लखनऊ, 1 अप्रैल। स्कूल चलो अभियान के माध्यम से 6 वर्ष में प्रदेश सरकार ने 1.92 करोड़ छात्र-छात्राओं का नामांकन कराया है। अभी भी योगी सरकार प्रयास कर रही है कि जो बच्चे किन्हीं कारणों से स्कूल छोड़ गए हैं या कभी स्कूल गए ही नहीं हैं, उन्हें वापस स्कूल लाया जाए और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर किया जाए। इसी क्रम में योगी सरकार ने एक अप्रैल से ‘शारदा’अभियान (स्कूल हर दिन आएं) की शुरुआत कर दी है। उल्लेखनीय है कि निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत यह प्रावधान है कि 6-14 आयु वर्ग के ऐसे बच्चे जो आउट ऑफ स्कूल हैं उनका चिह्नीकरण करते हुए उनका नामांकन आयुसंगत कक्षा में कराया जाए और उन बच्चों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करने की व्यवस्था की जाए। इस प्रावधान को प्रभावी रूप में क्रियान्वित करने के लिए समय-समय पर डीएम के निर्देशन में कार्यक्रम ‘शारदा’ संचालित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
हाउसहोल्ड सर्वे के माध्यम से होगा नामांकन
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद के द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि ‘शारदा’ (SHARDA स्कूल हर दिन आएं) कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद के समस्त आउट ऑफ स्कूल बच्चों को वापस दाखिले का प्रावधान है। आउट ऑफ स्कूल बच्चे 02 श्रेणी के हो सकते हैं। पहले, ऐसे बच्चे जिनका विद्यालय में कभी भी नामांकन नहीं किया गया हो। दूसरे, ऐसे बच्चे जिनका विद्यालय में पूर्व में नामांकन हुआ था लेकिन किन्हीं कारणवश अपनी शिक्षा पूरी किए बिना विद्यालय छोड़ गया यानी ड्राप आउट हो गए। निर्देशों के क्रम में कहा गया है कि आउट ऑफ स्कूल बच्चों का चिन्हांकन एवं आयु संगत कक्षा में नामांकन विद्यालय के प्रधानाध्यापकों/अध्यापकों/शिक्षामित्रों/अनुदेशकों/प्रत्येक बीटीसी प्रशिक्षु द्वारा हाउस होल्ड सर्वे के माध्यम से किया जाएगा। शैक्षिक सत्र 2023-24 में यह अभियान दो चरणों में संचालित किया जाएगा। प्रथम चरण में बच्चों का चिह्नीकरण एवं आयु संगत कक्षा में नामांकन 1 अप्रैल 2023 से 15 मई 2023 की अवधि में किया जाएगा। वहीं दूसरे चरण में ईंट भट्टा खदानों एवं मौसमी पलायन से प्रभावित परिवारों के बच्चों का चिह्नीकरण एवं आयु संगत कक्षा में नामांकन दिनांक 1 जुलाई 2023 से 31 जुलाई 2023 की अवधि में संपन्न किया जाएगा। इसके अलावा विशिष्ट आवश्यकता वाले आउट ऑफ स्कूल बच्चों के चिह्नांकन का कार्य भी साथ ही किया जाएगा तथा चिन्हांकन के बाद आयु संगत कक्षा में नामांकन कार्य जाएगा। पलायन करने वाले बच्चों को माइग्रेशन सर्टिफिकेट उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे बच्चे को पलायन किए जाने वाले स्थान के निकटतम विद्यालय में माइग्रेशन सर्टिफिकेट के आधार पर नामांकन कराया जा सके।
विशेष प्रशिक्षण के लिए होगा मूल्यांकन
निर्देशों के अनुसार कक्षा 2 से 8 में विशेष प्रशिक्षण हेतु नामांकित समस्त आउट ऑफ स्कूल बच्चों का पहला मूल्यांकन (बेसलाइन एसेसमेंट) चिन्हांकन से 15 दिन के बाद शारदा एप के माध्यम से किया जाएगा। दूसरा मूल्यांकन अक्टूबर, तीसरा मूल्यांकन जनवरी और चौथा मूल्यांकन मार्च में किया जाएगा। एससेसमेंट के परिणामों के आधार पर नोडल अध्यापक द्वारा नामांकित आउट ऑफ स्कूल बच्चों के शिक्षण हेतु शिक्षण योजना तैयार की जाएगी। आउट ऑफ स्कूल बच्चों की नियमित उपस्थिति की निगरानी विशेष प्रशिक्षण के लिए नामित नोडल शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक द्वारा नियमित रूप से की जाएगी। आउट ऑफ स्कूल बच्चों का ठहराव सुनिश्चित करने एवं मुख्यधारा में लाने के लिए इन बच्चों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ा जाएगा। विद्यालयों में आयुसंगत कक्षा में नामांकित आउट ऑफ स्कूल बच्चों को उनकी कक्षा के अनुरूप अधिगम स्तर तक लाने के लिए शारदा संघनित पाठ्यक्रम के आधार पर विशेष प्रशिक्षण दिए जाने की व्यवस्था की जायेगी। इस हेतु नोडल अध्यापक को ब्लॉक स्तर पर प्रशिक्षत किया गया है। स्पेशल एजुकेटर्स द्वारा प्रतिमाह 20 विद्यालयों की मॉनीटरिंग की जाएगी एवं आउट ऑफ स्कूल बच्चों के चिन्हांकन, नामांकन, मूल्यांकन एवं उपस्थिति के संबंध में सूचना शारदा एप के माध्यम से अपलोड कराई जाएगी।