। इससे किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है। आज भारत प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दुनिया को नेतृत्व दे रहा है। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश में एक समय पर्याप्त वनाच्छादन था। आबादी बढ़ने के साथ वन क्षेत्र कम होता गया।
मुख्यमंत्री ने कहा वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार ने वन महोत्सव शुरू किया है। पिछले छह साल में 135 करोड़ पौधे रोपे गए हैं। इससे वनाच्छादन बढ़ा है। आमजन के मन में भी यह भाव बढ़ा है कि पेड़ काटना नहीं है बल्कि पौधरोपण करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण के लिए अनेक अभियान देश में शुरू किए हैं। आठ हजार से अधिक अमृत सरोवर उत्तर प्रदेश में बन रहे हैं। वन विभाग ने भी जल संरक्षण के प्रयास तेज किए हैं। हमें पुराने वृक्षों को विरासत वृक्ष के रूप में मान्यता देकर उनका संरक्षण करना है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पर्यावरण को बचाने की आज महती आवश्यकता है। धरती और पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी है। धरती हमारी माता है। हम इसके पुत्र हैं। इस दायित्व के साथ हमें आगे बढ़ना होगा। ग्रीन एनर्जी को प्रमोट करना होगा। अब नमामि गंगे के प्रयास के परिणाम दिखने शुरू हो गए हैं। गो आधारित खेती से गोमाता की भी रक्षा होगी और धरती माता की भी रक्षा होगी। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के वन मंत्री डॉ.अरुण कुमार सक्सेना व वन राज्यमंत्री केपी मलिक प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।